नई दिल्ली।। मुंबई सीरियल ब्लास्ट के बाद पूरा देश सदमे में है , लेकिन देश के जिम्मेदार नेता आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की जगह आपस में ही झगड़ रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि हमले के बारे में राज्य और केंद्र के स्तर पर कोई खुफिया जानकारी नहीं मिली थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण था। हालांकि , उन्होंने जोर देकर कहा कि खुफिया जानकारी नहीं मिलने का मतलब खुफिया एजेंसियों की विफलता नहीं है।
इस बयान के बाद विपक्षी नेताओं ने चिदंबरम पर हमला बोल दिया। चिदंबरम को चारों तरफ से घिरते देख उनके बचाव में कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी कुद पड़े। उन्होंने कहा कि सभी हमलों को रोकना मुमकिन नहीं है। देश में 99 फीसदी आतंकी हमले रोक लिए गए हैं। ऐसा खुफिया तंत्र में सुधार की वजह से हुआ है , लेकिन सभी हमले रोक पाना मुश्किल है। उन्होंने इसकी तुलना अफगानिस्तान में हो रहे फिदायीन हमलों से कर दी।
फिर क्या था शिवसेना ने उन्हें देशद्रोही करार दिया। राहुल गांधी के बयान की शिवसेना ने तीखी आलोचना करते हुए उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की है। शिवसेना ने कहा कि मुंबई टेरर अटैक की तुलना अफगानिस्तान से करना गलता है।
यूपी की सीएम मायावती ने राहुल गांधी के बयान को गैर-जिम्मेदाराना और जनता को हताश करने वाला करार दिया है। माया ने राहुल के साथ-साथ चिदंबरम की भी आलोचना कर डाली। उन्होंने कहा कि यह कहना कि ब्लास्ट रोके नहीं जा सकते , दुर्भाग्यपूर्ण और जनता को हताश करने वाले हैं।
इस बयानबाजी के दौर में लालू और मुलायम कहां पीछे रहने वाले थे। उन्होंने चिदंबरम पर हमला बोल दिया और इसे खुफिया चूक का नतीजा बताया।
मुलायम सिंह ने कहा कि चिदंबरम को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए कि इस मामले में खुफिया तंत्र से कोई चूक नहीं हुई है। यह साफ चूक है।
लालू प्रसाद ने कहा कि आतंकी हमलों के खतरे मंडराते रहने के बावजूद सरकार मुंबई में चौकस नहीं थी। लालू ने कहा कि ब्लास्ट के बाद घटना स्थल पर खोजी कुत्तों के भेजने से यह नहीं रुकने वाला। खुफिया तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है।
वहीं बीजेपी के सीनियर लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि भारत सरकार को अपनी दुविधा को त्यागना चाहिए और आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण इस तरह के ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक आतंकवादी ढांचों को ध्वस्त नहीं किया जाता पाकिस्तान के साथ बातचीत करने से किसी मकसद का हल नहीं निकलेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें