जान दे देंगे, मगर जमीन नहीं देंगे
किसानों ने भरी हुंकार, विधायक ने दिया समर्थन, शिवकर लिग्नाइट परियोजना के लिए अवाप्ति को प्रस्तावित भूमि का मामला
बाड़मेरशिवकर लिग्नाइट परियोजना के लिए अवाप्ति को प्रस्तावित भूमि के विरोध में सोमवार को महावीर पार्क में एकत्रित हुए किसानों ने हुंकार भरते हुए कहा कि जान दे देंगे मगर जमीन नहीं देंगे। बैठक में किसानों ने अवाप्ति के विरोध में आंदोलन की रूपरेखा तय की। इस दौरान कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन ज्ञापन सौंपा। बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने किसानों का समर्थन किया है।
राजस्थान स्टेट माइन्स एवं मिनरल्स निगम लि. की ओर से शिवकर लिग्नाइट परियोजना के लिए बाड़मेर आगोर, आदर्श आगोर, महाबार, शिवकर, अजब नगर व कुड़ला गांव की करीब 4744 बीघा भूमि अवाप्त करना प्रस्तावित है। इन गांवों के किसानों की बैठक सोमवार को महावीर पार्क में आयोजित हुई। इस मौके किसानों को संबोधित करते हुए छगन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार एवं खान विभाग कृषि भूमि को बिना किसी वैज्ञानिक, भौतिक व आर्थिक सर्वेक्षण के अवाप्त करने जा रहे हैं। किसानों के विरोध के बावजूद अधिसूचना जारी कर दी गई। सरकार को पहले अवाप्ति के विरोध की समीक्षा एवं सभी स्तरों पर सर्वेक्षण व जांच करनी चाहिए कि भूमि अवाप्ति प्रक्रिया फायदे की अपेक्षा घातक तो साबित नहीं होगी। किसान नेता स्वरूपसिंह बाड़मेर आगोर ने कहा कि पुरखों की जमीन पर पीढिय़ों से ग्रामीण निवास कर रहे हैं। कृषि व पशुपालन ही अधिकतर लोगों की आजीविका के साधन है। भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू करने से पहले किसानों कि मांगों पर विचार विमर्श करना चाहिए। सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के चलते किसानों को मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ेगा। बैठक के बाद प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि विभिन्न परिस्थितियों को देखते हुए शहर के आस-पास के गांवों की भूमि को अवाप्ति से मुक्त रखा जाए। इस दौरान बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए भूमि को अवाप्त मुक्त रखने की बात कही। इस अवसर पर उदयसिंह बाड़मेर आगोर, मूलाराम चौधरी, प्रेमसिंह, अजयपालसिंह, शैलसिंह, पहाड़ सिंह समेत बड़ी तादाद में किसान मौजूद थे।
किसानों ने भरी हुंकार, विधायक ने दिया समर्थन, शिवकर लिग्नाइट परियोजना के लिए अवाप्ति को प्रस्तावित भूमि का मामला
बाड़मेरशिवकर लिग्नाइट परियोजना के लिए अवाप्ति को प्रस्तावित भूमि के विरोध में सोमवार को महावीर पार्क में एकत्रित हुए किसानों ने हुंकार भरते हुए कहा कि जान दे देंगे मगर जमीन नहीं देंगे। बैठक में किसानों ने अवाप्ति के विरोध में आंदोलन की रूपरेखा तय की। इस दौरान कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन ज्ञापन सौंपा। बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने किसानों का समर्थन किया है।
राजस्थान स्टेट माइन्स एवं मिनरल्स निगम लि. की ओर से शिवकर लिग्नाइट परियोजना के लिए बाड़मेर आगोर, आदर्श आगोर, महाबार, शिवकर, अजब नगर व कुड़ला गांव की करीब 4744 बीघा भूमि अवाप्त करना प्रस्तावित है। इन गांवों के किसानों की बैठक सोमवार को महावीर पार्क में आयोजित हुई। इस मौके किसानों को संबोधित करते हुए छगन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार एवं खान विभाग कृषि भूमि को बिना किसी वैज्ञानिक, भौतिक व आर्थिक सर्वेक्षण के अवाप्त करने जा रहे हैं। किसानों के विरोध के बावजूद अधिसूचना जारी कर दी गई। सरकार को पहले अवाप्ति के विरोध की समीक्षा एवं सभी स्तरों पर सर्वेक्षण व जांच करनी चाहिए कि भूमि अवाप्ति प्रक्रिया फायदे की अपेक्षा घातक तो साबित नहीं होगी। किसान नेता स्वरूपसिंह बाड़मेर आगोर ने कहा कि पुरखों की जमीन पर पीढिय़ों से ग्रामीण निवास कर रहे हैं। कृषि व पशुपालन ही अधिकतर लोगों की आजीविका के साधन है। भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू करने से पहले किसानों कि मांगों पर विचार विमर्श करना चाहिए। सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के चलते किसानों को मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ेगा। बैठक के बाद प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि विभिन्न परिस्थितियों को देखते हुए शहर के आस-पास के गांवों की भूमि को अवाप्ति से मुक्त रखा जाए। इस दौरान बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए भूमि को अवाप्त मुक्त रखने की बात कही। इस अवसर पर उदयसिंह बाड़मेर आगोर, मूलाराम चौधरी, प्रेमसिंह, अजयपालसिंह, शैलसिंह, पहाड़ सिंह समेत बड़ी तादाद में किसान मौजूद थे।
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