युगों तक याद रहेगा वीरमदेव का बलिदान तलवार की भेंट दी जनरल मर्चेंट एसोसिएशन जालोर की ओर से अतिथियों का बहुमान किया गया। साथ ही जोधपुर और सिरोही के पूर्व नरेश व आयोजक महेंद्र कुमार मुणोत को तलवार भेंट की गई। बाजार रहा बंद मूर्ति अनावरण समारोह को लेकर शहरवासियों में गजब का उत्साह देखा गया। हर उम्र वर्ग के लोग मूर्ति अनावरण समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे। इस दौरान बाजार में सभी प्रतिष्ठान दिनभर बंद रहे। बड़ी संख्या में शहरवासी और व्यवसायी अनावरण समारोह में मौजूद थे। विधायक ने की 10 लाख की घोषणा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जालोर विधायक रामलाल मेघवाल ने कहा कि जालोर में ऐतिहासिक संपदा की भरमार है, जिसे सहेजने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दुर्ग को संरक्षित करने के लिए सड़क की जरूरत है। इसके साथ ही यहां म्यूजियम भी बनना चाहिए। उन्होंने म्यूजियम निर्माण के लिए 10 लाख रुपए की घोषणा की। वीरमदेव क्षत्रिय शिक्षण संस्थान जालोर के अध्यक्ष रतनसिंह राठौड़ ने विधायक की इस घोषणा पर म्यूजियम के लिए 1 बीघा जमीन देने की घोषणा की। साथ ही कहा कि जालोर की टुकाली पहाड़ी पर साल के अंत तक वीर वीरमदेव की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। जालोर. अनावरण के बाद वीरमदेव की प्रतिमा। शहर के वीरमदेव चौक में स्थापित वीर वीरमदेव की प्रतिमा का अनावरण सिरोही व जोधपुर के पूर्व नरेश ने भी की शिरकत जालोर शहर के वीरमदेव चौक में स्थापित महारावल वीरमदेव सोनगरा चौहान की प्रतिमा का अनावरण पं. पवन दाधीच के आचार्यत्व में पूर्व नरेश जोधपुर गजसिंह व सिरोही के पूर्व नरेश रघुवीरसिंह ने शनिवार को किया। इस दौरान लोगों ने पूर्व नरेशों पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। प्रतिमा के अनावरण पर पूरा पांडाल वीर वीरमदेव के जयकारों से गूंज उठा। अनावरण के बाद अतिथियों का सम्मान किया गया। इस मौके पर जोधपुर पूर्व नरेश ने कहा कि यह उनके लिए सौभाग्य की बात है कि उन्हें वीर वीरमदेव की प्रतिमा अनावरण समारोह में भाग लेने का अवसर मिला। वीरमदेव वीर और साहसी थे, जिन्होंने मृत्यु पर्यंन्त राष्ट्र धर्म का निर्वहन किया। उन्होंने कहा कि जालोर की ऐतिहासिक संपदा की सुरक्षा जरूरी है। पुरातत्व विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए। वहीं उन्होंने जालोर दुर्ग और इसकी ऐतिहासिक संपदा को संरक्षित करने के लिए पूरा सहयोग देने की बात कही। इसी प्रकार सिरोही के पूर्व नरेश ने जालोर की ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जालोर वीरों, शूरवीरों और महापुरुषों की भूमि है। यहां के वीर पुरुषों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राणों का उत्सर्ग किया। उन्होंने वीर वीरमदेव के मातृभूमि प्रेम पर प्रकाश डाला। उन्होंने जालोर दुर्ग पर अल्लाउद्दीन के विभिन्न आक्रमणों के घटनाक्रमों तथा आमजन व राजपूतों की शूरवीरता की जानकारी दी। साथ ही वीरम-फिरोजा के प्रेम प्रसंग और उसके समानांतर चलते रहे युद्धों व वीरमदेव की वीरगति पर पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सही मायने में वीरमदेव की अमरगाथा को कभी भुलाया नहीं जा सकता। वर्तमान समय में वीरमदेव जैसे राष्ट्रभक्त की जरूरत है। पूर्व विधायक टीकमचंद कांत ने जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की जानकारी देते हुए आयोजन के लिए भामाशाह परिवार का आभार जताया। उन्होंने यहां प्रचलित विभिन्न लोकमान्यताओं और ऐतिहासिकता के आधार पर वीरमदेव का चरित्र चित्रण किया। भामाशाह महेंद्र कुमार मुणोत ने कहा कि इस महान वीर पुरुष की नई प्रतिमा की स्थापना जिलेवासियों के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सहयोग कर वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। कार्यक्रम को नेता प्रतिपक्ष मंजू सोलंकी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष जालमसिंह, कालूराज मेहता, डूंगरचंद शाहजी, चितलवाना से मोहनसिंह व राजेंद्र सोलंकी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इसे पूर्व हिंदू युवा संगठन की ओर से भी पूर्व नरेशों का स्वागत किया गया। इस दौरान जिला अध्यक्ष सुरेश सोलंकी, प्रवक्ता प्रवीणनाथ गोस्वामी, कोषाध्यक्ष मूलाराम प्रजापत, सह कोषाध्यक्ष मंगलाराम, ललित खत्री समेत कई जने मौजूद थे। |
रविवार, 22 जुलाई 2012
युगों तक याद रहेगा वीरमदेव का बलिदान
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