गुरुवार, 6 अक्तूबर 2011

थार में पहंुचने लगे सेना के जवानों के दल

थार में पहंुचने लगे सेना के जवानों के दल

बाड़मेर । रणकौशल से मरूधरा को चमकाने के लिए भारतीय थलसेना के जवानों की टुकडियां पश्चिमी क्षेत्र में साजो-सामान के साथ पहंुचना शुरू हो गई हैं। सम्भवत: विजय दशमी के बाद रेगिस्तान में सबसे बड़ा शीतकालीन युद्धाभ्यास शुरू होगा, जो दिसम्बर के मध्य तक चलेगा। इसमें भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान भी दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को नेस्तनाबूद कर अपनी मारक क्षमता को परखेंगे।

सैन्य सूत्रों के अनुसार पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के चीनी सेना के साथ बढ़ते गठजोड़ व युद्धाभ्यास का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए थल सेना इस बार सबसे बड़ा युद्धाभ्यास करने जा रही है। इसमें भोपाल में स्थित 21 स्ट्राइक कोर तथा जोधपुर में स्थित 12 डेजर्ट कोर अहम भूमिका निभाएंगी। इसके लिए दो डिवीजन को दुश्मन व भारतीय सेना में बांटा जाएगा। इसके बाद काल्पनिक युद्ध शुरू होगा। इसकी शुरूआत डेजर्ट कोर करेगी तथा बाद में स्ट्राइक कोर इसमें शामिल होगी।


पहंुचने लगी ट्रेनें

दोनों ही कोर के विभिन्न डिवीजन की यूनिटें विभिन्न स्थानों से बाड़मेर व जैसलमेर की ओर से कूच कर चुकी हैं। जोधपुर से जैसलमेर व बाड़मेर जाने वाले रेल मार्गो से सेना की विशेष ट्रेनों से ये यूनिटें थार में सरहद के निकट पहंुच रही हैं।


खस्ताहाल मार्ग से परेशानी

सरहद को जोड़ने वाला मार्ग पूरी तरह से खराब होने के कारण सैन्य वाहनों को जोधपुर से बाड़मेरकी ओर आने में परेशानी हो रही है। गत सप्ताह भी सेना के दर्जनभर ट्रक कल्याणपुर के पास कच्चे रास्तों में भटक गए थे। कल्यानपुर में रसायन का पानी भर जाने से पूरा मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया हें जिसके कारण सेना के जवानों को परेशानी का सामना करना पढ़ रहा हें

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