पवार ने मंत्री पद छोड़ दिया?
नई दिल्ली। क्या राकांपा सुप्रीमो शरद पवार अब केन्द्र सरकार में मंत्री नहीं हैं, यह सवाल सोमवार को उस समय उठ खड़ा हुआ जब पवार राष्ट्रपति चुनाव में जीते प्रणब मुखर्जी को बधाई देने उनके निवास तक सरकारी कार की बजाय अपनी निजी गाड़ी से गए।
कांग्रेस से मतभेदों के चलते प्रधानमंत्री को इस्तीफा सौंपे जाने की खबरों का भले ही वे पहले खंडन कर चुके हों, पर जिस तरह उन्होंने सरकारी कार का उपयोग करना छोड़ दिया उससे राजनीतिक गलियारों में यह खबर जार पकड़ चुकी है कि उन्होंने प्रधानमंत्री को सौंपा गया इस्तीफा वापस नहीं लिया है तथा कांग्रेस से उनके मतभेद बरकार हैं।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री की तरफ से आज शाम राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के सम्मान में दिए जा रहे भोज में भी पवार व उनकी पार्टी का कोई नेता शामिल नहीं होगा। राकांपा की तरफ से केन्द्र में मंत्री पीए संगमा की बेटी अगाथा संगमा को भी पवार ने मंत्रालय नहीं जाने को कह दिया है।
मालूम हो कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में नंबर दो नहीं बनाए जाने नाराज केंद्रीय कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) के नेता शरद पवार का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है। उनकी पार्टी गठबंधन से अलग होने पर अड़ गई है। अब सबकी निगाहें आज होने वाली राकांपा की बैठक पर टिक गई है। इस बीच पवार को शांत करने की एक कोशिश के तहत कई नेताओं के बयान भी आए। इन नेताओं ने उम्मीद जताई कि विवाद को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।
रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने कहा कि मंत्रिमंडल में सभी मंत्री एक बराबर हैं। मुम्बई में पत्रकारों से बातचीत में एंटनी ने कहा कि मंत्रिमंडल में कोई वरिष्ठ या कनिष्ठ मंत्री नहीं है। वहां सभी बराबर हैं। राकांपा द्वार गठबंधन के कुछ पहलुओं पर नाराजगी जताए जाने के बाद शुक्रवार को कांग्रेस ने राकांपा से बात की थी।
राकांपा सूत्रों के मुताबिक उसकी नाराजगी मंत्रिमंडल से प्रणब मुखर्जी की विदाई के बाद शरद पवार को उनकी जगह नम्बर दो का दर्जा न मिलने को लेकर है। इसके अलावा राकांपा, कभी शरद पवार के शागिर्द रहे सुशील कुमार शिंदे को लोकसभा में सदन का नेता बनाए जाने की खबरों पर भी नाराज है। राकांपा के लोकसभा में नौ सांसद हैं और पार्टी साल 2004 से ही केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) में शामिल है।
केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि उनकी पार्टी राकांपा से मतभेद सुलझा लेगी। शुक्ला ने कहा कि कभी-कभी गलितयां हो जाती हैं, लेकिन उन्हें ज्यादा महत्व नहीं देना चाहिए। मामले को सुलझाने के लिए ही शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शरद पवार से सम्पर्क किया।
नई दिल्ली। क्या राकांपा सुप्रीमो शरद पवार अब केन्द्र सरकार में मंत्री नहीं हैं, यह सवाल सोमवार को उस समय उठ खड़ा हुआ जब पवार राष्ट्रपति चुनाव में जीते प्रणब मुखर्जी को बधाई देने उनके निवास तक सरकारी कार की बजाय अपनी निजी गाड़ी से गए।
कांग्रेस से मतभेदों के चलते प्रधानमंत्री को इस्तीफा सौंपे जाने की खबरों का भले ही वे पहले खंडन कर चुके हों, पर जिस तरह उन्होंने सरकारी कार का उपयोग करना छोड़ दिया उससे राजनीतिक गलियारों में यह खबर जार पकड़ चुकी है कि उन्होंने प्रधानमंत्री को सौंपा गया इस्तीफा वापस नहीं लिया है तथा कांग्रेस से उनके मतभेद बरकार हैं।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री की तरफ से आज शाम राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के सम्मान में दिए जा रहे भोज में भी पवार व उनकी पार्टी का कोई नेता शामिल नहीं होगा। राकांपा की तरफ से केन्द्र में मंत्री पीए संगमा की बेटी अगाथा संगमा को भी पवार ने मंत्रालय नहीं जाने को कह दिया है।
मालूम हो कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में नंबर दो नहीं बनाए जाने नाराज केंद्रीय कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) के नेता शरद पवार का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है। उनकी पार्टी गठबंधन से अलग होने पर अड़ गई है। अब सबकी निगाहें आज होने वाली राकांपा की बैठक पर टिक गई है। इस बीच पवार को शांत करने की एक कोशिश के तहत कई नेताओं के बयान भी आए। इन नेताओं ने उम्मीद जताई कि विवाद को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।
रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने कहा कि मंत्रिमंडल में सभी मंत्री एक बराबर हैं। मुम्बई में पत्रकारों से बातचीत में एंटनी ने कहा कि मंत्रिमंडल में कोई वरिष्ठ या कनिष्ठ मंत्री नहीं है। वहां सभी बराबर हैं। राकांपा द्वार गठबंधन के कुछ पहलुओं पर नाराजगी जताए जाने के बाद शुक्रवार को कांग्रेस ने राकांपा से बात की थी।
राकांपा सूत्रों के मुताबिक उसकी नाराजगी मंत्रिमंडल से प्रणब मुखर्जी की विदाई के बाद शरद पवार को उनकी जगह नम्बर दो का दर्जा न मिलने को लेकर है। इसके अलावा राकांपा, कभी शरद पवार के शागिर्द रहे सुशील कुमार शिंदे को लोकसभा में सदन का नेता बनाए जाने की खबरों पर भी नाराज है। राकांपा के लोकसभा में नौ सांसद हैं और पार्टी साल 2004 से ही केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) में शामिल है।
केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि उनकी पार्टी राकांपा से मतभेद सुलझा लेगी। शुक्ला ने कहा कि कभी-कभी गलितयां हो जाती हैं, लेकिन उन्हें ज्यादा महत्व नहीं देना चाहिए। मामले को सुलझाने के लिए ही शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शरद पवार से सम्पर्क किया।
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