रविवार, 15 जुलाई 2012

सुनीता दूसरी अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना

सुनीता दूसरी अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना
वाशिंगटन। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स रविवार को दूसरी बार अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना हुई। सुनीता साल 2006 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) में छह माह गुजार चुकी हैं। सुनीता महिला के रूप में सबसे लम्बी अंतरिक्ष उड़ान (195 दिन) का रिकॉर्ड बना चुकी हैं।

सुनीता ने कजाकिस्तान के बैकानूर कास्मोड्रोम से रविवार सुबह 8:10 बजे रूसी संघीय अंतरिक्ष एजेंसी के फ्लाइट इंजीनियर यूरी मालेन्चें और जापान के अंतरिक्ष अन्वेषण एजेंसी के अकिहिको होशिदे के साथ उड़ान भरी। यूरी अपने साथ अपनी बेटी की एक गुडिया भी अंतरिक्ष में ले गए हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने पिछले साल अपनी अंतरिक्ष शटल परियोजना बंद कर दी थी जिसके बाद से अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों के लिए रूसी सोयुज रॉकेट ही फिलहाल सबसे प्रमुख साधन है।

नासा के अनुसार तीनों अंतरिक्ष यात्रियों का यान "सोयुज टीएमए-05 एम" अंतरिक्ष में परिक्रमा कर रहे आईएसएस स्थित रैस्वेट मॉडयूल से मंगलवार को जुडेगा। आईएसएस पर मौजूद एस्पपडिशन 32 के सदस्यों कमांडर जेनाडी पेडेल्का और फ्लाइट इंजीनियर जोए अकाबा व सर्जेई रेविन से उनकी मुलाकात होगी।

सुनीता आईएसएस पहुंचने पर एक्सपेडिसन-33 के कमांडर का कार्य संभालेंगी। उनकी टीम ने लंदन ओलंपिक के मौके पर अंतरिक्ष में खेल का आयोजन करने की तैयारी की है। उन्होंने हाल ही कहा था, मुझे जमीन पर काम करने से आसान अंतरिक्ष में चलना लगता है। मुझे पूरी आशा है कि ये यात्रा बिना किसी परेशानी के होगी। मेरी टीम बहुत अच्छी है और हम लोग मिलकर काम करते हैं। इसलिए इस यात्रा में सब कुछ सामान्य होना चाहिए।

अंतरिक्ष में कार्यक्रम बहुत व्यस्त होगा -
नासा के मुताबिक सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगियों का अंतरिक्ष केंद्र में कार्यक्रम बहुत व्यस्त होगा। इनमें दो स्पेस वॉक के अलावा जापानी और अमरीकी वाणिज्यिक और रूसी आपूर्ति यानों का शोध शामिल है। सुनीता और उनकी टीम नवंबर के मध्य में धरती पर लौटेगी।


सुनाती ने बनाया रिकॉर्ड -
विलियम्स ने 2006 में अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा के दौरान महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में तीन रिकॉर्ड बनाए थे - सबसे लम्बी अंतरिक्ष उड़ान (195 दिन), अंतरिक्ष भ्रमणों की संख्या (चार), और अंतरिक्ष भ्रमणों पर खर्च हुआ कुल समय (29 घंटे और 17 मिनट)। गुजरात के रहने वाले अमरीकी भारतीय पिता और स्लोवेनियाई मां की संतान सुनीता अंतरिक्ष में इतना समय बिताने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री हैं।

कल्पना चावला के बाद नासा द्वारा किसी अंतरिक्ष मिशन के लिए चुनी गईं विलियम्स भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं और रोनाल्ड एम. सेगा के बाद स्लॉवेनियाई मूल की दूसरी अंतरिक्ष यात्री हैं। उनसे पहले दिवंगत कल्पना चावला भी अंतरिक्ष में जा चुकी थीं। साल 2003 में पृथ्वी पर लौटते हुए उनका यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें सभी यात्रियों की मौत हो गई थी।

1988 में हुआ था चयन -
अमेरिकी नौसैन्य अकादमी से 1987 में स्त्रातक विलियम्स, नासा द्वारा 1998 में अंतरिक्ष यात्री के उम्मीदवार के रूप में चुने जाने से पहले नौसैन्य अधिकारी के रूप में विभिन्न भूमिकाएं निभा चुकी हैं। सुनीता ने 1995 में फ्लोरिडा इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मास्टर्स डिग्री ली थी। उन्हें एक्सपिडिशन 14 की सदस्य के तौर पर 2006 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में काम सौंपा गया था और बाद में वे एक्सपिडिशन 15 से जुड़ी।

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