खुल गया रहस्यमयी लड़की का राज!
लंदन। ओलंपिक के उदघाटन समारोह में भारतीय दल के ध्वजवाहक सुशील कुमार के साथ चल रही एक अज्ञात लड़की का रहस्य खुल गया है। एक वैबसाइट ने दावा किया है कि उस लड़की का नाम मदुरा है तथा वह बेंगलूरू में पोस्टग्रेजूएट तक पढ़ी है। उसका परिवार लंदन में ही रहता है तथा वह पढ़ाई पूरी कर लंदन में ही रह रही है। लड़की का फेसबुक पर भी अकाउंट था जिस पर उसने ओलंपिक पास अपलोड किया था। भारतीय दल के साथ उसके शामिल होने की खबर उजागर होते ही उसने अपना फेसबुक अकाउंट बंद कर दिया है।
मालूम हो कि ओलंपिक के मार्चपास्ट में भारतीय दल के साथ लाल कमीज और नीली पतलून पहने एक लड़की भी नजर आई, जो बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता सुशील कुमार के साथ चल रही थी। उसकी अवांछित मौजूदगी भारतीयाें को रास नहीं आई, क्योंकि किसी को पता नहीं था कि वह कौन है।
भारतीय दल के कार्यवाहक मिशन प्रमुख ब्रिगेडियर पीके मुरलीधरन राजा इससे काफी नाखुश दिखे कि भारतीय दल का हिस्सा नहीं होने के बावजूद वह महिला टीम के साथ कैसे चल रही थी। राजा ने कहा कि भारतीय दल के साथ उसके चलने का कोई मतलब नहीं था। हम आयोजकों के सामने यह मसला रखेंगे। हमें नहीं पता कि वह कौन थी और उसे किसने अनुमति दी। यह शर्मनाक है कि वह खिलाडियों के साथ मार्चपास्ट में चल रही थी। हमें शुरू में बताया गया था कि वह टै्रक तक हमारे साथ चलेगी, लेकिन वह पूरे चक्कर में साथ रही।
एक व्यक्ति और था, लेकिन वह बीच में रूक गया। राजा ने कहा कि हमें इस पर सख्त ऎतराज है। मार्चपास्ट खिलाडियों और अधिकारियों के लिए था। हम हैरान हंै कि कोई और ट्रैक पर कैसे घुस गया। उस महिला की मौजूदगी ने कल रात भारतीय मीडिया को भी हैरान कर दिया, जिसने टीम प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा था। राजा ने कहा कि भारतीय दल को टीवी कवरेज में बमुश्किल 10 सैकंड दिखाया गया, जबकि पूरा फोकस उस महिला पर था। भारत के 81 खिलाड़ी ओलंपिक में भाग ले रहे हैं, लेकिन उद्घाटन समारोह में 40 खिलाड़ी और 11 अधिकारी ही मौजूद थे।
लंदन। ओलंपिक के उदघाटन समारोह में भारतीय दल के ध्वजवाहक सुशील कुमार के साथ चल रही एक अज्ञात लड़की का रहस्य खुल गया है। एक वैबसाइट ने दावा किया है कि उस लड़की का नाम मदुरा है तथा वह बेंगलूरू में पोस्टग्रेजूएट तक पढ़ी है। उसका परिवार लंदन में ही रहता है तथा वह पढ़ाई पूरी कर लंदन में ही रह रही है। लड़की का फेसबुक पर भी अकाउंट था जिस पर उसने ओलंपिक पास अपलोड किया था। भारतीय दल के साथ उसके शामिल होने की खबर उजागर होते ही उसने अपना फेसबुक अकाउंट बंद कर दिया है।
मालूम हो कि ओलंपिक के मार्चपास्ट में भारतीय दल के साथ लाल कमीज और नीली पतलून पहने एक लड़की भी नजर आई, जो बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता सुशील कुमार के साथ चल रही थी। उसकी अवांछित मौजूदगी भारतीयाें को रास नहीं आई, क्योंकि किसी को पता नहीं था कि वह कौन है।
भारतीय दल के कार्यवाहक मिशन प्रमुख ब्रिगेडियर पीके मुरलीधरन राजा इससे काफी नाखुश दिखे कि भारतीय दल का हिस्सा नहीं होने के बावजूद वह महिला टीम के साथ कैसे चल रही थी। राजा ने कहा कि भारतीय दल के साथ उसके चलने का कोई मतलब नहीं था। हम आयोजकों के सामने यह मसला रखेंगे। हमें नहीं पता कि वह कौन थी और उसे किसने अनुमति दी। यह शर्मनाक है कि वह खिलाडियों के साथ मार्चपास्ट में चल रही थी। हमें शुरू में बताया गया था कि वह टै्रक तक हमारे साथ चलेगी, लेकिन वह पूरे चक्कर में साथ रही।
एक व्यक्ति और था, लेकिन वह बीच में रूक गया। राजा ने कहा कि हमें इस पर सख्त ऎतराज है। मार्चपास्ट खिलाडियों और अधिकारियों के लिए था। हम हैरान हंै कि कोई और ट्रैक पर कैसे घुस गया। उस महिला की मौजूदगी ने कल रात भारतीय मीडिया को भी हैरान कर दिया, जिसने टीम प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा था। राजा ने कहा कि भारतीय दल को टीवी कवरेज में बमुश्किल 10 सैकंड दिखाया गया, जबकि पूरा फोकस उस महिला पर था। भारत के 81 खिलाड़ी ओलंपिक में भाग ले रहे हैं, लेकिन उद्घाटन समारोह में 40 खिलाड़ी और 11 अधिकारी ही मौजूद थे।
भारतीय लड़की ने साबित कर दिया कि घुसपैठ कहीं भी की जा सकती है !
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