आखिर क्यों ....बलि का बकरा क्यों बनाया रखवालो को .
राजस्थान का भरतपुर जिले का गोपालगढ़ इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ हें ,समुदाय विशेष की आपसी हिंसा में आठ लोग मरे गए .हालत बहूत ख़राब थे .जिला कलेक्टर कृष्ण कुनाल एक नेक .दबंग ऑफिसर जिसकी जांबाजी के चर्चे गुर्जर आन्दोलन में सुने जब उन्हें वसुंधरा सर्कार ने गुर्जर आन्दोलन हेंडल करने के लिए बाड़मेर से करौली भेजा रातो रात हेलिकोप्टर में जाकर ज्वाइन किया .जांबाज ऑफिसर कुनाल हमेशा जनहित की सोच रखते हें गोपालगढ़ में भी जब समिदय विशेष के लोग आक्रोशित थे उस वक्त स्थति यह थी की गोली कुनाल को लगते लगते रह गयी संयम बरता मगर परिष्ठ्तिया विपरीत हो रही थी लोग उग्र हो रहे थे सर्कार के अधिकारियो से सलाश मशवरा किया मामला कैसे शांत हो चर्चा हुई ला एंड आर्डर की पालने की कुनाल ने तब तक आठ लोग मरे जा चुके थे प्रशासन द्वारा कड़े कदम नहीं उठाये गए होते तो शायद स्थातिया बेहद घम्भीर हो जाते यह आग कंहा तक फेलती कोई नंही जानता.कुनाल की दबंगता के कारन ही आग ज्यादा नहीं फेली .सर्कार के गृह मंत्री सहित आला अधिकारियो ने कुनाल की पीठ थप थापाई .कुनाल का स्थानान्तरण करने से एक घंटा पहले तक गृह मंत्री शांति धारीवाल का बयान था की प्रशासन ने अपना कान बखूबी किया .तारीफों के पुल बंधे जो चेनलो पर दिखाए गए .सरकार के नुमाईंदे जानते हें की कड़े कदम नहीं उठाये होते तो कब्रे बनाने की जगह नहीं होती गोपाल गढ़ में कुनाल जैसे अफसरों के साथ अन्याय महज वोटो की राजनीती के कारण हुआ जो अधिकारी वर्ग के होंसलो को पस्त करने वाला हें आगे भगवान् न करे यासी प्रिष्ठाती कंही और हुई तो कोनसा प्रशासनिक अधिकारी आगे बढ़ कर काम करेगा ,गेह्लोत्जी नैतिकता और सचाई की बात करते हें सच्चाई किसी से छिपि नहीं हें गहलोत जी स्वयं हकीकत जानते हें .जनता जानती हें फिर एक काबिल अफसर के साथ अन्याय महज वोटो की खातिर क्यों .हें कोई जवाब राजस्थान सरकार और मुखिया अशोक गहलोत जी राहुल गाँधी सोनिया गाँधी के पास .आप ही बताये सही हुआ या गलत फैसला जनता करे
राजस्थान का भरतपुर जिले का गोपालगढ़ इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ हें ,समुदाय विशेष की आपसी हिंसा में आठ लोग मरे गए .हालत बहूत ख़राब थे .जिला कलेक्टर कृष्ण कुनाल एक नेक .दबंग ऑफिसर जिसकी जांबाजी के चर्चे गुर्जर आन्दोलन में सुने जब उन्हें वसुंधरा सर्कार ने गुर्जर आन्दोलन हेंडल करने के लिए बाड़मेर से करौली भेजा रातो रात हेलिकोप्टर में जाकर ज्वाइन किया .जांबाज ऑफिसर कुनाल हमेशा जनहित की सोच रखते हें गोपालगढ़ में भी जब समिदय विशेष के लोग आक्रोशित थे उस वक्त स्थति यह थी की गोली कुनाल को लगते लगते रह गयी संयम बरता मगर परिष्ठ्तिया विपरीत हो रही थी लोग उग्र हो रहे थे सर्कार के अधिकारियो से सलाश मशवरा किया मामला कैसे शांत हो चर्चा हुई ला एंड आर्डर की पालने की कुनाल ने तब तक आठ लोग मरे जा चुके थे प्रशासन द्वारा कड़े कदम नहीं उठाये गए होते तो शायद स्थातिया बेहद घम्भीर हो जाते यह आग कंहा तक फेलती कोई नंही जानता.कुनाल की दबंगता के कारन ही आग ज्यादा नहीं फेली .सर्कार के गृह मंत्री सहित आला अधिकारियो ने कुनाल की पीठ थप थापाई .कुनाल का स्थानान्तरण करने से एक घंटा पहले तक गृह मंत्री शांति धारीवाल का बयान था की प्रशासन ने अपना कान बखूबी किया .तारीफों के पुल बंधे जो चेनलो पर दिखाए गए .सरकार के नुमाईंदे जानते हें की कड़े कदम नहीं उठाये होते तो कब्रे बनाने की जगह नहीं होती गोपाल गढ़ में कुनाल जैसे अफसरों के साथ अन्याय महज वोटो की राजनीती के कारण हुआ जो अधिकारी वर्ग के होंसलो को पस्त करने वाला हें आगे भगवान् न करे यासी प्रिष्ठाती कंही और हुई तो कोनसा प्रशासनिक अधिकारी आगे बढ़ कर काम करेगा ,गेह्लोत्जी नैतिकता और सचाई की बात करते हें सच्चाई किसी से छिपि नहीं हें गहलोत जी स्वयं हकीकत जानते हें .जनता जानती हें फिर एक काबिल अफसर के साथ अन्याय महज वोटो की खातिर क्यों .हें कोई जवाब राजस्थान सरकार और मुखिया अशोक गहलोत जी राहुल गाँधी सोनिया गाँधी के पास .आप ही बताये सही हुआ या गलत फैसला जनता करे
i like most great sir
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