बजरी खनन पर रोक से अटके निर्माण
बालोतरा। राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा बजरी खनन पर रोक लगाए जाने के बाद शहर सहित उपखंड क्षेत्र में बजरी का टोटा पैदा हो गया है। निर्माण कार्यो में अड़चन से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। जिन लोगों ने बजरी का स्टॉक कर रखा है, वे मनमाने दाम वसूल कर अपनी जेबें भर रहे हैं। दूसरी तरफ न्यायालय की रोक के बावजूद प्रशासनिक अनदेखी से खेड़ व कलावा सरहद में बजरी खनन का कार्य बदस्तूर चल रहा है। लूणी नदी के प्रवाह क्षेत्र में कनाना से लेकर सिणधरी तक कई जगह चोरी चुपके बजरी खनन हो रहा है। अवैध खनन कर पहंुचाई जा रही बजरी के मनमर्जी से भाव वसूले जा रहे हैं।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने हाल ही में पूरे प्रदेश में बजरी खनन पर रोक के आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के बाद लूणी नदी के प्रवाह क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पिछले कई वर्षो से हो रहे जायज व नाजायज खनन में कमी आ गई है। कई इलाकों में न्यायालय की रोक के बावजूद बजरी का खनन रूक नहीं पाया है। खनन में लगे लोग बदस्तूर लूणी नदी के प्रवाह क्षेत्र में मशीनरी से बजरी के अंधाधुंध खनन में लगे हैं। प्रशासनिक स्तर पर इसकी रोकथाम को लेकर अब तक सख्त रूख नहीं अपनाया गया है। ऎसे में न्यायालय के आदेशों की क्षेत्र में पूरी तरह से पालना नहीं हो पा रही है।
निर्माण में अड़चन
बजरी खनन पर लगाई गई रोक के बाद से शहर सहित उपखंड क्षेत्र में बजरी की किल्लत पैदा हो गई है। चालू निर्माण कार्य बीच में अटक गए हैं। नए निर्माण करवाने के इच्छुक लोगों को मजबूरन कार्य टालना पड़ रहा है। जिन लोगों ने बजरी का स्टॉक कर रखा है, उनकी इन दिनों मौज बनी हुई है। मनमाने दाम वसूलकर वे लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं।
कोढ़ में खाज : बालोतरा में वस्त्र कारोबार बंद रहने से बेरोजगारी के कारण मजदूरों की हालत वैसे ही खस्ता थी। हजारों लोग ठाले बैठे थे। ऎसे में कमठा निर्माण पर मजदूरी से सैकड़ों श्रमिको को रोजगार का अवसर मिल रहा था। बजरी खनन पर रोक के बाद निर्माण कार्य अटकने से श्रमिकों को मजदूरी नहीं मिल रही है।
विकास कार्य प्रभावित
बजरी की किल्लत से सरकारी योजनाओं के तहत हो रहे विकास कार्य भी प्रभावित हो गए हैं। विभिन्न योजनाओं के तहत ग्राम पंचायतों व नगरपालिका क्षेत्र में निर्माण कार्य चल रहे हैं। बजरी पर एकाएक रोक लगने से सरकारी योजनाओं के तहत चल रहे निर्माण कार्य भी लड़खड़ा गए हैं।
बालोतरा। राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा बजरी खनन पर रोक लगाए जाने के बाद शहर सहित उपखंड क्षेत्र में बजरी का टोटा पैदा हो गया है। निर्माण कार्यो में अड़चन से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। जिन लोगों ने बजरी का स्टॉक कर रखा है, वे मनमाने दाम वसूल कर अपनी जेबें भर रहे हैं। दूसरी तरफ न्यायालय की रोक के बावजूद प्रशासनिक अनदेखी से खेड़ व कलावा सरहद में बजरी खनन का कार्य बदस्तूर चल रहा है। लूणी नदी के प्रवाह क्षेत्र में कनाना से लेकर सिणधरी तक कई जगह चोरी चुपके बजरी खनन हो रहा है। अवैध खनन कर पहंुचाई जा रही बजरी के मनमर्जी से भाव वसूले जा रहे हैं।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने हाल ही में पूरे प्रदेश में बजरी खनन पर रोक के आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के बाद लूणी नदी के प्रवाह क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पिछले कई वर्षो से हो रहे जायज व नाजायज खनन में कमी आ गई है। कई इलाकों में न्यायालय की रोक के बावजूद बजरी का खनन रूक नहीं पाया है। खनन में लगे लोग बदस्तूर लूणी नदी के प्रवाह क्षेत्र में मशीनरी से बजरी के अंधाधुंध खनन में लगे हैं। प्रशासनिक स्तर पर इसकी रोकथाम को लेकर अब तक सख्त रूख नहीं अपनाया गया है। ऎसे में न्यायालय के आदेशों की क्षेत्र में पूरी तरह से पालना नहीं हो पा रही है।
निर्माण में अड़चन
बजरी खनन पर लगाई गई रोक के बाद से शहर सहित उपखंड क्षेत्र में बजरी की किल्लत पैदा हो गई है। चालू निर्माण कार्य बीच में अटक गए हैं। नए निर्माण करवाने के इच्छुक लोगों को मजबूरन कार्य टालना पड़ रहा है। जिन लोगों ने बजरी का स्टॉक कर रखा है, उनकी इन दिनों मौज बनी हुई है। मनमाने दाम वसूलकर वे लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं।
कोढ़ में खाज : बालोतरा में वस्त्र कारोबार बंद रहने से बेरोजगारी के कारण मजदूरों की हालत वैसे ही खस्ता थी। हजारों लोग ठाले बैठे थे। ऎसे में कमठा निर्माण पर मजदूरी से सैकड़ों श्रमिको को रोजगार का अवसर मिल रहा था। बजरी खनन पर रोक के बाद निर्माण कार्य अटकने से श्रमिकों को मजदूरी नहीं मिल रही है।
विकास कार्य प्रभावित
बजरी की किल्लत से सरकारी योजनाओं के तहत हो रहे विकास कार्य भी प्रभावित हो गए हैं। विभिन्न योजनाओं के तहत ग्राम पंचायतों व नगरपालिका क्षेत्र में निर्माण कार्य चल रहे हैं। बजरी पर एकाएक रोक लगने से सरकारी योजनाओं के तहत चल रहे निर्माण कार्य भी लड़खड़ा गए हैं।
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