तेरह साल से फरार हत्या का आरोपी गिरफ्तार,
गिरफ़्तारी से बचने के लिए बनाया था खुद का पालिया मंदिर
बाड़मेर बाड़मेर पुलिस ने स्थाई वारंटियो की धरपकड़ के लिए चलाये जा रहे अभियान में आज बड़ी सफलता हासिल कर तेरह साल से फरार ह्त्या के आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की खीमा पुत्र सामथी जाति रेबारी निवासी पतरासर की हत्या करने पर थाना सदर बाड़मेर पर प्रकरण संख्या 192/1979 धारा 147,149,302 भा.द.स. मे आरोपी हरीसिह पुत्र श्री महादानसिह जाति राजपुत निवासी आटी को माननीय सेंशन न्यायाधीश बालोतरा जिला बाडमेर द्वारा आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया गया था सजा भुगतने हेतु दण्डित बंदी को केन्द्रीय कारागृह जोधपुर मे स्थानान्तरण किया गया था जिसको जिला कलेक्टर एवम जिला मजिस्ट्रेट बाडमेर के आदेश से दिनांक 09.03.1999 को केन्द्रीय कारागृह जोधपुर से 15 दिन की पैरोल पर रिहा हुआ था । पैरोल पर रिहा होने के बाद दण्डित बंदी केन्द्रीय कारागृह जोधपुर मे नियत दिनांक 23.03.1999 को उपस्थित न होकर पैरोल से फरार हो गया था। दण्डित बंदी हरीसिह की गिरफ्तारी बाबत पिछले कई सालो से प्रयास किये जा रहे थे । उक्त अपराधी का घर आटी गांव से लगभग 0304 किलोमीटर की दुरी पर एकान्त मे आया हुआ है । जब भी इसकी गिरफ्तारी हेतु इसके घर पर दबिश दी जाती तो पुलिस जाब्ता, गाडी को देखकर ,गाडी की आवाज सुनकर व गाडी की लाईटें देखकर इसके घर से लगभग 02 किलोमीटर दुरी पर स्थित पहाड़ो की तरफ जंगल मे होता हुआ पहाड़ो मे जाकर छुप जाता जिससे इसकी गिरफ्तारी नही हो पा रही थी । थानाधिकारी कैलाश चन्द्र मीणा निरीक्षक पुलिस मय जाब्ता द्वारा उक्त लोकेसन का सादा वस्त्रो मे कई किलोमीटर तक पैदल चलकर अवलोकन किया गया था । तत्पश्चात इसी कार्य योजना के तहत गत दो दिन की रात्री मे थानाधिकारी सदर बाड़मेर मय पुलिस पार्टी द्वारा पहाड़ी को घेरकर उसके घर पर दबिश दी गई । जिस पर दंडित बंदी हरीसिह को गिरफ्तार करने मे सफलता हासिल की गई। दंडित बंदी हरीसिह द्वारा पुलिस की नजरो मे अपने आपको मरा हुआ साबित करने के लिऐ घर के आंगन मे चबुतरा (पालिया ) भी कई वर्षो से बनाया हुआ है । ंजब भी पुलिस इसके घर पर दबिश व गिरफ्तारी हेतु जाती तो इसके घर वालो द्वारा हरीसिह के कई वर्षो पुर्व मरने की बात बता कर उसके याद मे चबुतरा (पालीया) बना होना पुलिस जाब्ता को दिखाया जाता था ।
गिरफ़्तारी से बचने के लिए बनाया था खुद का पालिया मंदिर
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