मंगलवार, 6 सितंबर 2011

दिग्विजय का नया वार- हिंदू आतंकवाद और आरएसएस से जुड़ा था अन्‍ना का आंदोलन



जम्मू. अन्ना हजारे की टीम पर कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने हमला तेज कर दिया है। अपने ताज़ा बयान में कांग्रेस के नेता ने आरोप लगाया है कि अन्ना योग गुरु बाबा रामदेव की तरह आरएसएस के मुखौटे हैं। दिग्विजय ने कहा कि आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के मामलों में अपने कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से लोगों का ध्यान हटाने के लिए आरएसएस हजारे का इस्तेमाल कर रहा है। उन्‍होंने उनके जन लोकपाल आंदोलन को आरएसएस की इसी योजना का हिस्‍सा बताया, ताकि आतंकी गतिविधियों में पकड़े गए संघ के लोगों की ओर से ध्‍यान हटाया जा सके।


मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'लोकपाल का मुद्दा भी इसी वजह से उछाला गया। उन्होंने (बीजेपी और आरएसएस) ने यह योजना बनाई थी।' उन्होंने पहले बाबा रामदेव को और उसके बाद अन्ना हजारे को मुखौटा बनाया। दिग्विजय सिंह के मुताबिक, 'मैं अन्ना की इज्जत करता हूं क्योंकि वे गांधीवादी हैं। लेकिन उनके आसपास मौजूद लोग ठीक नहीं हैं।'


दिग्विजय सिंह ने पूछा, 'किसी सरकारी कर्मचारी को प्रदर्शन करने की इजाजत है? क्या केजरीवाल के पास दान लेने का अधिकार है?
अगर 40 लाख कर्मचारी ऐसा नहीं कर सकते हैं तो वह (केजरीवाल) ऐसा कैसे कर सकते हैं? दिग्विजय सिंह ने यह भी पूछा कि आईआरएस अफसर के तौर पर अरविंद ने कितने घोटालों का पर्दाफाश किया है?' दिग्विजय सिंह के मुताबिक सरकार ने टीम अन्ना का सम्मान करते हुए उन्हें लोकपाल ड्राफ्ट तैयार करने के लिए आमंत्रित किया था और इसे लेकर विपक्ष को परेशानी थी, उनकी पार्टी को नहीं।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इससे पहले अरविंद केजरीवाल पर हमला बोलते हुए उन पर आरोप लगाया था कि एनजीओ चलाकर अरविंद ने लाखों रुपये चंदे के तौर पर वसूल किए हैं। दिग्विजय के इसी बयान पर अन्ना ने प्रतिक्रिया देते हुए सोमवार को दिग्विजय को उनके बयानों को लेकर ‘पागलखाने’ भेजने की सलाह दी थी। अन्ना ने कहा था, ‘दिग्विजय सिंह का मानसिक स्तर बिगड़ चुका है। उन्हें इलाज के लिए पागलखाने भेज देना चाहिए क्योंकि उनकी फालतू बयानबाजी यह साबित करने के लिए काफी है कि उनकी सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो गई है।’

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