सोमवार, 16 अप्रैल 2012

प्यासे को पानी पिलाने की अपनी संस्कृति को भूल गए हें .

गर्मी के मौसम में बाजारों में प्यासे राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए बाड़मेर में प्याऊ लगाने की परंपरा सदियों तक चली मगर अब शहर में प्याऊ कंही नहीं दिखाती ....शायद लोग प्यासे को पानी पिलाने की अपनी संस्कृति को भूल गए हें .

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