चित्कारें सुन रो पड़ी आंखें
जालोर/बागरा। कस्बे में सोमवार को वोकली नाडी में डूबने से चार बच्चों की मौत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। दिल दहलाने वाले हादसे के बारे में जिसने भी सुना स्तब्ध रह गया। हादसे के बाद मौके पर घंटों तक सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ लगी रही। वहीं कस्बे में मातम का माहौल छा गया।
घटना के कुछ ही समय में मासूमों की मौत की खबर कस्बे में आग की तरह फैल गई। जिसने भी सुना वह वोकली नाडी की तरफ दौड़ पड़ा। कुछ ही देर में वोकली नाडी पर पैर रखने तक को जगह नहीं थी। इधर, मृतक बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। परिजनों की चित्कारें सुन वहां मौजूद हर किसी की आंखों से अश्रुधारा बह निकली।
बच्चों के बचने की उम्मीद नहीं होने के बावजूद हर एक उनकी जिन्दगी के लिए दुआ मांग रहा था। घटना के बाद गांव में शोक की लहर छा गई। जन्माष्टमी पर्व की खुशियां गम में बदल गई। देर शाम जैसे ही अर्थियां उठी कोहराम मच गया। हर तरफ करूण क्रंदन सुनाई दे रहा था। इस दौरान गमगीम माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। घटना को लेकर गांव के कई घरो मे चूल्हे तक नहीं जले।
कपड़ो से चला पता
वोकली नाडी में डूबने वाले बच्चों की संख्या को लेकर कुछ समय तक सिर्फ कयास ही लगाए जाते रहे। बाद में नाडी के समीप रखे बच्चों के कपड़ों से चार बच्चों के नाडी में डूबने का पता चला।
घंटों की जद्दोजहद
वोकली नाडी मे सोमवार को चार बच्चो के डूबने की खबर जैसे ही मिली। ग्रामीण उन्हें बचाने के लिए दौड़ पड़े। तैराक भवसिंह परमार, अमरसिंह दहिया, रतनलाल, भीमाराम, रामलाल घांची, चन्दनमल मेघवाल, मिश्रीमल, पन्नालाल भील, मीठालाल, लाखसिंह, मोड़सिंह परमार, वागाराम मेघवाल, मोड़सिंह दहिया, रमेश कुमार भील, हरीसिंह व चेलाराम सहित कई ग्रामीण शवों को बाहर निकालने के नाडी में उतर गए। मासूमों की जिंदगी बचाने के लिए दो घंटे की जद्दोजहद चलती रही। लेकिन ये लोग बिना थकान के काम में जुटे रहे। आखिर दो घंटे बाद शवों को बाहर निकाला जा सका।
कलक्टर ने दी दिलासा
हादसे की जानकारी मिलने पर शाम साढ़े पांच बजे कलक्टर के.के. गुप्ता मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी। इससे पहले उपखंड अधिकारी प्रदीप बालाच, पुलिस उप अधीक्षक देवकिशन शर्मा, कार्यवाहक तहसीलदार चंचल वर्मा, जालोर कोतवाल अन्नराज राजपुरोहित, नायब तहसीलदार शंकरलाल, सरपंच महेन्द्र कुमार एवं उप सरपंच गंगासिंह सिन्धल सहित ग्रामीण मौके पर पहुंचे।
जालोर/बागरा। कस्बे में सोमवार को वोकली नाडी में डूबने से चार बच्चों की मौत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। दिल दहलाने वाले हादसे के बारे में जिसने भी सुना स्तब्ध रह गया। हादसे के बाद मौके पर घंटों तक सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ लगी रही। वहीं कस्बे में मातम का माहौल छा गया।
घटना के कुछ ही समय में मासूमों की मौत की खबर कस्बे में आग की तरह फैल गई। जिसने भी सुना वह वोकली नाडी की तरफ दौड़ पड़ा। कुछ ही देर में वोकली नाडी पर पैर रखने तक को जगह नहीं थी। इधर, मृतक बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। परिजनों की चित्कारें सुन वहां मौजूद हर किसी की आंखों से अश्रुधारा बह निकली।
बच्चों के बचने की उम्मीद नहीं होने के बावजूद हर एक उनकी जिन्दगी के लिए दुआ मांग रहा था। घटना के बाद गांव में शोक की लहर छा गई। जन्माष्टमी पर्व की खुशियां गम में बदल गई। देर शाम जैसे ही अर्थियां उठी कोहराम मच गया। हर तरफ करूण क्रंदन सुनाई दे रहा था। इस दौरान गमगीम माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। घटना को लेकर गांव के कई घरो मे चूल्हे तक नहीं जले।
कपड़ो से चला पता
वोकली नाडी में डूबने वाले बच्चों की संख्या को लेकर कुछ समय तक सिर्फ कयास ही लगाए जाते रहे। बाद में नाडी के समीप रखे बच्चों के कपड़ों से चार बच्चों के नाडी में डूबने का पता चला।
घंटों की जद्दोजहद
वोकली नाडी मे सोमवार को चार बच्चो के डूबने की खबर जैसे ही मिली। ग्रामीण उन्हें बचाने के लिए दौड़ पड़े। तैराक भवसिंह परमार, अमरसिंह दहिया, रतनलाल, भीमाराम, रामलाल घांची, चन्दनमल मेघवाल, मिश्रीमल, पन्नालाल भील, मीठालाल, लाखसिंह, मोड़सिंह परमार, वागाराम मेघवाल, मोड़सिंह दहिया, रमेश कुमार भील, हरीसिंह व चेलाराम सहित कई ग्रामीण शवों को बाहर निकालने के नाडी में उतर गए। मासूमों की जिंदगी बचाने के लिए दो घंटे की जद्दोजहद चलती रही। लेकिन ये लोग बिना थकान के काम में जुटे रहे। आखिर दो घंटे बाद शवों को बाहर निकाला जा सका।
कलक्टर ने दी दिलासा
हादसे की जानकारी मिलने पर शाम साढ़े पांच बजे कलक्टर के.के. गुप्ता मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी। इससे पहले उपखंड अधिकारी प्रदीप बालाच, पुलिस उप अधीक्षक देवकिशन शर्मा, कार्यवाहक तहसीलदार चंचल वर्मा, जालोर कोतवाल अन्नराज राजपुरोहित, नायब तहसीलदार शंकरलाल, सरपंच महेन्द्र कुमार एवं उप सरपंच गंगासिंह सिन्धल सहित ग्रामीण मौके पर पहुंचे।
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