नई दिल्ली. नेत्र रोगों से पीड़ित लोगों को अब कंप्यूटर या फिर मोबाइल पर टाइप किए शब्दों के गलत होने की समस्या से दो-चार नहीं होना पड़ेगा। दूरसंचार राज्य मंत्री सचिन पायलट ने गुरुवार को ऐसे लोगों के लिए विशेष सॉफ्टवेयर टेक्स्ट टू स्पीच (टीटी-एस) की शुरुआत की।
छह भारतीय भाषाओं हिंदी,बांग्ला,मराठी,तमिल,मलयालम और तेलुगु में उपलब्ध यह सॉफ्टवेयर मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन पर लिखे गए शब्दों को पढ़कर बताएगा जिससे उसमें गलत शब्द टाइप होने की आशंका नहीं रहेगी। यह विंडो और लाइनेक्स दोनों सिस्टम पर काम करेगा।
सूचना तकनीक मंत्रालय की ओर से वित्त पोषित इस योजना को लेकर पायलट ने कहा कि यह आईआईटी मद्रास, आईआईटी दिल्ली, पंजाबी यूनिवर्सिटी और दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्तियों के आपसी सहयोग से सामने आया है।
पायलट ने इसके साथ ही ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॅगनीशन (सीआर) का वेब वर्जन भी लांच किया। देव नागरी और गुरू मुखी में उपलब्ध इस सॉफ्टवेयर के सहारे पुस्तकों को कंप्यूटर आधारित तकनीक का इस्तेमाल करते हुए पढ़ने की सुविधा उपलब्ध होगी।
छह भारतीय भाषाओं हिंदी,बांग्ला,मराठी,तमिल,मलयालम और तेलुगु में उपलब्ध यह सॉफ्टवेयर मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन पर लिखे गए शब्दों को पढ़कर बताएगा जिससे उसमें गलत शब्द टाइप होने की आशंका नहीं रहेगी। यह विंडो और लाइनेक्स दोनों सिस्टम पर काम करेगा।
सूचना तकनीक मंत्रालय की ओर से वित्त पोषित इस योजना को लेकर पायलट ने कहा कि यह आईआईटी मद्रास, आईआईटी दिल्ली, पंजाबी यूनिवर्सिटी और दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्तियों के आपसी सहयोग से सामने आया है।
पायलट ने इसके साथ ही ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॅगनीशन (सीआर) का वेब वर्जन भी लांच किया। देव नागरी और गुरू मुखी में उपलब्ध इस सॉफ्टवेयर के सहारे पुस्तकों को कंप्यूटर आधारित तकनीक का इस्तेमाल करते हुए पढ़ने की सुविधा उपलब्ध होगी।
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