मंगलवार, 15 मई 2012

पीएचडी के बदले अस्मत मांगने वाले प्रोफेसरों के खिलाफ आरोप तय


जयपुर। पीएचडी कराने की एवज में स्टूडेंट की अस्मत मांगने और दुष्कर्म प्रयास के मामले में महानगर की महिला उत्पीडऩ मामलों की विशेष अदालत ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के दो सहायक प्रोफेसरों के खिलाफ मंगलवार को आरोप तय किए। अदालत ने ऋषी कुमार सिंघल के खिलाफ दुष्कर्म प्रयास व सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन में आरोप तय किए हैं। जबकि सत्यनारायण डोरिया के खिलाफ लज्जा भंग का आरोप तय किया है।

पीडि़ता ने 27 जून 2011 को एसपी ईस्ट को डाक द्वारा रिपोर्ट दर्ज करवाई कि वह राजस्थान यूनिवर्सिटी के भौतिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर रिषी कुमार सिंघल के निर्देशन में फरवरी 2010 से पीएचडी कर रही थी। जबकि सत्यनारायण डोरिया सह मार्गदर्शक थे। 24 फरवरी 2011 को वह रिषी कुमार को अपनी बहन की शादी का कार्ड देने गई थी तो उन्होंने कहा कि उसका पेपर पब्लिश हो गया है मिठाई खिलानी पड़ेगी। वह कुछ कहती इससे पहले ही रिषी ने उसे पकड़ा और फिजीकल होने की कोशिश की। वह चिल्लाकर भाग आई।

बहन की शादी के बाद वापस लौटी तो दोनों उसे सुनसान जगह में बुलाते। एक दिन सिंघल ने उसे बताया कि उसकी अश्लील फोटो किसी ने उसके घर भेजी हैं। बाद में उसने परिष्कार कॉलेज ज्वाइन कर लिया तो वहां पर भी 25 अपै्रल 2011 को एक लिफाफा उसके नाम से भेजा जिसमें उसके फोटो भी थे। पीडि़ता के भाई ने डोरिया से बात की तो उसे फोटो सार्वजनिक करने की धमकी दी और पीडि़ता को उनकी शिकायत नहीं करने के लिए कहा। इस मामले में गांधीनगर पुलिस थाने ने मामला दर्ज किया।

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