'भारतीय इतिहास एवं संस्कृति में युग-युगीन अश्वÓ विषयक संगोष्ठी का उद्घाटन गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वघेला करेंगे
जोधपुर। महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध केन्द्र, मेहरानगढ़ दुर्ग के तत्वावधान में दुर्ग स्थित चोखेलाव महल में आयोजित दो दिवसीय इतिहास विषयक संगोष्ठी 9 व 10 नवंबर 2011 को होगी। संगोष्ठी का विषय होगा 'भारतीय इतिहास एवं संस्कृति में युग-युगीन अश्वÓ तथा संगोष्ठी का उद्घाटन गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वघेला करेंगे। पूर्व नरेश गजसिंह के सान्निध्य में आयोजित इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न भागों से आमंत्रित विद्वान इतिहासकार घोड़ों से संबंधित शोध पत्रों का वाचन करेंगे।
शोध केन्द्र के महानिदेशक डॉ. महेन्द्रसिंह नगर ने सोमवार को पत्रकार सम्मेलन में बताया कि उद्घाटन समारोह में पूर्व नरेश व अतिथिगण राज अनुष्ठान अश्व का पूजन करेंगे। चोकेलाव महल के बाहर स्थित एतिहासिक धन्ना-भींया की छतरी के पास छह घोड़े व एक कोतल घोड़ा आभूषणों से युक्त मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर अश्वों की जानकारी से संबंधित एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
सेमिनार के दौरान कोटा से प्रो. घनश्यामलाल देवड़ा, सीतामऊ से डॉ. मनोहरसिंह राणावत, कुरूक्षेत्र से प्रो. रविन्द्र कुमार शर्मा, अलीगढ़ से डॉ. जिब्राइल, भावनगर से डॉ. लक्ष्मणसिंह वाढेल सहित जयपुर, उदयपुर व जोधपुर से 36 विद्वान व शोधार्थी पत्रवाचन करेंगे।
संगोष्ठी के समापन समारोह के मुख्य अतिथि जेएनवीयू के पूर्व कुलपति एलएस राठौड़ होंगे जबकि सांसद चंद्रेशकुमारी का सान्निध्य होगा। संवाददाता सम्मेलन में विभिन्न नस्लों के घोड़ों पर एक्रोबेट्स दिखाते कलाकारों व के साथ लंगा मांगणियार के लोकगीतों से युक्त डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया।
जोधपुर। महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध केन्द्र, मेहरानगढ़ दुर्ग के तत्वावधान में दुर्ग स्थित चोखेलाव महल में आयोजित दो दिवसीय इतिहास विषयक संगोष्ठी 9 व 10 नवंबर 2011 को होगी। संगोष्ठी का विषय होगा 'भारतीय इतिहास एवं संस्कृति में युग-युगीन अश्वÓ तथा संगोष्ठी का उद्घाटन गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वघेला करेंगे। पूर्व नरेश गजसिंह के सान्निध्य में आयोजित इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न भागों से आमंत्रित विद्वान इतिहासकार घोड़ों से संबंधित शोध पत्रों का वाचन करेंगे।
शोध केन्द्र के महानिदेशक डॉ. महेन्द्रसिंह नगर ने सोमवार को पत्रकार सम्मेलन में बताया कि उद्घाटन समारोह में पूर्व नरेश व अतिथिगण राज अनुष्ठान अश्व का पूजन करेंगे। चोकेलाव महल के बाहर स्थित एतिहासिक धन्ना-भींया की छतरी के पास छह घोड़े व एक कोतल घोड़ा आभूषणों से युक्त मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर अश्वों की जानकारी से संबंधित एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
सेमिनार के दौरान कोटा से प्रो. घनश्यामलाल देवड़ा, सीतामऊ से डॉ. मनोहरसिंह राणावत, कुरूक्षेत्र से प्रो. रविन्द्र कुमार शर्मा, अलीगढ़ से डॉ. जिब्राइल, भावनगर से डॉ. लक्ष्मणसिंह वाढेल सहित जयपुर, उदयपुर व जोधपुर से 36 विद्वान व शोधार्थी पत्रवाचन करेंगे।
संगोष्ठी के समापन समारोह के मुख्य अतिथि जेएनवीयू के पूर्व कुलपति एलएस राठौड़ होंगे जबकि सांसद चंद्रेशकुमारी का सान्निध्य होगा। संवाददाता सम्मेलन में विभिन्न नस्लों के घोड़ों पर एक्रोबेट्स दिखाते कलाकारों व के साथ लंगा मांगणियार के लोकगीतों से युक्त डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया।
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