नई दिल्ली. नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकर्ता मोहम्मद यूसुफ की संदिग्ध हालत में हुई मौत जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला और उनके पिता डॉ. फारुक अब्दुल्ला के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। इस विवाद के अहम चश्मदीद ने इस बात का खुलासा किया है कि जम्मू कश्मीर की राजनीति में ‘पैसे का खेल’ किस तरह फल-फूल रहा है। पिछले महीने 29 तारीख को उमर के घर जो कुछ हुआ, उसकी आपबीती अब्दुल सलाम रेशी ने बयां की है।
अब्दुल सलाम ने कुछ टीवी चैनलों से बातचीत में दावा किया है कि जम्मू कश्मीर के सीएम और उनके पिता पैसे के लेनदेन के इस 'खेल' में शामिल रहे हैं। अब्दुल सलाम का कहना है कि उससे बीते फरवरी में 34 लाख रुपये लिए गए थे। इसके बाद सीएम से मिलना था। 2-3 दिन बाद ये पैसे वापस कर दिए गए। लेकिन कुछ रकम रह गई थी। इसका खुलासा मैं कोर्ट में करुंगा। अब्दुल का दावा है कि यूसुफ सीएम आवास गया तो वह स्वस्थ दिख रहा था लेकिन जब वह वहां से बाहर आया तो उसकी हालत बिगड़ी हुई दिख रही थी।
इसका दावा है कि इसने और यूसुफ ने इस बारे में आईजी पुलिस (क्राइम) को लिखित बयान भी दिया है। यूसुफ ने आईजी को दिए बयान में सीधे डॉ. फारुख पर उंगली उठाई। अब्दुल सलाम ने यूसुफ के हवाले से कहा है कि यूसुफ ने डॉ. फारुख से सीधे बात की। उसके मुताबिक डॉ. फारुख ने ‘बड़े काम’ के लिए एक करोड़ जबकि ‘छोटे काम’ के लिए 50 लाख रुपये मांगे थे। छोटे काम का मतलब एमएलसी बनाने और बड़े काम का मतलब एमएलसी के साथ साथ मंत्री बनाने से है। यूसुफ ने अब्दुल कहा कि यह बड़ा काम है इसलिए यूसुफ ने डॉ. फारुख को 85 लाख दिए, 15 लाख देने बाकी हैं।
चश्मदीद के इस खुलासे के बाद जम्मू कश्मीर में विपक्षी दलों ने उमर अब्दुल्ला पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। पीडीपी ने उमर पर इस बारे में चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए सीएम से सफाई मांगी है। पीडीपी का कहना है कि उमर के इस्तीफे के बिना इस मामले की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। बीजेपी ने उमर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि यूसुफ की मौत अब नेशनल कांफ्रेंस का आतंरिक मामला नहीं रहा है। यूसुफ की मौत से पहले उसका उत्पीड़न किए जाने के आरोपों को अपराध से जोड़कर देखा जाना चाहिए।
नेकां कार्यकर्ता की मौत पर बढ़ते विवाद के बीच फारुख अब्दुल्ला ने आज चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। जांच आयोग की रिपोर्ट आने तक इंतजार करना चाहिए। जांच में सच्चाई सामने आएगी। फारुख ने कहा कि नेकां-कांग्रेस गठबंधन सरकार के खिलाफ यह राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा कि वह और उनके बेटे उमर कुछ भी छुपा नहीं रहे हैं। इससे पहले उमर आज दिल्ली पहुंचे। यहां नेकां कार्यकर्ताओं की बैठक हुई जिसमें यूसुफ की मौत को लेकर उठे विवाद पर चर्चा हुई। चश्मदीद के खुलासों से जुड़े सवाल पर फारुख ने कहा कि हमारा देश लोकतांत्रिक है और यहां कोई किसी के बारे में कुछ भी कह सकता है।
अब्दुल सलाम ने कुछ टीवी चैनलों से बातचीत में दावा किया है कि जम्मू कश्मीर के सीएम और उनके पिता पैसे के लेनदेन के इस 'खेल' में शामिल रहे हैं। अब्दुल सलाम का कहना है कि उससे बीते फरवरी में 34 लाख रुपये लिए गए थे। इसके बाद सीएम से मिलना था। 2-3 दिन बाद ये पैसे वापस कर दिए गए। लेकिन कुछ रकम रह गई थी। इसका खुलासा मैं कोर्ट में करुंगा। अब्दुल का दावा है कि यूसुफ सीएम आवास गया तो वह स्वस्थ दिख रहा था लेकिन जब वह वहां से बाहर आया तो उसकी हालत बिगड़ी हुई दिख रही थी।
इसका दावा है कि इसने और यूसुफ ने इस बारे में आईजी पुलिस (क्राइम) को लिखित बयान भी दिया है। यूसुफ ने आईजी को दिए बयान में सीधे डॉ. फारुख पर उंगली उठाई। अब्दुल सलाम ने यूसुफ के हवाले से कहा है कि यूसुफ ने डॉ. फारुख से सीधे बात की। उसके मुताबिक डॉ. फारुख ने ‘बड़े काम’ के लिए एक करोड़ जबकि ‘छोटे काम’ के लिए 50 लाख रुपये मांगे थे। छोटे काम का मतलब एमएलसी बनाने और बड़े काम का मतलब एमएलसी के साथ साथ मंत्री बनाने से है। यूसुफ ने अब्दुल कहा कि यह बड़ा काम है इसलिए यूसुफ ने डॉ. फारुख को 85 लाख दिए, 15 लाख देने बाकी हैं।
चश्मदीद के इस खुलासे के बाद जम्मू कश्मीर में विपक्षी दलों ने उमर अब्दुल्ला पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। पीडीपी ने उमर पर इस बारे में चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए सीएम से सफाई मांगी है। पीडीपी का कहना है कि उमर के इस्तीफे के बिना इस मामले की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। बीजेपी ने उमर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि यूसुफ की मौत अब नेशनल कांफ्रेंस का आतंरिक मामला नहीं रहा है। यूसुफ की मौत से पहले उसका उत्पीड़न किए जाने के आरोपों को अपराध से जोड़कर देखा जाना चाहिए।
नेकां कार्यकर्ता की मौत पर बढ़ते विवाद के बीच फारुख अब्दुल्ला ने आज चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। जांच आयोग की रिपोर्ट आने तक इंतजार करना चाहिए। जांच में सच्चाई सामने आएगी। फारुख ने कहा कि नेकां-कांग्रेस गठबंधन सरकार के खिलाफ यह राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा कि वह और उनके बेटे उमर कुछ भी छुपा नहीं रहे हैं। इससे पहले उमर आज दिल्ली पहुंचे। यहां नेकां कार्यकर्ताओं की बैठक हुई जिसमें यूसुफ की मौत को लेकर उठे विवाद पर चर्चा हुई। चश्मदीद के खुलासों से जुड़े सवाल पर फारुख ने कहा कि हमारा देश लोकतांत्रिक है और यहां कोई किसी के बारे में कुछ भी कह सकता है।
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