पहले गवाहों को धमकाया फिर डंडों से किया वार |
बाड़मेर डीएसपी कार्यालय चौहटन में रविवार को सणाऊ के एक समुदाय विशेष के लोगों ने धावा बोल दिया। समूह के रूप में आए लोगों ने पत्थरबाजी की इससे एक जना घायल हो गया। इससे एकबारगी वहां अफरा तफरी मच गई। सूचना मिलने पर एएसपी रामसिंह मीणा मौके पर पहुंचे। एहतियात के तौर पर पुलिस थाना बिजराड़ व सेड़वा से जाप्ता बुलाया गया। पुलिस ने हमले के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। घटना के अनुसार रविवार को सणाऊ गांव निवासी तनसिंह तथा मेघसिंह एससी एसटी के मामले में बयान देने के लिए डीएसपी ऑफिस चौहटन पहुंचे। डीएसपी की ओर से गवाहों से बयान लिए जा रहे थे। इस बीच निंबाराम पुत्र सिमरथाराम भील वहां आया तथा बाहर बैठे गवाहों को धमकाते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इस दौरान पुलिसकर्मियों की ओर से निंबाराम को थाने से बाहर चले जाने को कहा। इस पर निंबाराम पुत्र सिमरथाराम, नाथुराम पुत्र जुगताराम, देदाराम पुत्र नाथुराम व जुगताराम भील निवासी सणाऊ ने उन लोगों पर लाठियों से हमला करने के साथ ही पत्थरबाजी शुरू कर दी। जिससे मेघसिंह पुत्र इन्द्र सिंह घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया। इधर, माहौल गरमाने पर पुलिस थाना बिजराड़ व सेड़वा से पुलिस जाप्ता बुलाया गया। जिला मुख्यालय से एएसपी रामसिंह मीणा भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने हमले के तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि जुगताराम फरार हो गया।
मारपीट का मामला दर्ज
पुलिस ने बताया कि मेघसिंह पुत्र इन्द्र सिंह राजपूत निवासी सणाऊ ने मामला दर्ज करवाया कि वे डीएसपी ऑफिस में बयान देने के लिए आए थे। इस दौरान निंबाराम पुत्र सिमरथाराम, नाथाराम व जुगताराम भील निवासी सणाऊ ने उनपर लाठियों से हमला बोल दिया, जिससे वह घायल हो गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। |
दहेज प्रताडऩा का आरोपी जमानत पर रिहा
बालोतरा जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने दहेज प्रताडऩा के मामले में डगानाथ पुत्र भंवरनाथ जोगी का जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए। न्यायालय में बहस के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता की ओर से न्यायाधीश के समक्ष प्रकरण में झूठा फंसाए जाने के संबंध में तर्क प्रस्तुत किए गए। अभियुक्त को इस घटना से कोई सरोकार नहीं है और ना ही उससे किसी प्रकार की कोई बरामदगी हुई है। पुलिस की ओर से इस प्रकरण में अनुसंधान भी शेष नहीं है। अधिवक्ताओं की ओर से दिए गए तर्क के आधार पर न्यायाधीश ने 40 हजार रुपए जमानत राशि के दो मुचलकों पर आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए। प्रार्थी की ओर से इंद्रा कौर व्यास व सरकार की ओर से लोक अभियोजक मानाराम विश्वनोई ने तर्क प्रस्तुत किए।
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