मंगलवार, 10 जुलाई 2012

तड़प-तड़प कर मर गई तीसरी कक्षा की छात्रा, शिक्षक नाश्ता करते रहे!



बालेसर (जोधपुर).आगोलाई के राजकीय बालिका प्राथमिक स्कूल में सोमवार सुबह तीसरी कक्षा की एक छात्रा की टांके में डूबने से मौत हो गई। स्कूल स्टाफ ने कुछ छात्राओं को दरियां व फर्श धोने के लिए पानी लेने भेजा था। स्टाफ कमरे में चाय-नाश्ता कर रहा था, तभी यह हादसा हुआ। इस दौरान अन्य छात्राओं ने स्टाफ को भी बुलाया, लेकिन कोई नहीं आया। ग्रामीणों ने बच्ची को बाहर निकालकर डॉक्टर को भी बुलाया, लेकिन उसने भी आने से इनकार कर दिया।
 

इससे गुस्साए ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और शाम तक शव नहीं उठाया। बाद में पूरे स्कूल स्टाफ, डॉक्टर व नोडल अधिकारी को एपीओ करने पर ग्रामीण शांत हुए। सरपंच राजूराम चौधरी ने बताया कि स्कूल की प्रधानाध्यापिका सुमन शर्मा व अन्य शिक्षकों ने छात्राओं को फर्श व दरियां धोने के लिए कहा और खुद स्टाफ रूम में जाकर चाय-नाश्ता करने लगे।


तीसरी कक्षा की छात्रा अन्नु (10) पुत्री मुकनपुरी स्वामी टांके से तीन बाल्टियां पानी भरकर लाई। चौथी बार पानी निकालते हुए वह टांके में गिर गई। यह देख अन्य छात्राओं ने स्टाफ को बुलाया, मगर कोई भी नहीं आया। इस पर विद्यार्थी अपने घरों से परिजनों को बुलाकर लाए जिन्होंने बच्ची को बाहर निकाला।


टीचर्स-डॉक्टर की आपराधिक लापरवाही


पानी की बाल्टियां भरती-भरती मासूम टांके में गिर पड़ी। बच्चे टीचर्स को बताने दौड़े लेकिन उन्हें लगा जैसे कुछ हुआ ही न हो। ग्रामीण डॉक्टर को बुलाने गए तो उसने भी आने से मना कर दिया। जब ग्रामीण फट पड़े और प्रदर्शन किया तो प्रशासन जागा।


सांसें टूटी, तब पहुंचा डॉक्टर


इस बीच कुछ ग्रामीणों ने तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉ. संजयकुमार को बुलाया। लेकिन डॉक्टर ने भी मौके पर आने से इनकार करते हुए बच्ची को अस्पताल लाने को कहा। बाद में काफी संख्या में ग्रामीणों के एकत्र होने पर डॉक्टर चलने को राजी हुआ, लेकिन तब तक मासूम की सांसें उखड़ चुकी थीं।



ग्रामीणों ने की स्कूल में तोड़फोड़


हादसे की खबर पर सैकड़ों ग्रामीण एकत्र हो गए तथा स्कूल स्टाफ व डॉक्टर के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। गुस्साए ग्रामीणों ने स्कूल के बर्तन फेंक दिए और फर्नीचर तोड़ दिया। मामला बढ़ने पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी स्कूल पहुंचे। ग्रामीणों ने स्कूल स्टाफ, नोडल अधिकारी व डॉक्टर को हटाने की मांग व मृतक मासूम के परिवार को पांच लाख मुआवजा दिलाने की मांग की।


बच्चे ही तो करेंगे सफाई: नोडल अधिकारी


मामला चल रहा था कि इसी दौरान क्षेत्र के नोडल अधिकारी नखतसिंह बोले कि स्कूल में साफ-सफाई बच्चे नहीं तो कौन शिक्षक करेंगे? इस बात पर ग्रामीण और भड़क गए।


सबको एपीओ करने पर माने ग्रामीण


एसडीएम निसार खान ने शाम 6 बजे कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका सुमन शर्मा, शिक्षिका निर्मला डाबी, वीणा पुरोहित, मधुबाला माथुर, रेखा सिसोदिया, कविता शेखावत, नोडल अधिकारी नखतसिंह और डॉक्टर संजय शर्मा को एपीओ करने की घोषणा की। इसके बाद ग्रामीणों ने शव उठाया।


दो स्कूलों में खुले पड़े हैं नौ टांके


स्कूल प्रशासन की लापरवाही का आलम यह है कि कस्बे के दो सरकारी स्कूलों में नौ टांके खुले ही पड़े हैं। इन टांकों में कई फीट पानी भरा रहता है। यहां रोजाना सैकड़ों विद्यार्थी पढ़ने आते हैं। जरूरत का पानी भी अधिकांशत: विद्यार्थियों से ही मंगवाया जाता है। इन टांकों में किसी जानवर या विद्यार्थी के गिरने की आशंका हमेशा बनी रहती थी। आखिर सोमवार को इसी लापरवाही ने अन्नु की जान ले ली।

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