सीबीआई ने शुक्रवार को तीन आरोपियों शहाबुद्दीन, सोहनलाल व बलदेव का आरोप पत्र दाखिल करने के बाद शाम को मदेरणा और परसराम को गिरफ्तार कर लिया था। शनिवार सुबह से शनिवार को मेडिकल जांच कराने और कोर्ट में पेश करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस बीच बीएसएफ का डॉक्टर बुला कर मदेरणा के स्वास्थ्य की जांच कराई गई और रिमांड फार्म मंगवा कर भरा गया। बताया जाता है कि उसमें 7 दिन का रिमांड भरा गया है। इसके बाद ठीक 3 बजे सीबीआई अधिकारी मदेरणा और परसराम को हाथ पकड़ कर नीचे लाए और पुलिस की बस में बैठा कर कोर्ट रवाना हो गए।
कठघरे में जाने से पहले मदेरणा हुए 'बीमार'
भंवरी अपहरण के मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की सर्किट हाउस में तबीयत बिगड़ गई। सीबीआई ने उनकी जांच के लिए बीएसएफ के एक डॉक्टर को बुलाया। शनिवार दोपहर को मदेरणा ने घबराहट और धड़कन बढऩे की शिकायत की। उनकी तबियत बिगड़ती देख सीबीआई ने बीएसएफ से एक फिजिशियन डॉक्टर को बुलवाया। उल्लेखनीय है कि 11 व 12 नवंबर को मदेरणा से पूछताछ हुई थी, फिर 12 नवंबर की रात वे सीने में दर्द की शिकायत लेकर एमडीएम अस्पताल में भर्ती हो गए थे। वहां वे 7 दिन तक भर्ती रहे थे।
मदेरणा और लूणी विधायक मलखानसिंह विश्नोई के भाई परसराम को शुक्रवार रात सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। उन्हें सर्किट हाउस में रखा गया। शनिवार सुबह दिव्या मदेरणा अपने पिता से मिलने सर्किट हाउस आईं। पिता को हल्का नाश्ता करवा कर कुछ दवाएं दी और निकल गई। उधर मलखान का बेटा महेंद्र भी अपने चाचा परसराम का टिफिन लेकर सर्किट हाउस आया।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने शुक्रवार को हत्या की मकसद से अपहरण के आरोपियों शहाबुद्दीन, सोहनलाल व बलदेव के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी थी। चार्जशीट में मदेरणा व सहीराम के नाम भी शामिल है। शाम होने तक सीबीआई ने महिपाल मदेरणा और परसराम विश्नोई को भी गिरफ्तार कर लिया था।
सौदा 50 लाख का, भंवरी को मिले सिर्फ ढाई लाख
आरोप-पत्र के अनुसार भंवरी सीडी बनाकर पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा को दो साल से ब्लैकमेल कर रही थी। एक साल से उसकी डिमांड बढ़ गई थी। वह जल संसाधन विभाग के काम में भी हस्तक्षेप करने लगी थी। आरोप है कि जुलाई में जब सीडी चर्चा में आई तो मदेरणा ने सहीराम और अन्य से इस मामले को निपटाने को कहा। सहीराम ने 4 से 8 अगस्त के बीच सोहनलाल व शहाबुद्दीन से मिलकर सीडी का सौदा 50 लाख रु. में करने की योजना बनाई। भंवरी सहीराम व सोहनलाल पर विश्वास नहीं करती थी, इसलिए शहाबुद्दीन को मदेरणा का अमीर दोस्त राजू भाई बना कर साथ लिया गया था। अगस्त में भंवरी को ढाई लाख रुपए की पहली किस्त दी गई। शेष रकम सितंबर के पहले हफ्ते में देना तय हुआ। बकाया भुगतान के लिए एक सितंबर को भंवरी को बिलाड़ा बुलाया गया और पूरी वारदात को अंजाम दे दिया गया।
बलदेव ने किया सरकारी गवाह बनने से इनकार
भंवरी अपहरण के तीसरे आरोपी बलदेव उर्फ कुंभाराम चौधरी ने शनिवार दोपहर सीबीआई कोर्ट में सरकारी गवाह बनने से इनकार कर दिया है। आज कोर्ट में शुक्रवार को पेश हुई चार्जशीट पर सुनवाई चल रही है।
सोहनलाल विश्नोई, शहाबुद्दीन और बलदेव सीबीआई कोर्ट में पेश
सीबीआई ने तीनों आरोपियों सोहनलाल विश्नोई, शहाबुद्दीन और बलदेव उर्फ कुंभाराम को सीबीआई कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में बलदेव की ओर से जेल से एक अर्जी आई हुई थी जिसमें उसके सरकारी गवाह बनने की इच्छा जताई गई थी। जब कोर्ट ने बलदेव से इस संबंध में पूछा तो उसने साफ इनकार कर दिया।
बलदेव ने आज ही अपना वकील किया था इसलिए कोर्ट में पूछा गया कि यह अर्जी कहां से आई है तो बताया गया कि जेल से मिली है। सीबीआई ने तीनों आरोपियों से संबंधित सभी दस्तावेज कोर्ट में पेश कर दिए। अब सुनवाई दोपहर दो बजे होगी तब तक तीनों आरोपियों को कोर्ट परिसर में बनी हवालात में रखा गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें