जोधपुर.जैसलमेर के नाचना में पकड़ा गया जासूस रज्जाक अपने तीन साथियों द्वारा जुटाई गई सामरिक जानकारियां मेमोरी कार्ड में भर कर पाकिस्तान ले गया था। जनवरी में जब उसके तीनों साथी पकड़े गए तो वह तीन बार वीजा बढ़वा कर पाकिस्तान में ही रुक गया। इंटेलीजेंस ने उन तीनों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी थी, मगर रज्जाक की जांच पेंडिंग रखी थी।
छह माह बीतने के बाद मामला ठंडा होता देखा रज्जाक दस दिन पहले भारत आ गया। उसी वक्त सीआईडी को उसकी भनक लग गई और जयपुर सीआईडी की टीम ने नाचना पहुंच कर उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे जेल भेजा जा चुका है। पूछताछ में रज्जाक ने कई राज उगले हैं।
सेना की हर यूनिट की जानकारी ले गया
रज्जाक आईएसआई के सीधे संपर्क में था। उसने ही बाप निवासी अपने रिश्तेदारों गुलाम रसूल, मजीद और अल्लाबक्श को जासूसी के लिए तैयार किया। गुलाम पहले भी सीमा पार से तस्करी भी करता था। ये चारों जैसलमेर, बाड़मेर व जोधपुर में सैन्य गतिविधियों और सेना के हर मूवमेंट पर नजर रखते थे।
इसके अलावा चांधन व लाठी फायरिंग रेंज और पोकरण में होने वाले परीक्षणों की सूचनाएं मेमोरी कार्ड में भर कर रज्जाक पिछले वर्ष अक्टूबर में पाकिस्तान चला गया। पाकिस्तान से तीनों जासूसों से संपर्क रखने के लिए वह भारतीय सिम भी साथ ले गया, उससे उनकी हर रोज बातें होती थी। रज्जाक ही आईएसआई से मिले पैसे इन जासूसों को भिजवाता था।
दो जासूस पाकिस्तान भागते पकड़े गए थे
सीआईडी ने इस वर्ष 18 जनवरी को गुलाम को गिरफ्तार किया था। यह जानकारी मिलते ही मजीद और मौलाबक्श भी अटारी के रास्ते पाकिस्तान जाने लगे, मगर गुलाम की सूचना पर दूसरे दिन मौलाबक्श गंगानगर में और मजीद अमृतसर में पकड़ा गया। उस वक्त रज्जाक का भी भारत लौटने का इरादा था, मगर इन तीनों के पकड़े जाने पर उसने अपना वीजा बढ़वा लिया। इंटेलीजेंस का लगातार मूवमेंट देख कर उसने तीन बार वीजा बढ़वाया।
छह माह बीतने के बाद मामला ठंडा होता देखा रज्जाक दस दिन पहले भारत आ गया। उसी वक्त सीआईडी को उसकी भनक लग गई और जयपुर सीआईडी की टीम ने नाचना पहुंच कर उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे जेल भेजा जा चुका है। पूछताछ में रज्जाक ने कई राज उगले हैं।
सेना की हर यूनिट की जानकारी ले गया
रज्जाक आईएसआई के सीधे संपर्क में था। उसने ही बाप निवासी अपने रिश्तेदारों गुलाम रसूल, मजीद और अल्लाबक्श को जासूसी के लिए तैयार किया। गुलाम पहले भी सीमा पार से तस्करी भी करता था। ये चारों जैसलमेर, बाड़मेर व जोधपुर में सैन्य गतिविधियों और सेना के हर मूवमेंट पर नजर रखते थे।
इसके अलावा चांधन व लाठी फायरिंग रेंज और पोकरण में होने वाले परीक्षणों की सूचनाएं मेमोरी कार्ड में भर कर रज्जाक पिछले वर्ष अक्टूबर में पाकिस्तान चला गया। पाकिस्तान से तीनों जासूसों से संपर्क रखने के लिए वह भारतीय सिम भी साथ ले गया, उससे उनकी हर रोज बातें होती थी। रज्जाक ही आईएसआई से मिले पैसे इन जासूसों को भिजवाता था।
दो जासूस पाकिस्तान भागते पकड़े गए थे
सीआईडी ने इस वर्ष 18 जनवरी को गुलाम को गिरफ्तार किया था। यह जानकारी मिलते ही मजीद और मौलाबक्श भी अटारी के रास्ते पाकिस्तान जाने लगे, मगर गुलाम की सूचना पर दूसरे दिन मौलाबक्श गंगानगर में और मजीद अमृतसर में पकड़ा गया। उस वक्त रज्जाक का भी भारत लौटने का इरादा था, मगर इन तीनों के पकड़े जाने पर उसने अपना वीजा बढ़वा लिया। इंटेलीजेंस का लगातार मूवमेंट देख कर उसने तीन बार वीजा बढ़वाया।
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