इस बार थार में बंपर पैदावार की उम्मीद
बाड़मेर थार में मानसून की आहट से सूने खेतों में खुशहाली के गीत गूंजने लगे हैं। मानसून की पहली बारिश के साथ ही खरीफ की बुवाई का दौर शुरू हो चुका है। अच्छी पैदावार की उम्मीदें पाले धरती पुत्र मेहनत से तकदीर संवारने में जुटे हैं। माटी पर मालिक की मेहर से किसानों चेहरे खिले हुए हैं। इस बार मौसम ने साथ दिया तो बंपर पैदावार से किसान मालामाल हो जाएंगे।
जिले के सत्तर फीसदी गांवों में मानसून की पहली बारिश के साथ ही खरीफ की बुवाई शुरू हो गई। अलसुबह ही किसान खेतों में पहुंच झाडिय़ां काटकर सफाई करने के साथ ट्रैक्टरों से बुवाई कर रहे हैं। बाजार में खाद व बीज की दुकानों पर किसानों की भीड़ उमड़ रही है। बाजरा, ग्वार, मूंग, मोठ व तिल के बीज की खरीदारी जारी है। इन दिनों बुवाई के लिए ट्रैक्टर भी नहीं मिल रहे हैं।
सुकाल की जगी आस
बारिश से किसानों को इस बार अच्छे जमाने की आस जगी है। किसान खेताराम व मूलसिंह ने बताया कि लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण खेतों की नमी भी चली गई थी। इस बार गर्मी व उमस ज्यादा रहने के कारण यहां के किसानों को अच्छी बारिश की उम्मीद तो पहले भी थी। इसके चलते उन्होंने अपने खेतों में सूड़ का काम तो पहले ही कर दिया था। समय पर हुई अच्छी बारिश के बाद क्षेत्र के किसानों को खरीफ की अच्छी फसल की पैदावार लेने की उम्मीद जगी है।
तालाब व एनीकट हुए लबालब
जिलेभर में मूसलाधार बारिश से तालाब, एनीकट व टांके लबालब हो गए। पहली बारिश में ही तालाबों में पानी की आवक अच्छी रही। टांके भर जाने से ग्रामीणों को कई माह तक पानी मुहैया हो पाएगा। साथ ही पशुधन की प्यास भी बुझेगी।
खरीफ का लक्ष्य 7 लाख हेक्टेयर
कृषि विभाग ने खरीफ की सीजन शुरू होने के साथ बुवाई का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। कृषि पर्यवेक्षक के अनुसार बाजरा, ग्वार, मूंग, मोठ व तिल की बुवाई के लिए समय अनुकूल है। किसानों को कम बारिश में पकने वाली फसलों की बुवाई करनी चाहिए।
जिले के सत्तर फीसदी गांवों में मानसून की पहली बारिश के साथ ही खरीफ की बुवाई शुरू हो गई। अलसुबह ही किसान खेतों में पहुंच झाडिय़ां काटकर सफाई करने के साथ ट्रैक्टरों से बुवाई कर रहे हैं। बाजार में खाद व बीज की दुकानों पर किसानों की भीड़ उमड़ रही है। बाजरा, ग्वार, मूंग, मोठ व तिल के बीज की खरीदारी जारी है। इन दिनों बुवाई के लिए ट्रैक्टर भी नहीं मिल रहे हैं।
सुकाल की जगी आस
बारिश से किसानों को इस बार अच्छे जमाने की आस जगी है। किसान खेताराम व मूलसिंह ने बताया कि लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण खेतों की नमी भी चली गई थी। इस बार गर्मी व उमस ज्यादा रहने के कारण यहां के किसानों को अच्छी बारिश की उम्मीद तो पहले भी थी। इसके चलते उन्होंने अपने खेतों में सूड़ का काम तो पहले ही कर दिया था। समय पर हुई अच्छी बारिश के बाद क्षेत्र के किसानों को खरीफ की अच्छी फसल की पैदावार लेने की उम्मीद जगी है।
तालाब व एनीकट हुए लबालब
जिलेभर में मूसलाधार बारिश से तालाब, एनीकट व टांके लबालब हो गए। पहली बारिश में ही तालाबों में पानी की आवक अच्छी रही। टांके भर जाने से ग्रामीणों को कई माह तक पानी मुहैया हो पाएगा। साथ ही पशुधन की प्यास भी बुझेगी।
खरीफ का लक्ष्य 7 लाख हेक्टेयर
कृषि विभाग ने खरीफ की सीजन शुरू होने के साथ बुवाई का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। कृषि पर्यवेक्षक के अनुसार बाजरा, ग्वार, मूंग, मोठ व तिल की बुवाई के लिए समय अनुकूल है। किसानों को कम बारिश में पकने वाली फसलों की बुवाई करनी चाहिए।
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