जयपुर। कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में सीबीआई ने दिल्ली, गाजियाबाद (उप्र) एवं जयपुर में 16 स्थानों पर मंगलवार को छापे मारे। साथ ही केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के आठ अधिकारियों एवं दो निजी फर्मो के खिलाफ मामला दर्ज किया।
सीबीआई ने यह कार्रवाई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की तीन दिन पहले संसद में पेश रिपोर्ट के बाद की है। इसमें कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़ी विभिन्न योजनाओं तथा अन्य मामलों में हुए कदाचार पर अहम सवाल उठाए गए हैं।सीबीआई की प्रवक्ता धारिणी मिश्रा ने कहा कि छापामार कार्रवाई में महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं। श्यामाप्रसाद मुखर्जी स्विमिंग पूल कॉम्प्लेक्स में निजी कंपनियों के साथ इन अफसरों ने साठ-गांठ की। साथ ही सामग्री की कीमतों में बढ़ोतरी को आधार बनाकर प्रोजेक्ट की लागत बढ़ाई।
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अहलूवालिया कॉन्ट्रेक्ट्स को यह ठेका 229.73 करोड़ रुपए में दिसंबर 2007 में दिया गया, जबकि अक्टूबर 2007 में इस काम की अनुमानित लागत 176 करोड़ रुपए बताई गई थी। इसके अलावा घटिया निर्माण कार्य की शिकायतें भी आई हैं।
आठ अफसरों में एक जयपुर का
जिन आठ अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें जयपुर के अंबाबाड़ी निवासी ईई (पी) प्रदीप गुप्ता भी हैं। उन्होंने स्वीमिंग पूल निर्माण का कार्य कराया था। उनके अलावा तत्कालीन परियोजना प्रबंधक एसएस मंडल, अधीक्षण अभियंता राजेंद्र बल्ला, कार्यपालक अभियंता मनु मित्तल, सहायक अभियंता-1 एके अरोड़ा, सहायक अभियंता-2 मनीव कुमार रावत, कनिष्ठ अभियंता संजीव कुमार एवं सहायक अभियंता (पी) सोम दत्त पर मामला दर्ज हुआ है। अहलूवालिया कॉन्ट्रेक्ट्स (इंडिया) लि. तथा कंसल्टिंग इंजीनियरिंग सर्विस और जर्मनी की श्लैस बर्गरनैन के संयुक्त उपक्रम पर भी केस दर्ज किया गया है।
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