बुधवार, 25 अप्रैल 2012

क्यों लग गए 25 सालः अमिताभ बच्चन

नई दिल्‍ली. बोफोर्स मामले में जांच करने वाले भारतीय अफसर अमिताभ बच्‍चन के खिलाफ साजिश कर रहे थे और प्रायोजित खबरें छपवा रहे थे। ऐसी खबर आने के बाद बिग बी और उनकी पत्‍नी जया बच्‍चन ने अलग अंदाज में प्रतिक्रिया दी है। अमिताभ ने जहां भावुक अंदाज में करारा जवाब दिया है, वहीं जया ने कहा है कि 25 सालों का हिसाब कौन देगा?
 
मुंबई में एक प्रैस कांफ्रेंस में अमिताभ बच्चन ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि 25 साल उनकी बेगुनाही को साबित होने में लग गए। अगर उनकी मां और बाबूजी के जीवित रहते यह हुआ होता तो उन्हें ज्यादा अच्छा लगता।
प्रेस को संबोधित करते हुए बिग बी ने कहा कि हमें खुशी है कि इस स्विडिश पुलिस के जो हेड थे और जो बोफोर्स इंडिया डील की तहकीकात में लगे थे उन्हेंने कहा है कि मैं निर्दोष था। 25 साल बाद यह घोषणा हुई है, दुख इस बात का है कि अगर उन्हें 25 साल पहले यह पता था कि मैं बेगुनाह हूं तो इतनी देर क्यों लगी?
अपनी बेगुनाही साबित होने से खुश और इसमे लगे वक्त से दुखी बिग बी ने कहा कि एक तो दुख इस बात का है कि 25 साल इस मामले में लगे। जांच के मुखिया रहे अधिकारी ने कहा है कि उन्हें मालूम था कि मेरा नाम भारतीय जांच एजेंसियों ने प्लांट करवाया था।
अब इसके आगे मैं क्या कहूं। मुझे खेद बस एक ही बात का है कि 25 सालों तक हमें इस बदनामी और बेइज्जती के साथ रहना पड़ा। हम तो उस जमाने में जवान थे, कोर्ट कचहरी गए और लड़े भी। लेकिन मां-- और बाबूजी के लिए दुख होता है, उनके मन में मेरे प्रति एक क्लेश था जिसे मैं उनके जीवित रहते साफ नहीं कर पाया। अगर उनके जीवित रहते यह होता तो अच्छा लगता।
राजनीति में आने संबंधी सवाल के प्रश्न में बिग बी ने कहा कि अब राजनीति में आने का सवाल ही नहीं उठता। मुझे राजनीति नहीं आती। यह पूछे जाने पर कि किस का शुक्रिया अदा करना चाहेंगे बिग बी ने कहा कि शुक्रिया अदा मैं किसकों करूं...मैं केवल अपने परिवार के सदस्यों को बधाई देता हूं कि हम एकजुट रहे। जो सच्चाई थी उसे हम सब जानते थे लेकिन विश्व में और कोई नहीं जानता था।
मैंने पहले ही कहा है कि इस दुख को हमें झेलना पड़ा है, मुझे याद आ रहा है कि जिस जमाने में ये बात निकली थी उस समय प्रतिदिन पत्रकार हमारे ऊपर लांछन लगाते थे, हमारी बदनामी होती थी, हमें गालियां मिलती थी.
एक दिन बाबूजी ने बुलाकर कहा था कि बेटा तुमने कोई गलत काम तो नहीं किया है, उस दिन मुझे लगा था कि अब बाबूजी भी इस बात से पीड़ित हो गए हैं और अब मामला गंभीर हो गया है। उस दिन मैंने निर्णय लिया था कि मैं अपने ऊपर लगे इस दाग को धोने के लिए लड़ाई लड़ूंगा। मैं इसके बाद कोर्ट गया और लड़ाई लड़ी।

इससे पहले अमिताभ ने ब्‍लॉग में लिखा है कि वह गलती जो मैंने कभी की ही नहीं, हमेशा एक धब्बे की तरह बनी रही और शायद हमेशा बनी रहे। आरोपों के इन पलों, घंटों, दिनों और सालों को शायद ही कोई समझ पाए या उस पीड़ा और दर्द को महसूस कर पाए जिससे मैं गुजरा हूं। लेकिन क्या इस सब में किसी और की कोई रुचि है? शायद नहीं।

बिग बी ने लिखा कि जिन्होंने ये किया उनकी अंतरात्मा पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। वो तो अपनी वाकपटुता और चालों से अपनी चमड़ी को साफ रखे हुए हैं। और अगर उनपर फर्क पड़ता भी है तो क्या अब इसका कोई औचित्य है? लाजिमी है, नहीं। उनका मिशन ही अन्यायपूर्ण था जो पूरा हो गया है। अपना स्‍वार्थ साधने लिए उन्होंने भाड़े के एजेंटों का सहारा लिया और वो क्षणिक तौर पर जीत भी गए लेकिन अंत में हार उनकी ही हुई है। उन्होंने अपनी स्थिति और शक्ति को खो दिया और सबसे महत्पूर्ण अपने जमीर और चेतना को खो दिया। जमीर की हार ही हमारे जीवन में सबसे बड़ी हार होती है। हम सब कभी न कभी इस हार का शिकार हो सकते हैं लेकिन महानता उनमें होती है जो समय रहते अपने जमीर को बचा लेते हैं।

उधर, जया बच्‍चन ने भी मीडिया से बातचीत में कहा कि यह ऐसा सच है जो हम 25 सालों से जानते आए हैं, लेकिन इन 25 सालों में जो दर्द हमें झेलना पड़ा है, उसका हिसाब कौन देगा।

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