अमृतसर. 1971 की जंग में पाकिस्तान में बंदी बनाए गए 54 भारतीय सैनिक वर्षो पहले मर चुके हैं और उनकी अस्थियां वापसी के इंतजार में हैं। केवल एक कैदी ऐसा है, जिसके जिंदा होने की उम्मीद है। इनमें शामिल मुस्लिम सैनिकों को तो मौत के बाद दफना दिया गया, लेकिन हिंदू-सिख सैनिकों की अस्थियां पाक की विभिन्न जेलों में पड़ी हैं।
बर्नी ने किया खुलासा
भारत दौरे पर आए पाक के पूर्व कानून मंत्री व प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने सोमवार को इसका खुलासा किया।विशेष बातचीत में बर्नी ने बताया कि हिंदू-सिखों की अस्थियां संभालकर रखी गई हैं। उन्हें ऐसे 12 मामलों की जानकारी है। एक कैदी मदन मोहन (गनर) ऐसा है, जिसके जिंदा होने के संकेत मिले हैं। पाक वापसी के बाद वे उसकी तलाश कर स्थिति स्पष्ट करेंगे।
गुमनाम हो गए सपूत
1971 की जंग में भारत ने पाकिस्तान को शिकस्त देते हुए 90 हजार से अधिक सैनिकों को गिरफ्तार किया था।
इस दौरान पाक ने भारत के 54 जवान गिरफ्तार कर लिए। भारत ने विश्व युद्ध नीति का पालन करते हुए पाक सैनिक आजाद कर दिए, लेकिन पाक ने ऐसा नहीं किया।
ये सैनिक पंजाब, हिमाचल, हरियाणा व राजस्थान आदि के थे। इनके परिजन रिहाई का मुद्दा उठाते रहे, लेकिन पाक का दावा है कि उसके यहां ऐसा कोई कैदी नहीं है।
पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने भी इनके पाक में होने का खुलासा किया था। कुछ सैनिक पाक जेलों से परिजनों को पत्र भी लिखते रहे। सजा काटकर लौटे भारतीय जासूसों ने भी इनके वहां होने की पुष्टि की थी।
पाक में कैद इन सैनिकों की तलाश में भारतीय शिष्टमंडल वहां की जेलों का मुआयना करते रहे हैं, लेकिन उनका कोई सबूत नहीं मिला था। बर्नी का कहना है कि भारत सरकार को सैनिकों की अस्थियां देश लाने के लिए पहल करनी चाहिए।
बर्नी ने किया खुलासा
भारत दौरे पर आए पाक के पूर्व कानून मंत्री व प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने सोमवार को इसका खुलासा किया।विशेष बातचीत में बर्नी ने बताया कि हिंदू-सिखों की अस्थियां संभालकर रखी गई हैं। उन्हें ऐसे 12 मामलों की जानकारी है। एक कैदी मदन मोहन (गनर) ऐसा है, जिसके जिंदा होने के संकेत मिले हैं। पाक वापसी के बाद वे उसकी तलाश कर स्थिति स्पष्ट करेंगे।
गुमनाम हो गए सपूत
1971 की जंग में भारत ने पाकिस्तान को शिकस्त देते हुए 90 हजार से अधिक सैनिकों को गिरफ्तार किया था।
इस दौरान पाक ने भारत के 54 जवान गिरफ्तार कर लिए। भारत ने विश्व युद्ध नीति का पालन करते हुए पाक सैनिक आजाद कर दिए, लेकिन पाक ने ऐसा नहीं किया।
ये सैनिक पंजाब, हिमाचल, हरियाणा व राजस्थान आदि के थे। इनके परिजन रिहाई का मुद्दा उठाते रहे, लेकिन पाक का दावा है कि उसके यहां ऐसा कोई कैदी नहीं है।
पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने भी इनके पाक में होने का खुलासा किया था। कुछ सैनिक पाक जेलों से परिजनों को पत्र भी लिखते रहे। सजा काटकर लौटे भारतीय जासूसों ने भी इनके वहां होने की पुष्टि की थी।
पाक में कैद इन सैनिकों की तलाश में भारतीय शिष्टमंडल वहां की जेलों का मुआयना करते रहे हैं, लेकिन उनका कोई सबूत नहीं मिला था। बर्नी का कहना है कि भारत सरकार को सैनिकों की अस्थियां देश लाने के लिए पहल करनी चाहिए।
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