सोमवार, 18 जून 2012

राष्‍ट्रपति चुनाव : तृणमूल कांग्रेस के सभी मंत्री इस्‍तीफा देने के लिए तैयार


 
नई दिल्‍ली. राष्‍ट्रपति चुनाव को लेकर तृणमूल कांग्रेस और केंद्र सरकार की दूरियां काफी अधिक बढ़ गई हैं। तृणमूल कांग्रेस ने साफ किया है कि राष्‍ट्रपति के पद के लिए उनके उम्‍मीदवार पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ही हैं और वो ही रहेंगे।


तृणमूल कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता सुदीप बंदोपध्‍याय ने अफवाहों पर विराम लगाते हुए कहा है कि अभी तक किसी भी मंत्री ने केंद्र सरकार से इस्‍तीफा नहीं दिया है लेकिन यदि जरूरी हुआ तो यह कदम भी उठाया जा सकता है। सुदीप ने कहा कि सभी मंत्री इस्‍तीफे के लिए तैयार हैं।

दूसरी ओर, देश के नए राष्ट्रपति की उम्‍मीदवारी को लेकर भाजपा जोर का झटका धीरे से लगा है। एक ओर, जहां भाजपा सांसद मेनका गांधी प्रणब के समर्थन में उतर गई हैं तो दूसरी ओर, शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे भी प्रणब के समर्थन में सामने आ सकते हैं।

यूपीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को शिवसेना का समर्थन हासिल करने के लिए फोन करके बाल ठाकरे से बात की। माना जा रहा है कि मंगलवार को ठाकरे शिवसेना की वर्षगांठ पर किसी को समर्थन देने की घोषणा कर सकते हैं। शिवसेना भवन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति का चुनाव लडऩे के इच्छुक वरिष्ठ राकांपा नेता पी.ए. संगमा ने शिवसेना प्रमुख ठाकरे से मुलाकात का समय मांगा था। पर उन्हें मिलने का वक्त नहीं दिया गया। ठाकरे द्वारा संगमा को मुलाकात का वक्त न दिये जाने के बाद राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा शुरू हो गई है कि शिवसेना प्रणब मुखर्जी को समर्थन देगी। शिवसेना की ओर से ठाकरे और मुखर्जी के बीच हुई बातचीत का अधिकृत ब्यौरा तो नहीं दिया गया है, परंतु इतना जरूर बताया जा रहा है कि मुखर्जी ने ठाकरे को फोन करके समर्थन देने की अपील की है। वहीं, देश के नए राष्‍ट्रपति को लेकर भाजपा सांसद और गांधी परिवार की बहू मेनका गांधी ने कहा है कि राष्‍ट्रपति का चयन आम सहमति से होना चाहिए। प्रणब मुखर्जी से मिलने के बाद मेनका गांधी ने कहा कि प्रणब अच्‍छे उम्‍मीदवार हैं।दूसरी ओर, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने सोमवार को साफ कर दिया कि वह राष्‍ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगे। कलाम को चुनाव में उतरने के लिए बीजेपी के नेताओं ने खूब मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्‍ण आडवाणी ने कलाम से फोन पर बात की लेकिन कलाम नहीं माने। आडवाणी के सलाहकार रहे सुधींद्र कुलकर्णी ने भी कलाम से दो बार मुलाकात की। लेकिन कलाम के करीबियों ने उन्‍हें सलाह दी कि उनके पक्ष में चुनाव जीतने के लिए जरूरी वोट नहीं हैं, ऐसे में चुनाव से दूर रहना ही बेहतर होगा। कलाम ने बयान जारी कर चुनाव नहीं लड़ने का अपना इरादा जाहिर किया।

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