जोधपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने नरेगा में वॉल पेंटिंग कार्य का भुगतान करने के लिए रिश्वत लेने वाले ग्राम सेवक व रोजगार सहायक को रंगे-हाथों गिरफ्तार किया है। ब्यूरो के डीआईजी संजीब कुमार नार्जारी ने बताया कि हनुमानगढ़ के परिवादी दयाराम ने ग्राम पंचायत सूरेवाला में नरेगा पेंटिंग का ठेका लिया था। इस ठेके के दो बिलों को भुगतान होना था। एक बिल 11274 रुपए का भुगतान तो उसने ले लिया तथा दूसरे बिल के 1300 रुपए बाकी थे।
यह भुगतान करने के लिए ग्राम सेवक किशनगोपाल ने उससे पहले बिल के 6400 रुपए तथा दूसरे बिल का 375 रुपए कमिशन मांगा। बाद में दोनों बिल के 6400 रुपए लेने को तैयार हो गया। ब्यूरो टीम ने शिकायत का सत्यापन कराया तब ग्राम सेवक ने 1000 रुपए ले लिए, शेष रकम लेते दोपहर बाद लेना तय हुआ। जैसे ही परिवादी ने शेष 5400 रुपए ग्राम सेवक को दिए तो उसने यह रुपए पास खड़े रोजगार सहायक देवीलाल को दिला दिए। देवीलाल को ब्यूरो कार्रवाई की भनक लगी तो उसने ये रुपए रेशमसिंह टेलर की दुकान में कपड़ों के बीच छुपा दिए, मगर रिश्वत राशि बरामद कर ग्राम सेवक व रोजगार सहायक दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
यह भुगतान करने के लिए ग्राम सेवक किशनगोपाल ने उससे पहले बिल के 6400 रुपए तथा दूसरे बिल का 375 रुपए कमिशन मांगा। बाद में दोनों बिल के 6400 रुपए लेने को तैयार हो गया। ब्यूरो टीम ने शिकायत का सत्यापन कराया तब ग्राम सेवक ने 1000 रुपए ले लिए, शेष रकम लेते दोपहर बाद लेना तय हुआ। जैसे ही परिवादी ने शेष 5400 रुपए ग्राम सेवक को दिए तो उसने यह रुपए पास खड़े रोजगार सहायक देवीलाल को दिला दिए। देवीलाल को ब्यूरो कार्रवाई की भनक लगी तो उसने ये रुपए रेशमसिंह टेलर की दुकान में कपड़ों के बीच छुपा दिए, मगर रिश्वत राशि बरामद कर ग्राम सेवक व रोजगार सहायक दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
ईओ व पटवारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सूरतगढ़ मंडी विकास समिति की बंदरबांट कर लाखों रुपए का राजस्व नुकसान करने वाले नगर पालिका के तत्कालीन विकास अधिकारी (ईओ) के खिलाफ चालान पेश कर दिया है। इसके साथ ही ब्यूरो ने शार्दुलशहर श्रीगंगानगर के पटवारी के खिलाफ भी चालान पेश किया है जो रिश्वत लेते रंगे-हाथों पकड़ा गया था।
ब्यूरो के डीआईजी संजीब कुमार नार्जारी ने बताया कि सरकार ने सूरतगढ़ मंडी विकास समिति की समस्त भूमि नगर पालिका को हस्तांतरित कर दी थी। पालिका ईओ मदनसिंह बुढ़ानिया ने इन लोगों का बकाया 3/4 राशि जमा कर नियमितिकरण करते हुए पट्टे जारी कर दिए थे। इससे लाखों रुपए की जमीन समिति के सदस्यों को मिल गई और पालिका को नुकसान हो गया। ब्यूरो ने 2007 में ईओ के खिलाफ पद के दुरुपयोग का मामला दर्ज कर जांच की थी। चार साल में पूरी हुई जांच में एसीबी ने ईओ को आरोपी मानते हुए कोर्ट में चालान पेश कर दिया।
पटवारी ने ली थी 30 हजार रुपए रिश्वत:
सादुलशहर पटवारी नरेश कुमार सोनी ने 20 अक्टूबर 08 में अमित कुमार विश्नोई से सामलाती जमीन का खाता विभाजन करने एवं इंतकाल दर्ज करने के लिए 30 हजार रुपए रिश्वत ली थी। ब्यूरो ने उसे रंगे-हाथों गिरफ्तार किया था। ब्यूरो ने इस पटवारी के खिलाफ भी चालान पेश किया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें