रविवार, 17 जुलाई 2011

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गूगल अर्थ अब खतरा बँटा जा रहा हैं


कही देर ना हो जाए ...!
दुर्ग सिंह राजपुरोहित 
09928692444
  मुंबई बम धमाके, संसंद का चीर हरण , जम्मू का जलता स्वरुप , अजमेर में अल्लाह के दर पर निडरता के साथ पाप का काम या फिर पिछले सो दशको सेरह रह कर सुलगते आतंकवाद के शोलो में जलते भारत की कोई और घटना ! सरकारे अक्सर इस प्रकार की घटनाओं के बाद शांत रही और शान्ति ना भी रही तो कुछ भी कर नहीं पाई !                          
 कोई बड़ी घटना होने के बाद अक्सर सरकार सचेत होने का नाटक करती हैं , चाहे वो केंद्र सरकार हो या फिर राज्य सरकार !  यही कारण हैं की बार-बार भारत आतंक की गोलियों का शिकार बनता हैं , लहुलुहान होता हैं और कुछ समय बाद उसी ढर्रे पर वापस चलने लग जाता हैं! बाड़मेर के सीमावर्ती इलाको मैं भी अगर भविष्य में कोई बड़ी घटना हो जाए तो कोई अचरज का मामला नहीं होगा ! क्यूंकि यहाँ पर घुसपेठ भी आसान हैं , और आराम से कोई रास्ते बनाता हुआ भारत की अस्मत को खतरे में डाल सकता हैं ! इन दिनों बाड़मेर के अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर गूगल अर्थ नामक एक सोफ्टवेयर की पैनी नज़र हैं ! ये सॉफ्टवेर पहले तो इस सीमा वर्ती क्षेत्र को पूरी तरह छुपाये हुए था लेकिन अब वापस ये सीमावर्ती क्षेत्रो को दर्शा रहा हैं जिसके कारण सीमा अब सुरक्षित नहीं हैं ! मुनाबाव का रेलवे स्टेशन , आसपास के बी एस ऍफ़ के ठिकाने , रेल की पटरिया , कोंफ्रेंस हाल , पाकिस्तानी रेलवे स्टेशन , आसपास के दुसरे रंजर्स के ठिकाने सभी इस में देखे जा सकते हैं ! ये ना केवल किसी को पूरा नक्शा उपलब्ध करवाने के लिए पर्याप्त हैं बल्कि आसपास के वो इलाके जिनको वो जानना चाहता हैं वो भी दिखा रहा हैं ! इसके चलते सीमा पर होने वाली गतिविधिया , यहाँ होने वाले निर्माण की भी जानकारी पडोसी मुल्को को आसानी से मिल सकती हैं ! पहले पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क मिलने का मुद्दा और अब गूगल अर्थ के द्वारा भारत के सामरिक ठिकानों की सारी स्थिति पूरे पूरे विश्व में पहुंचाई जानी यक़ीनन भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरा बन रही हैं ! 
 क्या हैं गूगल अर्थ ?
दरअसल गूगल अर्थ 'गूगल सर्च इंजिन' का इजाद किया गया एक ऐसा सॉफ्टवेर हैं जो सेटेलाईट से पूरी पृथ्वी की तसवीरें विश्व के किसी भी स्थान पर बैठे इंसान को उपलब्ध करवा सकता हैं ! इसके लिए एक कंप्यूटर , इंटरनेट के अलवा किसी दुसरे उपकरण की कोई जरुरत नहीं रहती ! 








राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गूगल अर्थ अब खतरा बँटा जा रहा हैं ! कुछ समय  पहले जहाँ सरकारी स्तर पर ये बयान आया था कि बाड़मेर के सीमावर्ती क्षेत्र जैसे मुनाबाव , गडरा के चित्र गूगल अर्थ पर नहीं होने और उनक्पो पूरी तरह धुंधला कर दिया गया हैं लेकिन अब ऐसा नहीं हैं ! मुनबाओ का रेलवे स्टेशन , कोंफ्रेस हाल , तारबंदी , पाकिस्तान का रेलवे स्टेशन सभी इस सॉफ्टवेर में आसानी से नज़र आ रहे हैं ! यहाँ से होकर ही भारत औ पाकिस्तान के मध्य रेल लाइन बिछाई गई हैं ! इस से पहले भी ये मुद्दा काफी गहराया हुआ था !

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