धरोहर पर छाए संकट के बादल
भारी बारिश के कारण कभी भी गिर सकती है पोकरण की कलात्मक हवेलियां
पोकरण शहर में पिछले तीन दिनों से क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण पोकरण नगर के अपार इतिहास को समेटे पौराणिक महत्व की कलात्मक हवेलियां कभी भी हादसे का कारण बन सकती है।
एक तरफ जहां राज्य सरकार पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जिले की विभिन्न कलात्मक हवेलियों सहित अन्य ऐतिहासिक धरोहरों के रख रखाव पर लाखों रुपए खर्च कर रही है वहीं दूसरी ओर पोकरण में सैकड़ों वर्ष पूर्व निर्मित लाल पत्थर की कलात्मक हवेलियां उचित रख रखाव के अभाव में जर्जर हो रही है। एक तरफ जहां इन हवेलियों के वास्तविक मालिक लगभग सौ वर्ष पूर्व पोकरण छोड़कर मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र में बस जाने के कारण उनकी तरफ से हवेलियों की सुरक्षा के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर हवेलियों की अदभुत कला की सुरक्षा के प्रति प्रशासन भी बिल्कुल गंभीर नहीं होने के कारण कई हवेलियां गिर कर जमींदोज हो रही है तथा कई हवा अधर झूल में लटकी है। ऐसे में पिछले तीन दिनों से शहर में हो रही भारी बारिश के कारण इन हवेलियों पर संकट के बादल गहराते जा रहे हैं।
अधर में है लाखोटियों की हवेलियां
शहर के गणेश मंदिर के पास लगभग दो सौ वर्ष पूर्व निर्मित लाखोटियों की हवेलियां इन दिनों बारिश की भेंट चढ़ रही है। भारी बारिश तथा तेज हवा के झोंकों ने इन हवेलियों को तार तार कर दिया है। ऐसे में यह गगनचुम्बी इमारतें कभी गिर कर हादसे का कारण बन सकती है। हवेलियों के मालिक यहां से अन्य प्रदेशों में बस जाने के कारण उनका इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। बारिश के कारण हवेलियों में से एक हवेली का एक हिस्सा गिर चुका है तथा बाकी का हिस्सा भी गिरने के कगार पर है। वहीं शहर के गुराणियों के मोहल्ले में निर्मित रोशनलाल माहेश्वरी की हवेली तथा ब्यावर वालों के नाम से प्रसिद्ध हवेली, रामकोटड़ी, लाखोटियों की हवेली, बड़ी दुकान, छोटी दुकान, गांधियों की हवेलियां, सदर बाजार स्थित किशनजी सोनी की हवेली, बागजी सोनी की हवेली, चौधरियों की गली में स्थित नंदलाल पुरोहित, ऊजलां की हवेली, भास्कर मौहल्ले में स्थित श्रीराम सालिगराम सांवणा की हवेली, टावरियों की हवेली, झंवरों की हवेली, रोशनलाल जी की हवेली सहित कई बड़ी हवेलिया भी इन दिनों हो रही भारी बारिश की भेंट चढ़ती हुई दिखाई दे रही है।
एक तरफ जहां राज्य सरकार पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जिले की विभिन्न कलात्मक हवेलियों सहित अन्य ऐतिहासिक धरोहरों के रख रखाव पर लाखों रुपए खर्च कर रही है वहीं दूसरी ओर पोकरण में सैकड़ों वर्ष पूर्व निर्मित लाल पत्थर की कलात्मक हवेलियां उचित रख रखाव के अभाव में जर्जर हो रही है। एक तरफ जहां इन हवेलियों के वास्तविक मालिक लगभग सौ वर्ष पूर्व पोकरण छोड़कर मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र में बस जाने के कारण उनकी तरफ से हवेलियों की सुरक्षा के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर हवेलियों की अदभुत कला की सुरक्षा के प्रति प्रशासन भी बिल्कुल गंभीर नहीं होने के कारण कई हवेलियां गिर कर जमींदोज हो रही है तथा कई हवा अधर झूल में लटकी है। ऐसे में पिछले तीन दिनों से शहर में हो रही भारी बारिश के कारण इन हवेलियों पर संकट के बादल गहराते जा रहे हैं।
अधर में है लाखोटियों की हवेलियां
शहर के गणेश मंदिर के पास लगभग दो सौ वर्ष पूर्व निर्मित लाखोटियों की हवेलियां इन दिनों बारिश की भेंट चढ़ रही है। भारी बारिश तथा तेज हवा के झोंकों ने इन हवेलियों को तार तार कर दिया है। ऐसे में यह गगनचुम्बी इमारतें कभी गिर कर हादसे का कारण बन सकती है। हवेलियों के मालिक यहां से अन्य प्रदेशों में बस जाने के कारण उनका इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। बारिश के कारण हवेलियों में से एक हवेली का एक हिस्सा गिर चुका है तथा बाकी का हिस्सा भी गिरने के कगार पर है। वहीं शहर के गुराणियों के मोहल्ले में निर्मित रोशनलाल माहेश्वरी की हवेली तथा ब्यावर वालों के नाम से प्रसिद्ध हवेली, रामकोटड़ी, लाखोटियों की हवेली, बड़ी दुकान, छोटी दुकान, गांधियों की हवेलियां, सदर बाजार स्थित किशनजी सोनी की हवेली, बागजी सोनी की हवेली, चौधरियों की गली में स्थित नंदलाल पुरोहित, ऊजलां की हवेली, भास्कर मौहल्ले में स्थित श्रीराम सालिगराम सांवणा की हवेली, टावरियों की हवेली, झंवरों की हवेली, रोशनलाल जी की हवेली सहित कई बड़ी हवेलिया भी इन दिनों हो रही भारी बारिश की भेंट चढ़ती हुई दिखाई दे रही है।
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