छह दिन बाद शवों का पोस्टमार्टम
पोस्टमार्टम की कार्रवाई में मृतकों के परिजन व समाज के नेता शामिल नहीं हुए। पुलिस ने पंचनामे की कार्रवाई मृतकों के परिजनों की अनुपस्थिति में पूर्व सांसद विश्वेंद्र सिंह व मेव समाज के चार लोगों ने कराई। पोस्टमार्टम से पूर्व शवों का एक्सरे कराया गया। शव बुरी तरह क्षत विक्षत होने की स्थित में पहुंच चुके थे। इस मौके पर जिला कलेक्टर गौरव गोयल, पुलिस अधीक्षक विकास कुमार सहित अनेक अधिकारी व कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गिरीश चौधरी, किसान नेता नेम सिंह फौजदार आदि लोग मौजूद थे। डीआईजी आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद मृतकों के शवों को उनके परिजनों के आने तक जिला अस्पताल में रखा जाएगा। इसके लिए अस्पताल के एक कमरे में डी फ्रीज रखे जा रहे हैं।चार डी फ्रीज आगरा, एक अजमेर तथा दो भरतपुर की एक एनजीएम अपना घर से मंगाए गए हैं।छह डी फ्रीज में छह शव रखे जाएंगे। एक डी फ्रीज एक्सट्रा रखा जाएगा, ताकि अगर कोई डी फ्रीज खराब हुआ तो उपयोग हो सके। पोस्टमार्टम के लिए तेज धूप व गर्मी के कारण पोस्टमार्टम रूम के बाहर खुले में टेंट लगाए गए थे।
गोपालगढ़ का पुलिस थाना लाइन हाजिर
जयपुर। गोपालगढ़ में भूमि विवाद को लेकर हुए खूनी संघर्ष में बलवाइयों ने भी जमकर गोलियां दागी थीं। पुलिस की गोली से भी तीन लोगों की मौत हुई है। यह खुलासा मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ है। खुलासे के बाद सरकार ने गोपालगढ़ के पुलिस थाने को लाइन हाजिर किया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस की फायरिंग के मामले में सरकार की ओर से जारी बयान को भी खोखला साबित कर दिया है। इस मामले में मुख्य सचिव ने पुलिस की गोली से किसी की भी मौत नहीं होने का दावा किया था। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले की न्यायिक जांच कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि रिटायर्ड जज से मामले की जांच कराई जाएगी।
बुधवार को मृतकों के करवाए गए पोस्टमार्टम में यह साबित हो गया है कि तीन लोगों की मौत पुलिस की गोली से हुई है, जबकि पांच अन्य मृतकों की बॉडी में छर्रे मिले हैं। इससे माना जा रहा कि तीन लोगों की मौत पुलिस की गोली से हुई है, जबकि पांच अन्य लोगों को बलवाइयों ने मौत के घाट उतार दिया था। गृह सचिव पीके देब का कहना है कि हालात पर काबू पाने के बाद बलवाइयों को गिरफ्तार करने और संघष्ाü के दौरान इस्तेमाल किए गए हथियारों को बरामद करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
तीन की पुलिस की गोली से मौत
सूत्रों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह साफ हो गया है कि पुलिस ने भी भीड़ पर गोलियां चलाई थी। हालांकि पुलिस और सरकार के नुमाइंदे घटना के बाद बार-बार यही बयान जारी कर रहे थे कि हालात को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस ने केवल हवा में गोलियां चलाई थीं। गत रविवार को राज्य के मुख्य सचिव एस अहमद ने भी घटनास्थल का दौरा करने के बाद अपने बयान में पुलिस की गोली से किसी के भी नहीं मारे जाने का दावा किया था। सूत्रों ने बताया कि बुधवार तक आठ मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम करवाया जा चुका था। इनमें से तीन लोगों के पुलिस के राइफल की गोली से मौत होने की पुष्टि हो चुकी है।
अवैध हथियारों का भी जम कर इस्तेमाल
मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शवों में काफी संख्या में छर्रे भी मिलने की बात कही गई है। इससे माना जा रहा है कि बलवाइयों ने अवैध हथियारों से भी फायरिंग की है। गृह सचिव देब का कहना है कि गोपालगढ़ प्रकरण में वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी और हथियारों की बरामदगी के लिए अभियान भी चलाया जाएगा।
भरतपुरत्न जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने पीएमओं को अस्पताल में डीप फ्रिजर लगवाने के लिए आवश्यक कार्रवाई प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा अस्पताल में डीप फ्रिजर की आवश्यकता को देखते हुए किया गया।इसके लिए पीएमओ एवं यूआईटी सचिव को शीघ्र तकमीना बनाकर स्वीकृति हेतु प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
नौकरी के लिए भिजवाया प्रस्ताव
जिला कलेक्टर द्वारा पिपरोली निवासी मृतक इकबाल के परिवारजनों से राज्य सरकार के आश्वासन के अनुसार नौकरी हेतु आवेदन का प्रस्ताव भिजवाया या है। जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले के रिक्त पदों की सूची भी तैयार करवा ली गई है।ताकि अन्य मृतकों के निस्तारण के साथ ही उनके आश्रितों के नौकरी हेतु आवेदन पत्रों पर भी नियमानुसार कार्रवाई प्रारंभ की जा सके।
गोपालगढ़ कांड के मृतकों के सभी छह शवों का बुधवार को जिला प्रशासन ने पोस्टमार्टम जयपुर से आई डाक्टरों की टीम से करा दिया। इस कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई जा रही है। प्रशासन का मानना है कि शव खराब होने की स्थिति में हैं।अगर पोस्टमार्टम में अब देरी की गई तो साक्ष्य समाप्त हो जाएंगे। इसलिए पोस्टमार्टम कराना जरूरी हो गया था। शवों के पोस्टमार्टम का छह दिन से इंतजार किया जा रहा था।
पोस्टमार्टम की कार्रवाई में मृतकों के परिजन व समाज के नेता शामिल नहीं हुए। पुलिस ने पंचनामे की कार्रवाई मृतकों के परिजनों की अनुपस्थिति में पूर्व सांसद विश्वेंद्र सिंह व मेव समाज के चार लोगों ने कराई। पोस्टमार्टम से पूर्व शवों का एक्सरे कराया गया। शव बुरी तरह क्षत विक्षत होने की स्थित में पहुंच चुके थे। इस मौके पर जिला कलेक्टर गौरव गोयल, पुलिस अधीक्षक विकास कुमार सहित अनेक अधिकारी व कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गिरीश चौधरी, किसान नेता नेम सिंह फौजदार आदि लोग मौजूद थे। डीआईजी आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद मृतकों के शवों को उनके परिजनों के आने तक जिला अस्पताल में रखा जाएगा। इसके लिए अस्पताल के एक कमरे में डी फ्रीज रखे जा रहे हैं।चार डी फ्रीज आगरा, एक अजमेर तथा दो भरतपुर की एक एनजीएम अपना घर से मंगाए गए हैं।छह डी फ्रीज में छह शव रखे जाएंगे। एक डी फ्रीज एक्सट्रा रखा जाएगा, ताकि अगर कोई डी फ्रीज खराब हुआ तो उपयोग हो सके। पोस्टमार्टम के लिए तेज धूप व गर्मी के कारण पोस्टमार्टम रूम के बाहर खुले में टेंट लगाए गए थे।
गोपालगढ़ का पुलिस थाना लाइन हाजिर
जयपुर। गोपालगढ़ में भूमि विवाद को लेकर हुए खूनी संघर्ष में बलवाइयों ने भी जमकर गोलियां दागी थीं। पुलिस की गोली से भी तीन लोगों की मौत हुई है। यह खुलासा मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ है। खुलासे के बाद सरकार ने गोपालगढ़ के पुलिस थाने को लाइन हाजिर किया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस की फायरिंग के मामले में सरकार की ओर से जारी बयान को भी खोखला साबित कर दिया है। इस मामले में मुख्य सचिव ने पुलिस की गोली से किसी की भी मौत नहीं होने का दावा किया था। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले की न्यायिक जांच कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि रिटायर्ड जज से मामले की जांच कराई जाएगी।
बुधवार को मृतकों के करवाए गए पोस्टमार्टम में यह साबित हो गया है कि तीन लोगों की मौत पुलिस की गोली से हुई है, जबकि पांच अन्य मृतकों की बॉडी में छर्रे मिले हैं। इससे माना जा रहा कि तीन लोगों की मौत पुलिस की गोली से हुई है, जबकि पांच अन्य लोगों को बलवाइयों ने मौत के घाट उतार दिया था। गृह सचिव पीके देब का कहना है कि हालात पर काबू पाने के बाद बलवाइयों को गिरफ्तार करने और संघष्ाü के दौरान इस्तेमाल किए गए हथियारों को बरामद करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
तीन की पुलिस की गोली से मौत
सूत्रों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह साफ हो गया है कि पुलिस ने भी भीड़ पर गोलियां चलाई थी। हालांकि पुलिस और सरकार के नुमाइंदे घटना के बाद बार-बार यही बयान जारी कर रहे थे कि हालात को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस ने केवल हवा में गोलियां चलाई थीं। गत रविवार को राज्य के मुख्य सचिव एस अहमद ने भी घटनास्थल का दौरा करने के बाद अपने बयान में पुलिस की गोली से किसी के भी नहीं मारे जाने का दावा किया था। सूत्रों ने बताया कि बुधवार तक आठ मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम करवाया जा चुका था। इनमें से तीन लोगों के पुलिस के राइफल की गोली से मौत होने की पुष्टि हो चुकी है।
अवैध हथियारों का भी जम कर इस्तेमाल
मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शवों में काफी संख्या में छर्रे भी मिलने की बात कही गई है। इससे माना जा रहा है कि बलवाइयों ने अवैध हथियारों से भी फायरिंग की है। गृह सचिव देब का कहना है कि गोपालगढ़ प्रकरण में वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी और हथियारों की बरामदगी के लिए अभियान भी चलाया जाएगा।
अस्पताल में लगेगा डीप फ्रिजर
नौकरी के लिए भिजवाया प्रस्ताव
जिला कलेक्टर द्वारा पिपरोली निवासी मृतक इकबाल के परिवारजनों से राज्य सरकार के आश्वासन के अनुसार नौकरी हेतु आवेदन का प्रस्ताव भिजवाया या है। जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले के रिक्त पदों की सूची भी तैयार करवा ली गई है।ताकि अन्य मृतकों के निस्तारण के साथ ही उनके आश्रितों के नौकरी हेतु आवेदन पत्रों पर भी नियमानुसार कार्रवाई प्रारंभ की जा सके।
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