मंगलवार, 19 जुलाई 2011
.और प्रेमी संग मिलकर कर दी पति की हत्या
अजीतगढ़। हरिपुरा के युवक की हत्या उसकी पत्नी ने ही प्रेमी के हाथों कराई थी। पति के दूर के रिश्तेदार से प्रेम संबंधों में फंसकर अपने हाथों सुहाग मिटाने वाली महिला और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर पुलिस ने तीन दिन में हत्या का खुलासा कर दिया। लाश फेंकने में मदद करने वाले प्रेमी के भाई की पुलिस तलाश कर रही है।
पुलिस के मुताबिक, 14 जुलाई की सुबह हरिपुरा में सड़क किनारे उसी गांव के दीपक सिंह की लाश मिली थी। मृतक के पिता किशोर सिंह की ओर से हत्या का मामला दर्ज करने के बाद एसपी गौरव श्रीवास्तव ने मामले का खुलासा करने के लिए सीओ नीमकाथाना के नेतृत्व में टीम गठित की थी। थानाधिकारी हरिपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि दीपक की पत्नी अन्नू कंवर से पूछताछ के दौरान उसके बयानों में विरोधाभास आ रहा था। उसके मोबाइल के कॉल डिटेल की जांच में शक गहरा गया तो उससे सख्ती से पूछताछ की तो अन्नू कंवर ने पति की हत्या कराने का जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने उससे पूछताछ के आधार पर हत्या करने के आरोपी दातार सिंह पुत्र शिवपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस दोनों आरोपियों को सोमवार को कोर्ट में पेश करेगी।
दो साल से था प्रेम- संबंध
अन्नू कंवर ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसे पति पसंद नहीं था। करीब दो साल पूर्व पति की बुआ गुलाब कंवर निवासी मण्डा के घर मिलने गई थी, जहां पर अन्नु कंवर का संपर्क बुआ के देवर के पोते दातार सिंह से हो गया। यहीं से दोनों के बीच प्रेम पनप गया और दोनों एक दूसरे से मोबाइल फोन पर बात करने लगे। इस दौरान दोनों के बीच इतना प्रेम बढ़ गया कि उन्होंने शादी करने की सोच ली, लेकिन पहले से शादीशुदा होने के कारण अन्नू कंवर और उसके प्रेमी ने दीपक को रास्ते से हटा दिया।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
पुलिस ने बताया कि दीपक सिंह 11 जुलाई को हरिपुरा से ससुराल आभावास पत्नी को लेने गया था। इसी दौरान अन्नू कंवर ने दातार सिंह को फोन कर हत्या की योजना बनाई। 13 जुलाई को अन्नू ने पति को बहाने से हरिपुर उसकी दादी से मिलकर दो बेस लेकर आने को कहा। -योजना के मुताबिक दातार सिंह बाइक से थोई थाना क्षेत्र के घाटा निवासी अपने दोस्त कैलाश चन्द्र गुर्जर पुत्र तेजाराम गुर्जर को साथ लेकर उस स्थान पर पहुंच गया, जहां दीपक हरिपुर आने के लिए वाहन के इंतजार में खड़ा था। दोनों उसे फुसलाकर अजीतगढ़ ले आए। जुगलपुरा की जमनाड़ी की पहाड़ियों में दोनों उसे शराब पिलाई। प्रेमी ने दीपक सिंह के सिर पर चोट मारकर घायल कर दिया। इस दौरान कैलाश गुर्जर ने उसे छुड़वा दिया। कैलाश के होने के कारण दीपक की ड्रेसिंग कराकर दातार सिंह उसे अपने घर ले गया। दातार सिंह के घर में सिर्फ उसका भाई जितेन्द्र सिंह ही था। सोते हुए में दातार ने दोबारा दीपक के साथ मारपीट शुरू कर दी। जितेंद्र ने इसका विरोध किया, लेकिन दातार ने दीपक का गला घोंटकर हत्या कर दी। दोनों भाइयों ने बाइक से दीपक की लाश हरिपुरा में सड़क किनारे पटक दी।
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