गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

रेलवे कुली था, अब दुनिया के सबसे दौलतमंदों में है



जी हां, यह दास्तान एक ऐसे व्यक्ति की है जिसका बचपन बेहद कठिन परिस्थितियों में गुजरा और जिसने बहुत तकलीफें उठाईं लेकिन आज वह दुनिया के सबसे अमीर लोगों में है। हम बात कर रहे हैं जॉर्ज सोरोस की जो आज 22 अरब डॉलर की हस्ती हैं।




1930 में जॉर्ज सोरोस का जन्म हंगरी में हुआ था। उनके माता पिता यहूदी थे और एक लेखक थे लेकिन वहां जर्मन नाजियों का कब्जा हो जाने के बाद उन्हें 13 साल की उम्र में उन्हें यहूदी काउंसिल में नौकरी करनी पड़ी। 1947 में वे हंगरी के एक अमीर व्यक्ति के साथ इंग्लैंड भाग गए और अपने चाचा के साथ रहने लगे। चाचा ने दया करके उन्हें लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में दाखिला दिला दिया। लेकिन सोरोस के पास खर्च के लिए पैसे नहीं थे इसलिए उन्होंने रेलवे कुली, वेटर और समुद्र के किनारे सामान बेचना शुरू किय़ा। वह बेहद गरीबी में दिन गुजार रहे थे।




पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें नौकरी ढूंढ़ने में बहुत परेशानी हुई। किसी तरह से उन्हें एक बैंक में छोटी सी नौकरी मिली और फिर वे उसमें लग गए। तंग आकर 1956 में वे अमेरिका चले गए जहां उन्होंने एनालिस्ट की नौकरी कर ली। बाद में वे एक और कंपनी में चले गए और वहां वाइस प्रेसीडेंट बन गए। 1967 में उन्होंने अपनी कंपनी को एक निवेश फंड कंपनी बनाने के लिए मना लिया। उनकी कंपनी ने 1969 में उनके लिए डबल ईंगल हेज फंड बनाया। 1970 में उन्होंने सोरोस फंड मैनेजमेंट बनाया और उसके चेयरमैन बन गए। उन्होंने क्वांटम फंड भी शुरू किया। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। निवेश की दुनिया उन्हें भा गई और देखते-देखते वह दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में आ गए। उन्हें फाइनेंस की दुनिया का जादूगर माना जाता है।




सोरोस अपना अतीत नहीमं भूले हैं और वे दुनिया भर में दान करते रहते हैं। 2011 तक उन्होंने 8 अरब डॉलर शिक्षा, स्वास्थ्य़ के लिए दान कर दिया था। अभी भी वह जनकल्याण के लिए दान करते रहते हैं।

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