गिलानी पीएम पद के अयोग्य करार
इस्लामाबाद। अवमानना के केस में दोषी यूसुफ रजा गिलानी को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 26 अप्रेल से पीएम पद के लिए अयोग्य करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गिलानी को जिस दिन अवमानना के केस में दोषी ठहराया गया था उसी दिन से उन्हें पीएम पद के लिए अयोग्य करार दिया जाता है। कोर्ट ने पाकिस्तान की सरकार से दूसरा प्रधानमंत्री नियुक्त करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गिलानी अब सांसद भी नहीं रहेंगे। कोर्ट ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से दूसरा प्रधानमंत्री नियुक्त करने को कहा है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को गिलानी को अयोग्य करार दिए जाने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी करने को कहा है। इससे पहले कोर्ट ने गिलानी को अवमानना के मामले में दोषी पाते हुए उन्हें कोर्ट के दौरान मौजूदगी की सजा सुनाई थी। गौरतलब है कि हाल ही में पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक को भी बतौर सांसद अयोग्य करार दिया गया था।
इससे पहले स्पीकर रूलिंग केस में अपनी दलील पूरी करते हुए अटार्नी जनरल इरफान कादिर ने कहा कि प्रधानमंत्री को मिले विशेषाधिकार किसी भी हाल में वापस नहीं लिए जा सकते। प्रधानमंत्री संसद के प्रति जवाबदेह हैं कोर्ट के प्रति नहीं। सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बैंच के समक्ष कादिर ने कहा कि गिलानी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका राजनीति से प्रेरित है। अगर सुप्रीम कोर्ट ऎसी याचिकाओं पर सुनवाई करता है तो उसकी स्वायत्ता पर सवाल उठेंगे।
बैंच ने कहा कि अटार्नी जनरल होने के नाते कादिर को कोर्ट की मदद करनी चाहिए न कि मुवक्किल की पैरवी करनी चाहिए। कादिर ने कहा कि कोर्ट की अवमानना का कानून औपनवैशिक शासन में बना था। उस वक्त उपमहाद्वीप ब्रिटिश रूल के तहत था। कादिर ने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ अवमानना के केस में फैसला करने वाले जज उन्हें अयोग्य करार दिए जाने को लेकर ज्यादा उत्साहित है। वे यह नहीं देख रहे कि गिलानी के खिलाफ दायक अवमानना याचिका सही है या नहीं।
इस्लामाबाद। अवमानना के केस में दोषी यूसुफ रजा गिलानी को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 26 अप्रेल से पीएम पद के लिए अयोग्य करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गिलानी को जिस दिन अवमानना के केस में दोषी ठहराया गया था उसी दिन से उन्हें पीएम पद के लिए अयोग्य करार दिया जाता है। कोर्ट ने पाकिस्तान की सरकार से दूसरा प्रधानमंत्री नियुक्त करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गिलानी अब सांसद भी नहीं रहेंगे। कोर्ट ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से दूसरा प्रधानमंत्री नियुक्त करने को कहा है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को गिलानी को अयोग्य करार दिए जाने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी करने को कहा है। इससे पहले कोर्ट ने गिलानी को अवमानना के मामले में दोषी पाते हुए उन्हें कोर्ट के दौरान मौजूदगी की सजा सुनाई थी। गौरतलब है कि हाल ही में पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक को भी बतौर सांसद अयोग्य करार दिया गया था।
इससे पहले स्पीकर रूलिंग केस में अपनी दलील पूरी करते हुए अटार्नी जनरल इरफान कादिर ने कहा कि प्रधानमंत्री को मिले विशेषाधिकार किसी भी हाल में वापस नहीं लिए जा सकते। प्रधानमंत्री संसद के प्रति जवाबदेह हैं कोर्ट के प्रति नहीं। सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बैंच के समक्ष कादिर ने कहा कि गिलानी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका राजनीति से प्रेरित है। अगर सुप्रीम कोर्ट ऎसी याचिकाओं पर सुनवाई करता है तो उसकी स्वायत्ता पर सवाल उठेंगे।
बैंच ने कहा कि अटार्नी जनरल होने के नाते कादिर को कोर्ट की मदद करनी चाहिए न कि मुवक्किल की पैरवी करनी चाहिए। कादिर ने कहा कि कोर्ट की अवमानना का कानून औपनवैशिक शासन में बना था। उस वक्त उपमहाद्वीप ब्रिटिश रूल के तहत था। कादिर ने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ अवमानना के केस में फैसला करने वाले जज उन्हें अयोग्य करार दिए जाने को लेकर ज्यादा उत्साहित है। वे यह नहीं देख रहे कि गिलानी के खिलाफ दायक अवमानना याचिका सही है या नहीं।
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