नई दिल्ली।। सर्वदलीय बैठक में जन लोकपाल बिल पर कोई बात न बनने से अब 9 दिन से अन्ना हजारे के अनशन को तुड़वाने की आशंका पैदा हो गई है। बैठक में भी सभी दल अन्ना से अनशन खत्म करने की अपील कर चुके हैं। इस बीच खबर है कि डीसीपी चांद रामलीला ग्राउंड पहुंच चुके हैं।
जबरन अस्पताल ले जाएंगे अन्ना को?
टीम अन्ना ने आशंका जताई है कि सरकार अन्ना का जबरन अनशन तुड़वा सकती है। गौरतलब है कि जन लोकपाल के ड्राफ्ट पर सर्वदलीय बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई है। उधर, अन्ना हजारे का अनशन टूटने में जैसे-जैसे देर हो रही है, समर्थकों का धैर्य टूटता जा रहा है।
9 दिन और कर सकता हूं अनशन
सबको अन्ना की सेहत की चिंता है, मगर अन्ना के मनोबल में कोई कमी नहीं दिख रही। शाम को मंच पर आकर वह फिर बोले कि 'मेरी चिंता न करें। मैं ठीक हूं।' उन्होंने कहा कि 'अभी 9 दिन और अनशन जारी रख सकता हूं।' उन्होंने कहा 'अनशन की चिंता नहीं है, चिंता उस करप्शन की है जिसकी वजह से देशवासियों का जीना मुश्किल हो गया है।'
उन्होंने कहा, 'वैसे तो मैं ठीक हूं। फिर भी शरीर है, उसका कोई भरोसा नहीं। लेकिन मेरी चिंता मत कीजिए। मैं मर गया तो मेरा सौभाग्य होगा कि देश के लिए जान देने का मौका मिला।'
'रामलीला मैदान में आरएएफ क्यों?'
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने यह कह कर सबको चौंका दिया कि रामलीला मैदान के चारों ओर सुरक्षा बलों की तादादा बढ़ा दी गई है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर यहां आरएएफ के जवान क्यों तैनात किए जा रहे हैं? इसके बाद यह सवाल खडा हो गया कि क्या सरकार किसी पुलिस कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
मगर, दिल्ली पुलिस ने तुरंत इस बात का खंडन करते हुए कहा कि सुरक्षा बलों की तादाद नहीं बढ़ाई गई है। पुलिस के मुताबिक ड्यूटी में बदलाव की वजह से यह गलतफहमी हुई।
सर्वदलीय बैठक
प्रधानमंत्री आवास पर सर्वदलीय बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में जन लोकपाल बिल का नया ड्राफ्ट पेश होगा जो टीम अन्ना ने सरकार को सौंपा है। कुछ मुद्दों पर सरकार और टीम अन्ना में मतभेद बरकरार हैं। मगर, अब सबकी नजरें सर्वदलीय बैठक पर ही टिकी हैं।
अन्ना समर्थक पहुंचे प्रधानमंत्री आवास
अन्ना हजारे की नाजुक होती हालत से चिंतित कई समर्थकों ने 7, रेसकोर्स रोड स्थित प्रधानमंत्री आवास पर दो बार प्रदर्शन किया। वे नारे लगा रहे थे और अन्ना का अनशन जल्द खत्म कराने की मांग कर रहे थे। पुलिस ने इस प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
नतीजा नहीं दे सकी खुर्शीद से बातचीत
लोकपाल बिल को लेकर कुछ मुद्दों पर सहमति के बाद बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए बुधवार को सरकार और अन्ना हजारे की टीम के बीच दूसरे दौर की बातचीत हुई। हालांकि, इस मीटिंग में असहमति के तीनों बिंदुओं पर गतिरोध बरकरार रहा। सूत्रों के मुताबिक, कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ दो घंटे तक चली बैठक में टीम अन्ना ने नया ड्राफ्ट सौंपा, जिसे लेकर वह प्रणव मुखर्जी को दिखाने के लिए उनके दफ्तर गए हैं।
मीटिंग के बाद खुर्शीद के घर से निकलते वक्त अन्ना हजारे की टीम के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक और दौर की बातचीत होने की संभावना है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोपहर सर्वदलीय बैठक के बाद एक बार फिर सरकार और अन्ना की टीम की बातचीत हो सकती है। खुर्शीद ने भी कहा कि बातचीत अच्छी रही लेकिन अभी कोई नतीजा नहीं निकला है।
गौरतलब है कि अभी तक सरकार और टीम अन्ना में प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने, न्यायपालिका के भ्रष्टाचार को लोकपाल के दायरे से बाहर रखने और दूसरे कानून में उसे शामिल करने और भ्रष्टाचार के सारे मामलों की जांच सीबीआई के बजाय लोकपाल के दायरे में लाने पर सहमति बन चुकी है। तीन प्रमुख मुद्दों पर अभी सहमति नहीं बन पाई है। इनमें नागरिकों के लिए चार्टर, निचले स्तर की नौकरशाही और लोकपाल के जरिए ही राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति के मुद्दे शामिल हैं।
'बिल से ज्यादा जरूरी अनशन टूटना'
हालांकि, सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि अन्ना हजारे का अनशन खत्म कराना फिलहाल विधेयक पारित करने से ज्यादा जरूरी है। बैठक के पहले खुर्शीद ने कहा कि लोकपाल विधेयक को पारित होने में 20 से भी ज्यादा दिन लग सकते हैं, लेकिन अनशन तब तक जारी नहीं रखा जा सकता।
जबरन अस्पताल ले जाएंगे अन्ना को?
टीम अन्ना ने आशंका जताई है कि सरकार अन्ना का जबरन अनशन तुड़वा सकती है। गौरतलब है कि जन लोकपाल के ड्राफ्ट पर सर्वदलीय बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई है। उधर, अन्ना हजारे का अनशन टूटने में जैसे-जैसे देर हो रही है, समर्थकों का धैर्य टूटता जा रहा है।
9 दिन और कर सकता हूं अनशन
सबको अन्ना की सेहत की चिंता है, मगर अन्ना के मनोबल में कोई कमी नहीं दिख रही। शाम को मंच पर आकर वह फिर बोले कि 'मेरी चिंता न करें। मैं ठीक हूं।' उन्होंने कहा कि 'अभी 9 दिन और अनशन जारी रख सकता हूं।' उन्होंने कहा 'अनशन की चिंता नहीं है, चिंता उस करप्शन की है जिसकी वजह से देशवासियों का जीना मुश्किल हो गया है।'
उन्होंने कहा, 'वैसे तो मैं ठीक हूं। फिर भी शरीर है, उसका कोई भरोसा नहीं। लेकिन मेरी चिंता मत कीजिए। मैं मर गया तो मेरा सौभाग्य होगा कि देश के लिए जान देने का मौका मिला।'
'रामलीला मैदान में आरएएफ क्यों?'
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने यह कह कर सबको चौंका दिया कि रामलीला मैदान के चारों ओर सुरक्षा बलों की तादादा बढ़ा दी गई है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर यहां आरएएफ के जवान क्यों तैनात किए जा रहे हैं? इसके बाद यह सवाल खडा हो गया कि क्या सरकार किसी पुलिस कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
मगर, दिल्ली पुलिस ने तुरंत इस बात का खंडन करते हुए कहा कि सुरक्षा बलों की तादाद नहीं बढ़ाई गई है। पुलिस के मुताबिक ड्यूटी में बदलाव की वजह से यह गलतफहमी हुई।
सर्वदलीय बैठक
प्रधानमंत्री आवास पर सर्वदलीय बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में जन लोकपाल बिल का नया ड्राफ्ट पेश होगा जो टीम अन्ना ने सरकार को सौंपा है। कुछ मुद्दों पर सरकार और टीम अन्ना में मतभेद बरकरार हैं। मगर, अब सबकी नजरें सर्वदलीय बैठक पर ही टिकी हैं।
अन्ना समर्थक पहुंचे प्रधानमंत्री आवास
अन्ना हजारे की नाजुक होती हालत से चिंतित कई समर्थकों ने 7, रेसकोर्स रोड स्थित प्रधानमंत्री आवास पर दो बार प्रदर्शन किया। वे नारे लगा रहे थे और अन्ना का अनशन जल्द खत्म कराने की मांग कर रहे थे। पुलिस ने इस प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
नतीजा नहीं दे सकी खुर्शीद से बातचीत
लोकपाल बिल को लेकर कुछ मुद्दों पर सहमति के बाद बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए बुधवार को सरकार और अन्ना हजारे की टीम के बीच दूसरे दौर की बातचीत हुई। हालांकि, इस मीटिंग में असहमति के तीनों बिंदुओं पर गतिरोध बरकरार रहा। सूत्रों के मुताबिक, कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ दो घंटे तक चली बैठक में टीम अन्ना ने नया ड्राफ्ट सौंपा, जिसे लेकर वह प्रणव मुखर्जी को दिखाने के लिए उनके दफ्तर गए हैं।
मीटिंग के बाद खुर्शीद के घर से निकलते वक्त अन्ना हजारे की टीम के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक और दौर की बातचीत होने की संभावना है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोपहर सर्वदलीय बैठक के बाद एक बार फिर सरकार और अन्ना की टीम की बातचीत हो सकती है। खुर्शीद ने भी कहा कि बातचीत अच्छी रही लेकिन अभी कोई नतीजा नहीं निकला है।
गौरतलब है कि अभी तक सरकार और टीम अन्ना में प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने, न्यायपालिका के भ्रष्टाचार को लोकपाल के दायरे से बाहर रखने और दूसरे कानून में उसे शामिल करने और भ्रष्टाचार के सारे मामलों की जांच सीबीआई के बजाय लोकपाल के दायरे में लाने पर सहमति बन चुकी है। तीन प्रमुख मुद्दों पर अभी सहमति नहीं बन पाई है। इनमें नागरिकों के लिए चार्टर, निचले स्तर की नौकरशाही और लोकपाल के जरिए ही राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति के मुद्दे शामिल हैं।
'बिल से ज्यादा जरूरी अनशन टूटना'
हालांकि, सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि अन्ना हजारे का अनशन खत्म कराना फिलहाल विधेयक पारित करने से ज्यादा जरूरी है। बैठक के पहले खुर्शीद ने कहा कि लोकपाल विधेयक को पारित होने में 20 से भी ज्यादा दिन लग सकते हैं, लेकिन अनशन तब तक जारी नहीं रखा जा सकता।
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