सोमवार, 14 मई 2012

भंवरी कर रही थी ब्लैकमेल इसीलिए की गई थी भंवरी की हत्या

जोधपुर. एएनएम भंवरी के अपहरण व हत्या के साढ़े आठ महीने बाद अदालत में शुरू हुए मुकदमे का आगाज हुआ। सोमवार को सोमवार को अजा-जजा मामलों की विशेष अदालत में सीबीआई की अभियोजन टीम ने इसकी शुरूआत की। सीबीआई के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि किस वजह से भंवरी की हत्या की गई थी।


भंवरी कर रही थी ब्लैकमेल


वकीलों ने बताया कि दोनों प्रभावशाली नेताओं को भंवरी ने ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था। भंवरी द्वारा नेताओं के साथ अंतरंग संबंधों की सीडी बना ली गई। जिसके बाद दोनों नेताओं द्वारा अपने संबंधियों व सहयोगियों की मदद से भंवरी को रास्ते से हटाने का षडय़ंत्र रचा गया। अदालत में मदेरणा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल सिंह चौधरी व मलखानसिंह की ओर से अधिवक्ता विनोद शर्मा मौजूद थे। सोहनलाल की ओर से महेश बोड़ा व रेशमाराम की ओर से सगराराम विश्नोई आदि वकील भी मौजूद थे।

मुंबई से आए वरिष्ठ लोक अभियोजक ऐजाज खान, वरिष्ठ लोक अभियोजक श्यामसिंह यादव और अशोक जोशी की टीम ने चार्ज बहस शुरू करते हुए अदालत को बताया कि भंवरी के अपहरण व हत्या का षडय़ंत्र किसने, क्यों व किस उद्देश्य के साथ रचा था। बहस अधूरी रही और इसकी अगली तारीख 21 मई मुकर्रर की गई है। एडीजे प्रथम अनूप कुमार सक्सेना की अदालत में पूर्व मंत्री महीपाल मदेरणा, लूनी विधायक मलखान सिंह विश्नोई, उसके भाई परसराम विश्नोई सहित भंवरी मामले के सभी 16 आरोपियों की मौजूदगी में अभियोजन पक्ष ने बहस शुरू की। सीबीआई के वकील अशोक जोशी ने मामले के मुख्य आरोपियों मदेरणा व मलखान का परिचय देते हुए उनके राजनीतिक बैकग्राउंड, उनके भंवरी से किस तरह संबंधों को बताया।

मदेरणा को अदालत में मिली कुर्सी


पूर्व मंत्री महीपाल मदेरणा की कमर में दर्द की शिकायत होने से उनके वकील ने कुर्सी पर बैठाने की इजाजत मांगी। इस पर अदालत ने इसे मानते हुए मदेरणा को अदालत में वकीलों के बैठने के लिए निर्धारित कुर्सियों में से एक कुर्सी पर मदेरणा को बिठाया। जहां वे चार्ज बहस के दौरान एक घंटे तक बैठे-बैठे पुत्री दिव्या, अन्य रिश्तेदारों व वकीलों आदि से बातचीत करते रहे। इस दौरान मलखान सहित सभी अन्य 15 आरोपी कठघरे में खड़े रहे।

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