शास्त्रों में देवाधिदेव भगवान शिव को शर्व नाम से पुकारा गया है। जिसका अर्थ है कि शिव सारे कष्टों का नाश करने वाले हैं। भगवान शिव की उपासना भौतिक जीवन की कामनाओं को पूरा करने वाली मानी गई है। इसलिए जीवन में आने वाली हर तरह की परेशानियों को दूर करने व कामनापूर्ति के लिए शिव उपासना की विशेष तिथि, वार या घडिय़ों में विशेष मंत्र से शिव पूजा बहुत ही शुभ मानी गई है।
शिव आराधना के ऐसे ही दिनों में सोमवार व अष्टमी का बहुत महत्व है। इस सोमवार ऐसा ही संयोग बना है। जानिए इस दिन इंसानी जीवन में कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरा करने में अहम धन कामना को पूरा करने व आर्थिक परेशानियों से छुटकारे के लिए शिव के विशेष मंत्र और पूजा की सरल विधि -
- सुबह स्नान के बाद भगवान शिव की पूजा के लिए पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठें।
- किसी शिवालय में जाकर गंगा या पवित्र जल से जलधारा अर्पित करें। किसी विद्वान ब्राह्मण से दूध, जल, शहद, घी और शक्कर से शिव अभिषेक कराया जाना भी श्रेष्ठ है।
- शिव के साथ शिव परिवार की चंदन, फूल, गुड, जनेऊ, चंदन, रोली, कपूर से यथोपचार पूजा और अभिषेक पूजन करना चाहिए।
- भगवान शिव को सफेद फूल, बिल्वपत्र, धतूरा या आंकडे के फूल भी चढ़ाएं। सोमवार को शिव को कच्चे चावल पूजा में चढ़ाकर नीचे लिखा विशेष मंत्र बोलें व शिव की आरती धूप, दीप व कर्पूर से करें -
नमो निष्कलरूपाय नमो निष्कलतेजसे।
नम: सकलनाथाय नमस्ते सकलात्मने।।
नम: प्रणववाच्याय नम: प्रणवलिङ्गिने।
नम: सृष्टयादिकर्त्रे च नम: पञ्चमुखाय ते।।
- शिव स्त्रोतों और स्तुति का पाठ करें।
- शिव उपासना में संभव हो तो रात्रि जागरण भी करें।
शिव आराधना के ऐसे ही दिनों में सोमवार व अष्टमी का बहुत महत्व है। इस सोमवार ऐसा ही संयोग बना है। जानिए इस दिन इंसानी जीवन में कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरा करने में अहम धन कामना को पूरा करने व आर्थिक परेशानियों से छुटकारे के लिए शिव के विशेष मंत्र और पूजा की सरल विधि -
- सुबह स्नान के बाद भगवान शिव की पूजा के लिए पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठें।
- किसी शिवालय में जाकर गंगा या पवित्र जल से जलधारा अर्पित करें। किसी विद्वान ब्राह्मण से दूध, जल, शहद, घी और शक्कर से शिव अभिषेक कराया जाना भी श्रेष्ठ है।
- शिव के साथ शिव परिवार की चंदन, फूल, गुड, जनेऊ, चंदन, रोली, कपूर से यथोपचार पूजा और अभिषेक पूजन करना चाहिए।
- भगवान शिव को सफेद फूल, बिल्वपत्र, धतूरा या आंकडे के फूल भी चढ़ाएं। सोमवार को शिव को कच्चे चावल पूजा में चढ़ाकर नीचे लिखा विशेष मंत्र बोलें व शिव की आरती धूप, दीप व कर्पूर से करें -
नमो निष्कलरूपाय नमो निष्कलतेजसे।
नम: सकलनाथाय नमस्ते सकलात्मने।।
नम: प्रणववाच्याय नम: प्रणवलिङ्गिने।
नम: सृष्टयादिकर्त्रे च नम: पञ्चमुखाय ते।।
- शिव स्त्रोतों और स्तुति का पाठ करें।
- शिव उपासना में संभव हो तो रात्रि जागरण भी करें।
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