आईएसआई जासूस को दो साल की सजा
वाशिंगटन। पाकिस्तान मूल के अमरीकी नागरिक और कश्मीरी अलगाववादी गुलाम नबी फाई को शुक्रवार को एक अमरीकी अदालत ने दो साल कैद की सजा सुनाई। फाई पर अमरीका में कश्मीर के मुद्दे पर गैर कानूनी ढंग से लॉबिंग करने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से पैसे लेने का आरोप था। न्यायाधीश ने फाई पर यह भी पाबंदी लगाई है कि वह पाकिस्तान की सरकार और आईएसआई से किसी तरह के संपर्क में ना रहें। फाई को पिछले वर्ष 19 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।
अमरीकी न्याय मंत्रालय के राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग की प्रमुख लीजा मोनाको ने कहा कि कई दशकों से पाकिस्तानी सरकार से चोरी-छुपे धन लेकर अमरीकी नीतियों को प्रभावित करने की योजना में फाई ने जो किरदार निभाया,उन्हें उसी की सजा मिली है। न्यायाधीश ने फाई को जेल के भीतर कश्मीर मुद्दे पर अखबारों में लेख लिखने की इजाजत दे दी है। फाई की वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुव्वकिल 25 जून को अपनी बेटी के ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद समर्पण करेंगे। पिछले साल दिसंबर में फाई ने यह मान लिया था कि वह आईएसआई से पैसे लेते थे।
सजा का फैसला सुनाए जाने से कुछ दिन पहले ही फाई ने अदालत में अर्जी दी थी जिसमें अपील की गई थी कि उन्हें कारागार में कैद की सजा न सुनाई जाए और उसके बजाए कुछ समय के लिए घर में नजरबंद कर दिया जाए। अमरीकी न्यायाधीश लियाम ओश्ग्रेडी ने उनकी अपील खारिज करते हुए फाई को कारागार में दो साल कैद के बाद तीन साल की निगरानी में रखे जाने का फैसला सुनाया।
वाशिंगटन। पाकिस्तान मूल के अमरीकी नागरिक और कश्मीरी अलगाववादी गुलाम नबी फाई को शुक्रवार को एक अमरीकी अदालत ने दो साल कैद की सजा सुनाई। फाई पर अमरीका में कश्मीर के मुद्दे पर गैर कानूनी ढंग से लॉबिंग करने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से पैसे लेने का आरोप था। न्यायाधीश ने फाई पर यह भी पाबंदी लगाई है कि वह पाकिस्तान की सरकार और आईएसआई से किसी तरह के संपर्क में ना रहें। फाई को पिछले वर्ष 19 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।
अमरीकी न्याय मंत्रालय के राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग की प्रमुख लीजा मोनाको ने कहा कि कई दशकों से पाकिस्तानी सरकार से चोरी-छुपे धन लेकर अमरीकी नीतियों को प्रभावित करने की योजना में फाई ने जो किरदार निभाया,उन्हें उसी की सजा मिली है। न्यायाधीश ने फाई को जेल के भीतर कश्मीर मुद्दे पर अखबारों में लेख लिखने की इजाजत दे दी है। फाई की वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुव्वकिल 25 जून को अपनी बेटी के ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद समर्पण करेंगे। पिछले साल दिसंबर में फाई ने यह मान लिया था कि वह आईएसआई से पैसे लेते थे।
सजा का फैसला सुनाए जाने से कुछ दिन पहले ही फाई ने अदालत में अर्जी दी थी जिसमें अपील की गई थी कि उन्हें कारागार में कैद की सजा न सुनाई जाए और उसके बजाए कुछ समय के लिए घर में नजरबंद कर दिया जाए। अमरीकी न्यायाधीश लियाम ओश्ग्रेडी ने उनकी अपील खारिज करते हुए फाई को कारागार में दो साल कैद के बाद तीन साल की निगरानी में रखे जाने का फैसला सुनाया।
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