पीएम ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
नई दिल्ली। जन लोकपाल बिल को लेकर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में सहमति बनी तो अन्ना के लोकपाल पर फैसला हो सकता है। सरकार की ओर से अन्ना के आंदोलन के लिए बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक में मानसून सत्र की अवधि बढ़ाने पर भी बात हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के एक हफ्ते से ज्यादा से चल रहे अनशन के बाद बुधवार को सुबह 10 बजे तक का समय मांगा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पहल पर सरकार की ओर से नियुक्त वार्ताकार केन्द्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी और सलमान खुर्शीद ने मंगलवार रात टीम अन्ना के साथ हुई बैठक को सरकार ने बातचीत को सकारात्मक बताया। टीम अन्ना को अब सरकार के जवाब का इंतजार है।
सरकार ने अन्ना की सेहत पर चिंता जताई। इधर, देर रात प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सीसीपीए की बैठक बुलाई। इसके तुरंत बाद कांग्रेस कोर ग्रुप की भी बैठक हुई। प्रधानमंत्री ने अन्ना को पत्र लिख अनशन खत्म करने का अनुरोध किया और साथ ही कहा कि सरकार जन लोकपाल बिल को संसद की स्थायी समिति के पास भेजने को तैयार है।
टीम अन्ना और टीम प्रणब में हुई बात
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार और हमारे बीच तीन मुद्दों पर असहमति है। सरकार ने इन पर विचार के लिए बुधवार सुबह तक का वक्त मांगा है। प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार ने अन्ना से अनशन तोड़ने की भी अपील की है। लेकिन आज जो बातचीत हुई उसमें ऎसा कुछ नहीं निकला कि हम अन्नाजी से अनशन तोड़ने को कहें।
सरकार ने लोकपाल दायरे में पीएम को रखने पर आपत्ति नहीं जताई है। टीम अन्ना ने सरकार से जजों पर अपना बिल दिखाने की बात भी कही। इसमें टीम अन्ना और सरकार के बीच जारी गतिरोध को दूर करने पर चर्चा की गई।
प्रणब बोले, समाधान जरूर निकलेगा
मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि मैं आशान्वित हूं कि हम समाधान निकालने में सक्षम होंगे। मंत्री ने कहा कि आठ दिनों से अन्न बिना रह रहे अन्ना हजारे की जिंदगी "बहुत कीमती" है। उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श शुरू हो गया है। इस मुद्दे पर आगे की चर्चा बुधवार को पार्टी की बैठक में की जाएगी। दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी रहेगी और हमें उम्मीद है कि हम समाधान निकालने में सक्षम होंगे।
क्या-क्या हुआ था
इससे पहले सरकार ने प्रणव मुखर्जी को वार्ताकार नियुक्त किया है। प्रधानमंत्री ने मुखर्जी, रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी व गृह मंत्री पी. चिदंबरम से चर्चा के बाद अन्ना को पत्र लिख इस सरकारी पहल की जानकारी दी। पहले दौर की वार्ता में सरकार की ओर से मुखर्जी व सलमान खुर्शीद ने भाग लिया। वहीं सिविल सोसायटी की ओर से किरण बेदी, अरविंद केजरीवाल व प्रशांत भूषण शामिल हुए।
आधी रात तक होती रही माथापच्ची
देर रात प्रधानमंत्री ने अन्ना मसले को लेकर आपात बैठक बुलाई। इसमें वे वरिष्ठ मंत्रियों के साथ चर्चा की। माना जा रहा है कि टीम अन्ना के साथ बातचीत के बाद प्रणब मुखर्जी ने प्रधानमंत्री को सारी स्थिति से अवगत कराया। सुबह टीम अन्ना के साथ फिर बात होनी है। यह बैठक उसी परिप्रेक्ष्य में हुई। इस बैठक के खत्म होने के तुरंत बाद कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक भी हुई गई। इस बैठक में सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल भी मौजूद थे।
इन पर रजामंदी
पीएम लोकपाल के दायरे में।
न्यायपालिका के लिए अलग कानून।
सीबीआई का एंटी करप्शन सेल लोकपाल के अधीन काम करेगा।
...तो यहां मतभेद
जूनियर कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने पर।
राज्यों में एक साथ लोकायुक्त की नियुक्ति।
हर काम की अवधि तय करना, न होने पर अफसर का वेतन काटे।
टीम अन्ना की शर्ते
स्थाई समिति के पास नहीं, सीधा संसद में पेश हो जन लोकपाल बिल।
सरकारी बिल स्थायी समिति से वापस लिया जाए या रद्द हो।
यूपीए व कांग्रेस लिखित में दे, सदन में समर्थन का आश्वासन।
जन लोकपाल बिल इसी सत्र में पारित हो, जरूरत हो तो सत्र आगे बढ़े।
राहुल-पीएम की मंत्रणा से खुला रास्ता
इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ विचार विमर्श किया। प्रधानमंत्री ने लोकपाल विधेयक पर विचार कर रही संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी से भी लंबी बातचीत की। सिंघवी ने बताया कि लोकपाल विधेयक पर संसदीय समिति में विचार विमर्श की प्रक्रिया तेज करने के लिए इसकी अगली बैठक एक सितंबर को बुलाई गई है।
दिन में बुना गया बातचीत का तानाबाना
ज्ञातव्य है कि इससे पहले केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल की कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित के आवास पर मुलाकात हुई। मुलाकात के बाद दौरान अन्ना के सहयोगी अखिल गोगोई भी मौजूद थे। मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार वार्ता को राजी है। सरकार ने वार्ता के लिए प्रणव मुखर्जी को नियुक्त किया है। उधर, खुर्शीद ने पत्रकारों से कहा कि सरकार खुले मन से बातचीत करेगी।
इस बीच, अन्ना के सहयोगी स्वामी अग्निवेश ने पहली बार स्वीकारा है कि पर्दे के पीछे से बातचीत चल रही है। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक सरकार और सिविल सोसायटी के बीच चल रही वार्ता की जानकारी सोनिया गांधी तक पहुंचाई जा रही है। सोनिया गांधी इस माह के अंत तक भारत आ सकती है।
नई दिल्ली। जन लोकपाल बिल को लेकर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में सहमति बनी तो अन्ना के लोकपाल पर फैसला हो सकता है। सरकार की ओर से अन्ना के आंदोलन के लिए बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक में मानसून सत्र की अवधि बढ़ाने पर भी बात हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के एक हफ्ते से ज्यादा से चल रहे अनशन के बाद बुधवार को सुबह 10 बजे तक का समय मांगा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पहल पर सरकार की ओर से नियुक्त वार्ताकार केन्द्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी और सलमान खुर्शीद ने मंगलवार रात टीम अन्ना के साथ हुई बैठक को सरकार ने बातचीत को सकारात्मक बताया। टीम अन्ना को अब सरकार के जवाब का इंतजार है।
सरकार ने अन्ना की सेहत पर चिंता जताई। इधर, देर रात प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सीसीपीए की बैठक बुलाई। इसके तुरंत बाद कांग्रेस कोर ग्रुप की भी बैठक हुई। प्रधानमंत्री ने अन्ना को पत्र लिख अनशन खत्म करने का अनुरोध किया और साथ ही कहा कि सरकार जन लोकपाल बिल को संसद की स्थायी समिति के पास भेजने को तैयार है।
टीम अन्ना और टीम प्रणब में हुई बात
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार और हमारे बीच तीन मुद्दों पर असहमति है। सरकार ने इन पर विचार के लिए बुधवार सुबह तक का वक्त मांगा है। प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार ने अन्ना से अनशन तोड़ने की भी अपील की है। लेकिन आज जो बातचीत हुई उसमें ऎसा कुछ नहीं निकला कि हम अन्नाजी से अनशन तोड़ने को कहें।
सरकार ने लोकपाल दायरे में पीएम को रखने पर आपत्ति नहीं जताई है। टीम अन्ना ने सरकार से जजों पर अपना बिल दिखाने की बात भी कही। इसमें टीम अन्ना और सरकार के बीच जारी गतिरोध को दूर करने पर चर्चा की गई।
प्रणब बोले, समाधान जरूर निकलेगा
मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि मैं आशान्वित हूं कि हम समाधान निकालने में सक्षम होंगे। मंत्री ने कहा कि आठ दिनों से अन्न बिना रह रहे अन्ना हजारे की जिंदगी "बहुत कीमती" है। उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श शुरू हो गया है। इस मुद्दे पर आगे की चर्चा बुधवार को पार्टी की बैठक में की जाएगी। दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी रहेगी और हमें उम्मीद है कि हम समाधान निकालने में सक्षम होंगे।
क्या-क्या हुआ था
इससे पहले सरकार ने प्रणव मुखर्जी को वार्ताकार नियुक्त किया है। प्रधानमंत्री ने मुखर्जी, रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी व गृह मंत्री पी. चिदंबरम से चर्चा के बाद अन्ना को पत्र लिख इस सरकारी पहल की जानकारी दी। पहले दौर की वार्ता में सरकार की ओर से मुखर्जी व सलमान खुर्शीद ने भाग लिया। वहीं सिविल सोसायटी की ओर से किरण बेदी, अरविंद केजरीवाल व प्रशांत भूषण शामिल हुए।
आधी रात तक होती रही माथापच्ची
देर रात प्रधानमंत्री ने अन्ना मसले को लेकर आपात बैठक बुलाई। इसमें वे वरिष्ठ मंत्रियों के साथ चर्चा की। माना जा रहा है कि टीम अन्ना के साथ बातचीत के बाद प्रणब मुखर्जी ने प्रधानमंत्री को सारी स्थिति से अवगत कराया। सुबह टीम अन्ना के साथ फिर बात होनी है। यह बैठक उसी परिप्रेक्ष्य में हुई। इस बैठक के खत्म होने के तुरंत बाद कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक भी हुई गई। इस बैठक में सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल भी मौजूद थे।
इन पर रजामंदी
पीएम लोकपाल के दायरे में।
न्यायपालिका के लिए अलग कानून।
सीबीआई का एंटी करप्शन सेल लोकपाल के अधीन काम करेगा।
...तो यहां मतभेद
जूनियर कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने पर।
राज्यों में एक साथ लोकायुक्त की नियुक्ति।
हर काम की अवधि तय करना, न होने पर अफसर का वेतन काटे।
टीम अन्ना की शर्ते
स्थाई समिति के पास नहीं, सीधा संसद में पेश हो जन लोकपाल बिल।
सरकारी बिल स्थायी समिति से वापस लिया जाए या रद्द हो।
यूपीए व कांग्रेस लिखित में दे, सदन में समर्थन का आश्वासन।
जन लोकपाल बिल इसी सत्र में पारित हो, जरूरत हो तो सत्र आगे बढ़े।
राहुल-पीएम की मंत्रणा से खुला रास्ता
इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ विचार विमर्श किया। प्रधानमंत्री ने लोकपाल विधेयक पर विचार कर रही संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी से भी लंबी बातचीत की। सिंघवी ने बताया कि लोकपाल विधेयक पर संसदीय समिति में विचार विमर्श की प्रक्रिया तेज करने के लिए इसकी अगली बैठक एक सितंबर को बुलाई गई है।
दिन में बुना गया बातचीत का तानाबाना
ज्ञातव्य है कि इससे पहले केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल की कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित के आवास पर मुलाकात हुई। मुलाकात के बाद दौरान अन्ना के सहयोगी अखिल गोगोई भी मौजूद थे। मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार वार्ता को राजी है। सरकार ने वार्ता के लिए प्रणव मुखर्जी को नियुक्त किया है। उधर, खुर्शीद ने पत्रकारों से कहा कि सरकार खुले मन से बातचीत करेगी।
इस बीच, अन्ना के सहयोगी स्वामी अग्निवेश ने पहली बार स्वीकारा है कि पर्दे के पीछे से बातचीत चल रही है। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक सरकार और सिविल सोसायटी के बीच चल रही वार्ता की जानकारी सोनिया गांधी तक पहुंचाई जा रही है। सोनिया गांधी इस माह के अंत तक भारत आ सकती है।
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