इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का आह्वान , काली पट्टी से हुआ विरोध
बाड़मेर देश भर के डाक्टर सोमवार को एक बार फिर विरोध के तेवरों के साथ काम करते नजर आये वजह रही सरकार द्वारा क्लीनिकल प्रतिष्ठानों के लिए आने वाला विधेयक देश और राजस्थान में पारित नहीं किया जाये , संसद और विधानसभा में इस बात का जनप्रतिनिधियों के मार्फत समर्थन हासिल करना और भारतीय चिकित्सा परिषद की लोकतांत्रिक संगठन की बहाली.इन तीन मांगो को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर देश भर में निजी चिकत्सा कर्मियों ने जहा अपने अस्पतालों में ओ पी डी में होने वाले अपने काम को दिन भर बंद रखा वही दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों में राजकीय सेवा के कार्यरत चिकित्सको ने काली पट्टी बांध कर अपना विरोध दर्ज किया . साथ ही राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ ने भी इस विरोध का समर्थन किया .
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बाड़मेर इकाई के अध्यक्ष डाक्टर आर के महेश्वरी ने बताया कि एक तरफ जहा चिकित्सको द्वारा देश भर में अपने काम को अत्यधिक सेवा भाव से अंजाम दिया जा रहा है जबकि सरकार द्वारा इस पेशे से जुड़े लोगो की भावनाओ से कुठाराघात किया जा रहा है . डाक्टर आर के महेश्वरी ने बताया कि विश्व भर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सबसे बड़ा पेशेवर संगठन है जिसके 32 राज्यों में स्थानीय शाखाओं के माध्यम से 2.2 लाख से अधिक सक्रिय सदस्य है . साथ ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सरकार के साथ कई स्वास्थ्य से संबंधित परियोजनाओं में भी शामिल है. भारत और विभिन्न राज्य सरकारों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अलावा देश के स्वास्थ्य के लिए बरसो से काम कर रहा है . बावजूद इसके सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानव संसाधन परिषद विधेयक 2011 , चिकित्सा संस्थापन अधिनियम , भारतीय चिकित्सा परिषद और गवर्नर्स नियुक्त बोर्ड के लिए के तीसरे विस्तार का मामला भारतीय चिकित्सा के लिए बेहद घातक साबित होने वाला रहेगा इसे में देश भर में सोमवार के दिन सभी डाक्टरों ने इस बिल का विरोध अपने अपने तरीके से किया . इस विरोध में देश भर के डाक्टरों ने अपना जबर्दस्त समर्थन दिया . इसी कड़ी में बाड़मेर राजकीय चिकित्सालय के डाक्टरों ने काली पट्टी बदम्ह कर विरोध दर्ज करवाया . साथ ही बाड़मेर के निजी अस्पतालों और चिकित्सालयों शिवम , सागर , डी एच टी , आस्था , खत्री , नवजीवन और बालाजी चिकित्सालय ने ओ पी डी कार्यो का पूर्ण बहिस्कार किया . इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बाड़मेर इकाई इस विरोध के द्वारा सरकार से आग्रह करती है कि हमरी मांगो पर ना केवल गंभीरता से बल्कि सहानुभूति से विचार किया जाये .....
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