रविवार, 10 जून 2012

खाप पंचायत के फरमान पर खाली हुआ गांव, पुलिस बेबस



मुजफ्फरनर. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रबुद्धनगर जिले में एक प्रेमी युगल के फरार होने की कीमत एक पूरे समुदाय को चुकानी पड़ी है। थानाक्षेत्र फुगाना के लिसाढ़ गांव का एक प्रेमी जोड़ा चार दिन पहले फरार हो गया था जिसके बाद से ही गांव में तनाव व्याप्त है। खाप पंचायत के जरिए तनाव को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश भी की जा रही है।
 

प्रेमी-प्रेमिका के अलग-अलग समुदाय का होने के कारण लड़के पक्ष के लोगों को पूरे समुदाय के गुस्से का सामना करना पड़ा। हालात यह हो गए कि गांव में रहने वाले एक समुदाय के तमाम लोग अपना घर छोड़कर पलायन करने के लिए मजबूर हो गए। फिलहाल गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने पीएसी तैनात कर दी है लेकिन हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए है।
लड़के के घरवालों पर दवाब बनाने के लिए लड़की पक्ष के लोगों ने गांव में पंचायत करके लड़के के परिवार और समुदाय के लोगों के गांव में घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। धर्मस्थल में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी गई। पंचायत में दोनों समुदाय के लोग शामिल थे। इस खाप पंचायत का सबसे शर्मनाक पहलू यह था कि वहां मौजूद पुलिस भी मूकदर्शक बनी रही।



स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने पंचायत में युवक पक्ष पर प्रतिबंध लगाने की बात की पुष्टि की है। लड़की के परिजनों ने आरोपी उसके भाई व भाभी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। लड़के के पक्ष के एक व्यक्ति ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि लड़के के तीन भाई पिछले चार दिन से पुलिस की हिरासत में है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें कोर्ट में पेश किया गया है या नहीं। वहीं पूरे मामले पर स्थानीय पुलिस ने अपनी बेबसी का दुखड़ा रोया। थाने के एसएचओ उदयपाल सिंह ने पंचायत होने की बात स्वीकार की। सहारनपुर रेंज के डीआईजी से जब पूछा गया कि प्रभावित क्षेत्र में कानून सर्वोपरि है या खाप तो उन्होंने कहा कानून अपना काम कर रहा है। हालांकि स्थानीय पुलिस ने खुद को खाप के सामने पूरी तरह बेबस बताया था।



खाप पंचायत में लिए गए तालीबानी फैसलों की गवाह पुलिस भी थी। पुलिस की मौजूदगी में ही शुक्रवार को पंचायत का आयोजन किया गया था। वहीं इस पंचायत में सोमवार तक लड़की के बरामद न होने पर थाना परिसर में ही 52 गांवों की खाप पंचायत करने की धमकी भी दी गई।



प्रेमी युगल के फरार होने के बाद एक खास समुदाय पर जुल्म के बाद पुलिस का भी लड़के के परिवार के खिलाफ ही कार्रवाई करना कई संवैधानिक सवाल खड़े करता है। सबसे बड़ा सवाल अभी भी यही है कि उत्तर प्रदेश में राज किसका है। कानून का या फिर खाप का।

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