बाड़मेर मनरेगा में लम्बे समय से भरष्टाचार की पराकाष्ठा से गुजर रहा हें राजस्थान सरकार के पंचायत राज मंत्री के आदेशो के बावजूद आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई बल्कि अधिकारियों द्वारा भरष्टाचार के मामलों की जांच आरोपियों को ही सुपुर्द कर दी .नानारेगा में सामग्री खरीद में जबरदस्त घोटाला हें फर्जी बिल धाडले से निकाले जा रहे हें वन्ही पंचायत समितियों की डिमांड नहीं होने के बावजूद सुविधा शुल्क ले कर स्वीकृतिया निकाली जा रही हें घर के बच्चो की स्तैसनरी की खरीद सरकारी खर्चे से होती हें टांको की स्विकर्तियो में लाखो का
घोटाला महानरेगा में महाघोटाले की उच्चा स्तरीय जांच होनी चाहिए जिला कलेक्टर को कई मामलों में गुमराह किया जाता हें इस योजना में कार्यरत कुछ कारिंदे तो इस योजना को बपौती समझाने लगे हें ,शायद इसीलिए की इन्हें सत्ताधारी नेताओं का वरदहस्त प्राप्त हें शायद ये नहीं जानते की जब कागज़ चलेंगे तो कोई नेता या ओफ्फिसर आपको बचने नहीं आयेगा बल्कि सब अपने बचाव में लगेंगे ,महानरेगा की जांचो पर गौर करे तो राजस्थान में ही नहीं पुरे भारत में बाड़मेर मनरेगा में सबसे बड़ा घोटाला हे ,हाल ही में शिव तहसील में योजना का सर्वे हुआ जिसमे कई राज खुले बुठिया,कंटाल का पार ,सिंगोडिया ,बामनोर गागरिया ,खानियानी ,बुरहान का टला ,रमजान की गफन सहित जिले की सभी पंचायत समितियों के पांच पांच गाँवो का जिनमे सर्वाधिक खर्च हुआ का रेंडम सर्वे किया गया था जिसमे जबरदस्त घोटाला सामने आया था मगर आपसी लेनदेन और सेट्टिंग से मामले रफा दफा कर दिया,कितनोद पायला कौशालू कमठाई मजल में बड़े घोटाले सामने आये कलेक्टर ने एफ आई आर दर्ज करने के आदेश दिए मगर ऐसा नहीं हुआ मामले दर्ज क्यों नहीं हुए ये राज की बात हें
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