'सत्यमेव जयते' का तीसरा एपीसोड लेकर आमिर खान फिर से हाजिर हुए हैं। वह इसमें भारतीय शादी में लड़के वालों की तरफ से लड़की वालों से होने वाले डिमांड यानी दहेज की समस्या पर चर्चा कर रहे हैं।
इसमें सबसे पहले दिल्ली की कोमल की आपबीती सुनाई गई। कोमल के पिता ने शाही अंदाज में की। कोमल ने नई जिंदगी शुरू की। लेकिन, अमेरिका में बसे पति ने उनका जीना हराम कर दिया।
कोमल ने बताया, 'पहले तो लड़के वालों ने कहा कि उनको सिर्फ लड़की चाहिए। लेकिन, धीरे-धीरे उनकी तरफ से डिमांड आनी शुरू हो गई। इधर शादी हो रही थी उधर ससुर ने सोने की चेन की डिमांड रख दी। पापा ने किसी तरह एरेंज किया और मैं विदा हुई। ससुराल में पहुंचते ही मेरे घरवालों द्वारा दिए गए सामानों का मजाक उड़ाया गया। मां ने मुझे समझाया था कि वहां से झगड़ा करके मत आना। इसीलिए मैं चुप रही। अमेरिका जाने के लिए मेरे पति ने पापा से टिकट खरीदने को कहा। पापा ने पैसे दिए लेकिन पता चला कि मेरे पति को कंपनी ने टिकट दिया था। अमेरिका में जाते ही मेरे पति की डिमांड और बढ़ने लगी और वह मुझपर दवाब डालना शुरू किया। उनका वेतन 35 लाख था फिर भी वह सबकुछ पापा से ही चाहते थे। मुझे ठीक से खाना नहीं देते थे। मैं कमजोर हो गई। वह मुझे नौकरानी कहते थे। उनको मुझसे कोई लेना-देना नहीं था। मुझे टार्चर करते थे। चारदीवारी में मैं अकेली रहती थी। अब वह चाहते थे कि पापा उनको अपना घर दे दे। मैंने उनको मना किया तो मेरे पति मेरा गला दबाने लगे। एक बार तो इतनी जोर से गला दबाया कि मैं लगभग मर गई थी। जब उन्होंने देखा कि मैं मर जाऊंगी तो डर के मारे मुझे छोड़ दिया और जमीन पर धकेल दिया। इसके बाद पति घर से सारा सामान लेकर अलग रहने लगे। मैं उस घर में चार दिनों तक भूखी रही लेकिन पति ने बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। मुझे वोमेटिंग होने लगी, हाथ-पैर फूल गए तो आखिर में मैंने अमेरिका के वुमन सेल को फोन किया। उस अजनबी देश में मुझे मदद मिली और उसके बाद मैं हिंदुस्तान मां-पापा के पास वापस आई।'
इसमें सबसे पहले दिल्ली की कोमल की आपबीती सुनाई गई। कोमल के पिता ने शाही अंदाज में की। कोमल ने नई जिंदगी शुरू की। लेकिन, अमेरिका में बसे पति ने उनका जीना हराम कर दिया।
कोमल ने बताया, 'पहले तो लड़के वालों ने कहा कि उनको सिर्फ लड़की चाहिए। लेकिन, धीरे-धीरे उनकी तरफ से डिमांड आनी शुरू हो गई। इधर शादी हो रही थी उधर ससुर ने सोने की चेन की डिमांड रख दी। पापा ने किसी तरह एरेंज किया और मैं विदा हुई। ससुराल में पहुंचते ही मेरे घरवालों द्वारा दिए गए सामानों का मजाक उड़ाया गया। मां ने मुझे समझाया था कि वहां से झगड़ा करके मत आना। इसीलिए मैं चुप रही। अमेरिका जाने के लिए मेरे पति ने पापा से टिकट खरीदने को कहा। पापा ने पैसे दिए लेकिन पता चला कि मेरे पति को कंपनी ने टिकट दिया था। अमेरिका में जाते ही मेरे पति की डिमांड और बढ़ने लगी और वह मुझपर दवाब डालना शुरू किया। उनका वेतन 35 लाख था फिर भी वह सबकुछ पापा से ही चाहते थे। मुझे ठीक से खाना नहीं देते थे। मैं कमजोर हो गई। वह मुझे नौकरानी कहते थे। उनको मुझसे कोई लेना-देना नहीं था। मुझे टार्चर करते थे। चारदीवारी में मैं अकेली रहती थी। अब वह चाहते थे कि पापा उनको अपना घर दे दे। मैंने उनको मना किया तो मेरे पति मेरा गला दबाने लगे। एक बार तो इतनी जोर से गला दबाया कि मैं लगभग मर गई थी। जब उन्होंने देखा कि मैं मर जाऊंगी तो डर के मारे मुझे छोड़ दिया और जमीन पर धकेल दिया। इसके बाद पति घर से सारा सामान लेकर अलग रहने लगे। मैं उस घर में चार दिनों तक भूखी रही लेकिन पति ने बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। मुझे वोमेटिंग होने लगी, हाथ-पैर फूल गए तो आखिर में मैंने अमेरिका के वुमन सेल को फोन किया। उस अजनबी देश में मुझे मदद मिली और उसके बाद मैं हिंदुस्तान मां-पापा के पास वापस आई।'
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