रामगढ़ की बेटियां दसवीं के बाद पढ़ाई छोडऩे पर मजबूर
लड़कों के स्कूल में नहीं पढऩा चाहती लड़कियां छात्राओं की स्कूल नहीं हुई क्रमोन्नत
रामगढ़
कस्बे में लडखड़़ाईं शिक्षण व्यवस्था के चलते रामगढ़ की बेटियां दसवीं के बाद पढ़ाई छोडऩे पर मजबूर है। अभिभावक अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाना चाहते हैं लेकिन दसवीं के बाद उन्हें उच्च माध्यमिक स्कूल में प्रवेश दिलाना पड़ता है जो ग्रामीण अभिभावक दिलवाना नहीं चाहते हैं। साथ ही गांव की बेटियां भी लड़कों के साथ स्कूल में पढऩे में सहमत नहीं हो रही है। राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय क्रमोन्नति के बाद से ही रिक्त पदों से जूझ रहा है। बालिका माध्यमिक विद्यालय को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत करने के लिए ग्रामवासियों ने शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सरपंच को कई बार लिखित व मौखिक रूप से अवगत करवाया मगर इस समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा।
पिछले तीन वर्षों में 42 बालिकाओं ने छोड़ी पढ़ाई : कस्बे के राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय में पिछले तीन वर्षों में 63 में से 42 छात्राओं ने दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी। वर्ष 2009-10 में 22 में से 13 व 2010-11 में 19 में से 4 छात्राओं ने ही उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रवेश लिया और चालू सत्र में 23 में से अब तक 4 छात्राओं ने ही प्रवेश लिया है। इस प्रकार 70 प्रतिशत बालिकाओं ने दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी। अभिभावक चाह कर भी अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा नहीं दिला पा रहे हैं। विद्यालय को क्रमोन्नत करने के लिए ग्रामीणों द्वारा किए गए प्रयास नाकाफी साबित हो रहे है।
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