सोमवार, 1 अगस्त 2011

'तुमने मुझे अंधा बनाया लेकिन जाओ मैंने तुम्हें माफ किया...'

तेहरान. ईरान में आंख के बदले आंख लेने के इस्लामिक कानून के बारे में तो आपने सुना होगा....लेकिन यहां हाल में हुई एक घटना ने इसे उलट कर रख दिया। जी हां यहां आखिरी वक्त मे एक महिला द्वारा मिली माफी ने एक शख्स को अंधा होने से बचा लिया।
दरअसल माजिद मोवाहेदी नामक शख्स ने अमीनेह बहरामी की आंखों में सिर्फ इसलिये तेज़ाब डाल दिया था क्यूंकि बहरामी ने माजिद संग विवाह करने से माना कर दिया था। मामला सन 2004 का है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रविवार को एक सरकारी टेलीविजन द्वारा खबर दी गई है कि अमीनेह बहरामी की अपील पर माजिद मोवाहेदी को माफ कर दिया गया है। खबर में कहा गया, "बहरामी ने आखिरी वक्त पर माजिद मोवाहेदी को माफ करने का फैसला किया।"
क्या है मामला 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मोवाहेदी और बहरामी एक साथ कॉलेज में पढते थे। इसी दौरान मोवाहेदी को बहरामी से प्यार हो गया जिसके चलते मोवाहेदी ने बहरामी से शादी का आग्रह किया लेकिन बहरामी ने ऐसा करने से माना कर दिया।
गुस्साए मोवाहेदी ने 2004 में बहरामी पर तेजाब फेंक दिया।इस वजह से बहरामी का सारा चेहरा जल गया और उसकी आंखों की रोशनी भी चली गई।
केसास यानी आंख के बदले आंख
फरवरी 2009 में मोवाहेदी को इस अपराध का दोषी पाया गया और केसास यानी आंख के बदले आंख के कानून के आधार पर उसे खुद को अंधा करने की सजा दी गई।बहरहाल मोवाहेदी को रविवार को सजा दी जानी थी लेकिन ऐन आखिरी वक्त पर सजा रोक दी गई।

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