बाड़मेर भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन पर बैठे अना को पूरे देश से अपर जनसमर्थन मिला हैं ! और अन्ना के साथ बच्चे , महिलाए , युवा और बुज़ुर्ग भी जुड़ चुके हैं लेकिन राजस्थान के बाड़मेर जिले में पैंसठ वर्षीय एक बुज़ुर्ग ने छ दिनों से अनशन कर अपनी जिंदगी को दांव पर लगा दिया हैं ! अब यह बुज़ुर्ग जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा हैं !
भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अन्ना हजारे की जंग जारी हैं ! 74 बसंत पार कर चुके अन्ना हजारे के साथ जनसमुदाय भी पूरी तरह से साथ दे रहा हैं ! राजस्थान के बाड़मेर जिले में भी अन्ना के एक पैंसठ वर्षीय समर्थक जैसल सिंह खारवाल ने पिछले छ: दिनों से अन्न का त्याग कर दिया और उसमे उसकी हालत खराब हैं लेकिन अब भी वो अन्ना का साथ दे रहा हैं ! आम आदमी की तरह ही यह भ्रष्टाचार पीड़ित हैं..लेकिन अन्ना के आन्दोलन के बाद इसने भी अपनी पीड़ा को अनसन के माध्यम से रखा और बालोतरा में मुख्य रास्ते पर बैठ कर इसने भी आन्दोलन में अनशन प्रारंभ किया ,, छ दिन तक अनशन के बाद जैसल सिंह का वजन करीब पांच किलो तक घट गया और बाद में यहाँ पर ही बेहोश हो गया ! लेकिन थोडा होश आया तो वापस यह बैठ गया भर्ष्टाचार के खिलाफ धरने पर ! लेकिन लगातार गिरते स्वास्थ्य और रक्त में क्रिटोंन मिलने के कारण इसको प्रशासन ने वहा से जबरन उठाया और हॉस्पिटल में भारती करवाया लेकिन वो अब भी अनशन पर कायम हैं !
भ्रष्टाचार का दंश झेल चुका यह शख्स ना केवल अनशन कर रहा हैं बल्कि अन्ना के समर्थन में लोगो को आने का आह्वान कर रहा हैं! लेकिन अब वो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा हैं ! उम्र के अंतिम पड़ाव में होस्पिटल में पड़े-पड़े उसने एलान कर दिया हैं की जब तक वो अन्न ग्रहण नहीं करेगा , जब तक लोकपाल बिल पास नहीं हो जाता ! अनशन पर बैठे इस बुज़ुर्ग कोई प्रशासन ने जबरन अस्पताल में भारती करवा दिया हैं लेकिन उसका इरादा अब भी अनशन कायम रखने पर अमादा हैं !
बाड़मेर के बालोतरा कसबे में अनशन पर बैठे जैसल सिंह को यहाँ के लोगो का भी खासा समर्थन मिल रहा हैं! लोग बाड़मेर के अन्ना के नाम से इसको अब संबोधित करने लग गए हैं वही जैसल सिंह पूर्व में यहाँ पर सरकारी स्कूल में अध्यापक रह चुका हैं !
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