लोकपाल बिल पेश, प्रतियां जलाई
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ बहुप्रतीक्षित तथा विवादास्पद लोकपाल विधेयक गुरूवार को लोकसभा में पेश किया गया। विपक्ष ने इसका विरोध किया। लोकसभा नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने विरोध जताया और कहा कि इस बिल में प्रधानमंत्री को शामिल किया जाना चाहिए था। विपक्ष के हंगामें के बाद इस बिल को स्टेडिंग कमेटी के पास भेजा गया।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकपाल विधेयक के सरकारी मसौदे को 28 जुलाई को स्वीकृति दे दी थी, जिसमें प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे से बाहर रखा गया है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री से जुड़े मामलों की जांच उनके पद छोड़ने के बाद ही की जा सकेगी।
अन्ना ने जलाया सरकारी लोकपाल बिल
अन्ना और उनकी टीम ने सरकार के द्वारा बनाए गए लोकपाल बिल की प्रतियां जलाई गई और देश भर में विरोध प्रदर्शन किए। अन्ना हजारे ने रालेगन सिद्धी में विरोध प्रदर्शन कर प्रतियां जलाई वहीं नई दिल्ली में अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण, किरण बेदी सहित सिविल सोसाइटी के कई कार्यकर्ताओं ने इसके विरोध में प्रतीकात्मक रूप से जलाकर विरोध कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के रालेगन सिद्धी में अन्ना हजारे ने लोकपाल बिल की प्रतियां जला कर विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारे साथ धोखा किया। हम चाहते है कि यदि हर राज्य में लोकायुक्त नहीं बने तो भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत साफ नहीं है इस कारण सरकार धोखा कर रही है। सरकार के बिल के खिलाफ गांव-गांव, जिले-जिले में सरकारी लोकपाल बिल की होली जलाई जाएगी।
भाजपा ने मांगा पीएम का हस्तक्षेप
संसद में लोकपाल बिल के सरकारी मसौदे के पेश किए जाने पर मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि देश के सभी नागरिक समान है अत: प्रधानमंत्री को भी लोकपाल के दायरे में बाहर नहीं रखा जा सकता। सुषमा ने कहा हमे लोकपाल बिल का यह मसौदा स्वीकार नहीं है। भाजपा ने इस मामले में प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की मांग की ।
16 अगस्त से देश भर में आंदोलन
अन्ना ने कहा कि 16 अगस्त से हम आजादी की दूसरी लड़ाई शुरू करेंगे। देश से भ्रष्टाचार को मिटाने का यहीं मौका है।
वहीं नई दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने संसद की अवमानना की है। केन्द्र सरकार राज्यों में लोकायुक्त बनाने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि हम स्टेडिंग कमेटी के पास जाकर इस मसले पर बातचीत करेंगे।
प्रशांत भूषण ने भी इस मौके पर कहा कि हम पूरे देश से अपील करते हैं देशभर में प्रतीकात्मक रूप से बिल की कॉपियों को जलाकर विरोध किया जाए।
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ बहुप्रतीक्षित तथा विवादास्पद लोकपाल विधेयक गुरूवार को लोकसभा में पेश किया गया। विपक्ष ने इसका विरोध किया। लोकसभा नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने विरोध जताया और कहा कि इस बिल में प्रधानमंत्री को शामिल किया जाना चाहिए था। विपक्ष के हंगामें के बाद इस बिल को स्टेडिंग कमेटी के पास भेजा गया।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकपाल विधेयक के सरकारी मसौदे को 28 जुलाई को स्वीकृति दे दी थी, जिसमें प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे से बाहर रखा गया है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री से जुड़े मामलों की जांच उनके पद छोड़ने के बाद ही की जा सकेगी।
अन्ना ने जलाया सरकारी लोकपाल बिल
अन्ना और उनकी टीम ने सरकार के द्वारा बनाए गए लोकपाल बिल की प्रतियां जलाई गई और देश भर में विरोध प्रदर्शन किए। अन्ना हजारे ने रालेगन सिद्धी में विरोध प्रदर्शन कर प्रतियां जलाई वहीं नई दिल्ली में अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण, किरण बेदी सहित सिविल सोसाइटी के कई कार्यकर्ताओं ने इसके विरोध में प्रतीकात्मक रूप से जलाकर विरोध कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के रालेगन सिद्धी में अन्ना हजारे ने लोकपाल बिल की प्रतियां जला कर विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारे साथ धोखा किया। हम चाहते है कि यदि हर राज्य में लोकायुक्त नहीं बने तो भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत साफ नहीं है इस कारण सरकार धोखा कर रही है। सरकार के बिल के खिलाफ गांव-गांव, जिले-जिले में सरकारी लोकपाल बिल की होली जलाई जाएगी।
भाजपा ने मांगा पीएम का हस्तक्षेप
संसद में लोकपाल बिल के सरकारी मसौदे के पेश किए जाने पर मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि देश के सभी नागरिक समान है अत: प्रधानमंत्री को भी लोकपाल के दायरे में बाहर नहीं रखा जा सकता। सुषमा ने कहा हमे लोकपाल बिल का यह मसौदा स्वीकार नहीं है। भाजपा ने इस मामले में प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की मांग की ।
16 अगस्त से देश भर में आंदोलन
अन्ना ने कहा कि 16 अगस्त से हम आजादी की दूसरी लड़ाई शुरू करेंगे। देश से भ्रष्टाचार को मिटाने का यहीं मौका है।
वहीं नई दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने संसद की अवमानना की है। केन्द्र सरकार राज्यों में लोकायुक्त बनाने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि हम स्टेडिंग कमेटी के पास जाकर इस मसले पर बातचीत करेंगे।
प्रशांत भूषण ने भी इस मौके पर कहा कि हम पूरे देश से अपील करते हैं देशभर में प्रतीकात्मक रूप से बिल की कॉपियों को जलाकर विरोध किया जाए।
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