शनिवार, 19 मई 2012

तो गर्मी बीतने के बाद शुरू होगी टैंकरों से पानी सप्लाई!


.तो गर्मी बीतने के बाद शुरू होगी टैंकरों से पानी सप्लाई!

बाड़मेर  गर्मी आधी बीतने को है लेकिन अभी तक कमीशंड गांवों व ढाणियों में टैंकरों से पेयजल परिवहन सुचारू रूप से शुरू नहीं हो पाया है। जलदाय विभाग के पांच जोन में से दो जोन में ही टैंकरों से पेयजल परिवहन शुरू हो पाया है, जबकि दो जोन में आधे गांव व ढाणियों में सप्लाई की कवायद चल रही है। शेष गांवों व ढाणियों में सप्लाई का इंतजार है। इतना ही नहीं बाड़मेर जोन में टैंकरों से पेयजल परिवहन की दरों का शुक्रवार को अनुमोदन किया गया। ऐसे में पेयजल की समस्या दिनोंदिन विकट होती जा रही है।

जिले भर में पानी की किल्लत बढ़ गई है। जहां पर जलदाय विभाग के स्रोत हैं, वहां भी अनियमित जलापूर्ति हो रही है। टैंकरों से पेयजल परिवहन के लिए जलदाय विभाग को सवा करोड़ रुपए का बजट जारी कर रखा है। लेकिन टेंडर प्रक्रिया में देरी के चलते समय पर टैंकरों से पानी की सप्लाई शुरू नहीं होने से लोगों को प्यास बुझाने के लिए अपने स्तर पर ही जतन करने पड़ रहे हैं। जिले भर में करीब पांच सौ से अधिक गांव व ढाणियां चिह्नित हैं। जिसे विभाग ने कमीशंड मान रखा है। जहां पर टैंकरों से पेयजल परिवहन किया जाना प्रस्तावित है।

प्रक्रिया ही ऐसी देरी तो होगी. जलदाय विभाग ने कमीशंड गांव व ढाणियों में टैंकरों से पेयजल परिवहन के लिए प्रक्रिया ही इस तरह की कर रखी है कि देरी होना लाजिमी है। पांच जोन में पेयजल परिवहन की दरों का एक साथ अनुमोदन नहीं किया गया। इसके बाद में पहले तो ग्राम पंचायतों से पेयजल परिवहन के आवेदन आमंत्रित किए। जब पंचायतों ने हाथ खड़े कर दिए तो बाद में टेंडर जारी किए जा रहे हैं।

..तो नॉन कमीशंड क्षेत्र के लोग रहेंगे प्यासे. जानकारी के अनुसार कमीशंड गांव व ढाणियां जहां पर पेयजल स्रोत तो हैं, मगर नियमित जलापूर्ति नहीं हो रही है। ऐसे स्थानों पर जलदाय विभाग टैंकरों से पानी सप्लाई करेगा। जबकि नॉन कमीशंड गांव व ढाणियां। जहां पर पेयजल का कोई स्रोत नहीं है। ऐसे गांव व ढाणियों में टैंकरों से पेयजल परिवहन नहीं किया जाएगा। उन्हें पेयजल से वंचित रहना पड़ेगा।

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