शनिवार, 21 जनवरी 2012

जैसलमेर के सोनार किले की दशा सुधारेगी सरकार

जैसलमेर के सोनार किले की दशा सुधारेगी सरकार

जयपुर.दुनिया भर में लिविंग फोर्ट के रूप में मशहूर जैसलमेर के सोनार किले की जर्जर हालत सुधारने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने इसकी सुध ली है।
सोनार किले की स्थिति सुधारने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर एक उच्चाधिकार प्राप्त स्वतंत्र प्राधिकरण के गठन का फैसला किया है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री कुमारी शैलजा ने शनिवार सुबह सचिवालय में कला, संस्कृति, पर्यटन, पुरातत्व और नगरीय विकास विभाग के अफसरों की बैठक लेकर सोनार किले की स्थिति सुधारने की रणनीति पर चर्चा की।
बैठक में सोनार किले की जर्जर स्थिति को सुधारने के लिए उच्चाधिकार प्राप्त स्वतंत्र प्राधिकरण के गठन का फैसला हुआ। प्राधिकरण के कार्य क्षेत्र, अध्यक्ष और सदस्य और रूल ऑफ बिजनेस जल्द ही तय किए जाएंगे।
सोनार की मौजूदा स्थिति :सोनार किला दुनिया के उन गिने चुने किलों में शामिल है जिनमें आबादी निवास करती है। सोनार किला अभी जर्जर अवस्था में है। आबादी रहने से यहां पानी के रिसाव और नालियों की समस्या है। सीवरेज और ड्रेनेज की उचित व्यवस्था नहीं होने से पानी रिसकर दीवारों में चला गया है। अगर जल्द मरम्मत नहीं हुई तो यह किला कभी भी ढह जाएगा।

क्यों नहीं हुआ किले का जीर्णोद्धार :सोनार किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के नियंत्रण में आता है और संरक्षित किले की श्रेणी में है। यहां एएसआई की मंजूरी के बिना निर्माण का कोई काम नहीं हो सकता।
किले में रहने वाले लोगों ने सीवरेज और ड्रेनेज की व्यवस्था के साथ नालियों की मरम्मत के लिए स्थानीय नगरपालिका से कई बार मांग की। लेकिन एएसआई के नियमों के तहत इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। इसके चलते नगरीय विकास विभाग भी वहां किसी योजना के तहत काम नहीं करा सकता। बैठक में यह मुद्दा भी प्रमुखता से उठा।

प्राधिकरण बनने से होगा फायदा :सोनार किले के संरक्षण के लिए प्राधिकरण बनने से इसकी मरम्मत और जीर्णोद्धार के काम में तेजी आएगी। यह प्राधिकरण एएसआई, राज्य और केंद्र की एजेंसियों के बीच समन्वय का काम करेगा जिससे औपचारिकताओं को पूरा करने में लगने वाला समय कम होगा।

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