फागी में डकैतों का कहर
जयपुर/ फागी/ माधोराजपुरा। फागी थाना क्षेत्र के भोजपुरा स्थित नट बस्ती में रविवार देर रात 6 डकैतों ने घर में जाग होने पर जो भी बीच में आया, उसी को गोली मार दी। इसमें संजय (19) की मौत हो गई। वहीं मासूम सहित दस जने गंभीर घायल हो गए। संजय 9 बहनों का इकलौता भाई था। पुलिस डकैती में बावरिया गिरोह का हाथ बता रही है। नजदीक घरों में सो रहे कुटुम्ब के अन्य लोग गोली की आवाज सुन घटनास्थल की ओर दौड़े। बाहर खड़े डकैतों ने उन पर भी गोलियां बरसा दीं।
गोली लगने से कुटुम्ब की चन्द्रकला (30), हैनी (20), अजय (25), कामिनी (10), विजय (25), मीना (35), प्रीति (22) गंभीर घायल हो गए। इन सभी के साथ ही रघुनाथ और कमली भी एसएमएस अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि अन्य घायल घनश्याम नट निजी अस्पताल में भर्ती है।
70 छर्रो से निढाल हुआ संजय
घायलों ने बताया कि रविवार रात रघुनाथ नट (45), पत्नी विमला (40) और पुत्र संजय सो रहे थे। तभी 3 डकैत घर में घुसे और तीन बाहर खड़े हो गए। डकैत अलमारी तोड़ जेवर-नकदी निकाल रहे थे। दोनों की आंख खुली तो डकैतों ने पीटा और 8 तोला सोने की चेन व मंगलसूत्र तोड़ लिया। बचाने आए संजय पर डकैतों ने 12 बोर बंदूक से फायर किया। करीब 70 छर्रे संजय के धंस गए। संजय की मौत और मां-बाप घायल हो गए।
जयपुर/ फागी/ माधोराजपुरा। फागी थाना क्षेत्र के भोजपुरा स्थित नट बस्ती में रविवार देर रात 6 डकैतों ने घर में जाग होने पर जो भी बीच में आया, उसी को गोली मार दी। इसमें संजय (19) की मौत हो गई। वहीं मासूम सहित दस जने गंभीर घायल हो गए। संजय 9 बहनों का इकलौता भाई था। पुलिस डकैती में बावरिया गिरोह का हाथ बता रही है। नजदीक घरों में सो रहे कुटुम्ब के अन्य लोग गोली की आवाज सुन घटनास्थल की ओर दौड़े। बाहर खड़े डकैतों ने उन पर भी गोलियां बरसा दीं।
गोली लगने से कुटुम्ब की चन्द्रकला (30), हैनी (20), अजय (25), कामिनी (10), विजय (25), मीना (35), प्रीति (22) गंभीर घायल हो गए। इन सभी के साथ ही रघुनाथ और कमली भी एसएमएस अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि अन्य घायल घनश्याम नट निजी अस्पताल में भर्ती है।
70 छर्रो से निढाल हुआ संजय
घायलों ने बताया कि रविवार रात रघुनाथ नट (45), पत्नी विमला (40) और पुत्र संजय सो रहे थे। तभी 3 डकैत घर में घुसे और तीन बाहर खड़े हो गए। डकैत अलमारी तोड़ जेवर-नकदी निकाल रहे थे। दोनों की आंख खुली तो डकैतों ने पीटा और 8 तोला सोने की चेन व मंगलसूत्र तोड़ लिया। बचाने आए संजय पर डकैतों ने 12 बोर बंदूक से फायर किया। करीब 70 छर्रे संजय के धंस गए। संजय की मौत और मां-बाप घायल हो गए।
बहुत ही अमानवीय घटना है जिसकी जितनी निंदा की जाये कम है !
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