रविवार, 8 अप्रैल 2012

दूल्हे ने मां-बाप के पांव नहीं छुए, दुल्हन ने किया शादी से इनकार!

खेतड़ी नगर. मां-बाप का सम्मान नहीं करने वाले एक दूल्हे के साथ फेरे से ठीक पहले युवती ने शादी से इनकार कर दिया। युवती का कहना था कि जो मेरे माता-पिता की इज्जत नहीं कर सकता वह मुझे क्या खुश रख पाएगा? वाकिया खेतड़ी नगर का है। सांगासी हाल खेतड़ी नगर में रहने वाले मनीष की शादी यहीं के सुल्तानाराम की बेटी कंचन के साथ शुक्रवार को होनी थी।
 
बारात खेतड़ी नगर स्थित जाट धर्मशाला पहुंची थी जहां बारातियों के स्वागत का इंतजाम था। ढुकाव (तोरण) के बाद एक तरफ बाराती भोजन कर रहे थे। दूसरी ओर आशीर्वाद समारोह चल रहा था। आशीर्वाद समारोह के दौरान दूल्हे ने दुल्हन के माता-पिता का आशीर्वाद नहीं लिया।

दूल्हे को उसकी मॉसी ने कटाक्ष करते हुए लड़की के माता-पिता के पांव में झुकने से इनकार किया था। इसी बात को लेकर दुल्हन नाराज हो गई। उसने शादी करने से मना कर दिया। काफी देर तक समझाइश का दौर चला। मामला थाने भी पहुंचा, पर बात नहीं बनी। इससे वर पक्ष के लोग भड़क गए। दूल्हे के नाना ने दुल्हन के पिता व उसके परिजनों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है।

इन्होंने दुल्हन के फेरे करवाने व साथ ले जाने के लिए दवाब बनाया। तब दुल्हन के परिजनों ने दूल्हे व उसकी मां से दुल्हन को खुश रखने की जिम्मेदारी लेने की बात कही, तब भी वर पक्ष की ओर से कोई आगे नहीं आया। आखिरकार वधू पक्ष ने विवाह करने से इनकार कर दिया गया तब बारात को बिना दुल्हन लौटना पड़ा।

दुल्हन की मां अस्पताल में भर्ती

दूल्हे सहित बारात चली जाने के के घटनाक्रम से परिवार सदमे में आ गया। दुल्हन की मां तो बेहोश हो गई। उसे परिजनों ने केसीसी अस्पताल में भर्ती करवाया जहां उपचार किया जा रहा है। इधर, पता चला कि दूल्हा मनीष एमबीबीएस कर चुका है और उदयपुर में पीजी कर रहा है। कंचन ग्रेजुएशन करने के बाद आगे और पढ़ाई कर रही है।

दूल्हे मनीष से सीधी बात

दुल्हन की ओर से उसके माता-पिता से अभद्रता करने को लेकर लगाए आरोप में कितनी सच्चाई है?

मनीष . अभद्रता की जैसी कोई बात ही नहीं। मैं संभ्रात व शिक्षित परिवार से हूं। कल शाम रिसेप्पशन चल रहा था तभी अचानक वे लोग कंचन को अंदर लेते गए। हमने काफी समझाइश की तब उसे दुबारा लाया गया। इसके बाद फोटो सेशन चला। थोड़ी देर बाद फिर स्टेज पर भीड़ हो गई। उस समय मंच पर कंचन की मां के साथ उसकी छोटू बहन (शायद सोनू) भी थी। ये लोग वापस उसे उठा ले गए।

पिता सुल्तानराम तो दहेज का भी आरोप लगा रहे हैं?

मनीष : सरासर गलत है। 26 अक्टूबर को सगाई हुई थी। केवल रुपया नारियल लिया था। इसके बाद 4 अप्रैल को तिलक दस्तूर में भी रुपया नारियल लिया था। फिर तोरण पर भी दस्तूर में केवल रुपये नारियल लिया। नकदी व कार मांगने का आरोप मनगढ़ंत है। मैं सोच भी नहीं सकता ऐसा क्यों किया गया?

वधू पक्ष से समझाइश के प्रयास भी हुए लेकिन आपकी ओर से पहल नहीं की गई?

मनीष : हमारे पक्ष की महिलाओं के साथ अभद्रता व धक्का-मुक्की की गई। फिर भी मैंने व मेरे परिजनों ने कहा कि कंचन को ब्याहने आए हैं। कोई बात नहीं। हमें रिश्ता बनाना है। मैं स्वयं शनिवार सुबह १क् बजे तक वहीं रहा। वे लोग कुछ सुनने को ही तैयार नहीं थे। पता नहीं वे क्या चाह रहे थे।

ऑल्टो कार भी मांगी थी

'वर पक्ष की ओर से नकद रुपए और ऑल्टो कार की मांग थी। 4 अप्रैल को टीके के समय यह मांग की गई थी तब हमने कहा था कि हम अच्छे से अच्छा करने की कोशिश करेंगे। स्वागत समारोह के दौरान फिर यह मांग भी उठी थी।'
सुल्तानाराम, पिता (इलेक्ट्रिशियन, केसीसी)

1 टिप्पणी:

  1. कब होगी यह दहेज प्रथा खत्म
    देखा देखी अब अमेरिका के युवक भी शादी के ४० से ५० लाख नगद ,परिजनों की वायुयान की टिकट और पांच सितारा होटल में ठहरने का दहेज मांगते हैं क्या हो गया इस लालची जनगण को

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